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Maharashtra Politics:महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे को मिल सकता है ये अहम पद, बेटे को केंद्र में जगह

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के सियासी गलियारों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और केंद्र में उनके बेटे को अहम पद दिया जा सकता

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, एकनाथ शिंदे के उपमुख्यमंत्री बनने की संभावना है। यदि यह निर्णय अमल में आता है, तो वह शहरी विकास (अर्बन डेवलपमेंट) या लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) जैसे महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रख सकते हैं। इसके अलावा, शिंदे अपने पार्टी कोटे में राजस्व, कृषि, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, उद्योग, और सोशल जस्टिस जैसे प्रमुख मंत्रालयों की मांग कर सकते हैं। साथ ही, केंद्र में एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री पद की मांग भी उनकी प्राथमिकताओं में शामिल हो सकती है।

शिंदे गुट की रणनीति

एकनाथ शिंदे के करीबियों का मानना है कि उपमुख्यमंत्री बनने और हेवी वेट विभागों का प्रभार लेने से पार्टी को राज्य में मज़बूती मिलेगी। यह रणनीति आगामी नगर निगम चुनावों के मद्देनजर बेहद अहम मानी जा रही है। 2025 की शुरुआत में मुंबई, ठाणे, पुणे, औरंगाबाद, सोलापुर, और कोल्हापुर समेत लगभग दो दर्जन महानगरपालिकाओं में चुनाव होंगे। ऐसे में शिंदे की सक्रिय भागीदारी पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकती है।

सरकार में शामिल रहने से शिंदे अपने विधायकों के लिए फंड सुनिश्चित कर सकते हैं और शिवसेना का प्रभाव बनाए रख सकते हैं। देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ सीधा संवाद उनकी पार्टी के हितों की रक्षा के लिए जरूरी माना जा रहा है।

अजित पवार गुट का दांव

दूसरी ओर, अजित पवार उपमुख्यमंत्री के पद के साथ वित्त मंत्रालय को अपने पास बनाए रखने की कोशिश करेंगे। वित्त विभाग पर उनकी पकड़ से उनकी पार्टी को राज्य की नीति निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका मिलेगा।

अजित पवार के गुट का जोर है कि शिंदे सरकार के दौरान उनके पास जो मंत्रालय थे, जैसे कृषि, खाद्य आपूर्ति, महिला एवं बाल कल्याण और मेडिकल एजुकेशन, उन्हें बरकरार रखा जाए। इससे उनका प्रभाव क्षेत्र बना रहेगा।

भाजपा का फॉर्मूला

भाजपा के लिए गृह मंत्रालय, वित्त, शहरी विकास, ऊर्जा और सिंचाई जैसे प्रमुख विभाग प्राथमिकता में हैं। पार्टी इन अहम विभागों को अपने नियंत्रण में रखना चाहती है ताकि प्रशासनिक और विकासात्मक योजनाओं पर उनका वर्चस्व बना रहे।

दिल्ली में अहम बैठक

तीनों गुटों के नेता दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सत्ता समीकरण पर चर्चा करेंगे। सरकार गठन और मंत्रालयों के बंटवारे की तस्वीर इस बैठक के बाद साफ हो सकती है।

मंत्रिमंडल विस्तार का गणित

सूत्रों के अनुसार, छह विधायकों पर एक मंत्री पद के फॉर्मूले पर चर्चा हो रही है। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री समेत मंत्रिपरिषद की संख्या 43 से अधिक नहीं हो सकती। ऐसे में भाजपा को 21-22 मंत्री पद, शिंदे शिवसेना को 10-12 और अजित पवार गुट को 8-9 मंत्री पद मिल सकते हैं।

भविष्य की राजनीति पर प्रभाव

शिंदे के सरकार में शामिल रहने और उनकी सक्रियता से उनकी पार्टी को मजबूती मिलने की उम्मीद है। वहीं, भाजपा और अजित पवार गुट की खींचतान राज्य में सत्ता के संतुलन को प्रभावित कर सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सत्ता का यह समीकरण आगामी चुनावों में किसके लिए फायदेमंद साबित होता है।

महाराष्ट्र की राजनीति में इस बदलाव का असर राज्य और देश की राजनीति पर पड़ना तय है।

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