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Telangana Politics:राहुल गांधी का पहले जाति-धर्म के बारे में पता चले- BJP विधायक ए महेश्वर रेड्डी

Telangana Politics: तेलंगाना विधानसभा चुनाव के पहले राहुल गांधी ने राज्य में जाति सर्वेक्षण कराने का वादा किया था. वादे के मुताबिक, 6 नवंबर से जाति सर्वेक्षण

Telangana Politics: तेलंगाना में हाल ही में जाति सर्वेक्षण की शुरुआत हुई है, जो राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है। इस सर्वेक्षण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और कांग्रेस पार्टी के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिल रही है। भाजपा विधायक ए महेश्वर रेड्डी ने इस जाति सर्वेक्षण पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार इस सर्वेक्षण के माध्यम से पिछड़े वर्गों के लोगों के साथ धोखा कर रही है।

महेश्वर रेड्डी का आरोप

भा.ज.पा. विधायक महेश्वर रेड्डी ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में जाति का सर्वेक्षण कराना तो एक बात है, लेकिन इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी का धर्म और जाति क्या है, यह जानना भी जरूरी है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और राहुल गांधी को अपनी जाति और धर्म के बारे में पूरी जानकारी है।

महेश्वर रेड्डी ने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस सरकार का यह कदम असल में जाति आधारित राजनीति को बढ़ावा देने का एक प्रयास है, जिससे समाज में और अधिक विभाजन हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण पिछड़े वर्ग के लोगों के हित में नहीं है, बल्कि यह सिर्फ कांग्रेस के राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है।

राहुल गांधी पर सवाल उठाते हुए बी महेश का बयान

वहीं, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बी महेश ने भी भाजपा नेताओं के आरोपों का जवाब देते हुए राहुल गांधी से जुड़े सवाल पूछे। बी महेश ने मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी की जाति और धर्म को लेकर कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जाति का निर्धारण वंश परंपरा से होता है, और राहुल गांधी के दादा फिरोज जहांगीर के पोते हैं, तो उन्हें पहले अपनी जाति और धर्म का सही-सही पता करना चाहिए।

बी महेश ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को पहले अपनी जाति की सही जानकारी लेनी चाहिए और उसके बाद ही इस मुद्दे पर बोलना चाहिए। उनका कहना था कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि नेता अपनी पहचान को सही तरीके से जानें, क्योंकि इससे समाज में भ्रम फैलता है।

कांग्रेस द्वारा किए गए वादों पर ध्यान केंद्रित करते हुए भाजपा का रुख

महेश्वर रेड्डी ने कांग्रेस से यह भी सवाल किया कि चुनावों से पहले किए गए वादों को पूरा करने में देरी क्यों हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राज्य में पिछड़े वर्गों के लिए जो वादे किए थे, उन्हें लागू किया जाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्गों (बीसी) के लिए 23 प्रतिशत कोटा है, जिसे बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने का वादा किया गया था। इसके अलावा, सरकारी सेवाओं में भी पिछड़े समुदायों के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया गया था। महेश्वर रेड्डी ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से इन वादों को शीघ्र पूरा करने की मांग की।

बीजेपी का भविष्य का दृष्टिकोण

भा.ज.पा. विधायक ने यह भी कहा कि अगर उनकी पार्टी तेलंगाना में सत्ता में आती है, तो वे अल्पसंख्यकों को दिए जाने वाले 4 प्रतिशत बीसी कोटे को खत्म कर देंगे। उनका कहना था कि यह कोटा केवल एक राजनीतिक चाल है, जिसका उद्देश्य वोट बैंक की राजनीति को बढ़ावा देना है।

जाति सर्वेक्षण का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

तेलंगाना में जाति सर्वेक्षण की शुरुआत से राज्य की राजनीति में ताजगी आई है, लेकिन साथ ही इसके सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव भी होंगे। जाति आधारित आंकड़े सरकार को यह समझने में मदद करेंगे कि राज्य के विभिन्न समुदायों के लिए किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। हालांकि, राजनीतिक पार्टियों के बीच इस मुद्दे पर हो रही बयानबाजी यह दिखाती है कि जाति सर्वेक्षण को लेकर मतभेद गहरे हैं और यह चुनावी रणनीति का हिस्सा भी बन सकता है।

जाति सर्वेक्षण के परिणामों का समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन यह तय है कि यह मुद्दा अगले तेलंगाना विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है।

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