Maharashtra New CM: महाराष्ट्र में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं। हालांकि यह तय हो चुका है कि मुख्यमंत्री बीजेपी से होगा। बीती रात गृह मंत्री अमित शाह के निवास पर हुई महायुति के नेताओं की बैठक के बाद सत्ता संतुलन और मंत्रालयों के बंटवारे पर सहमति बनती दिख रही है। बैठक में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के प्रमुख नेता शामिल हुए, और करीब दो घंटे चली इस वार्ता में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
बीजेपी का मुख्यमंत्री, लेकिन सहयोगियों का बड़ा हिस्सा
महायुति के सहयोगी दलों ने साफ कर दिया है कि उन्हें बीजेपी का मुख्यमंत्री स्वीकार्य है। इस दौरान मंत्रालयों के बंटवारे पर भी व्यापक चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, गृह, वित्त, राजस्व और कार्मिक जैसे प्रमुख मंत्रालय बीजेपी के पास रहेंगे। वहीं, शिवसेना को शहरी विकास और लोक निर्माण विभाग (PWD) जैसे मंत्रालय मिल सकते हैं। एनसीपी को कृषि, सिंचाई, खाद्य आपूर्ति और मेडिकल व टेक्निकल शिक्षा मंत्रालय मिलने की संभावना है।
शपथ ग्रहण की भव्य तैयारी
बीजेपी नेतृत्व अगले दो दिनों में विधायक दल की बैठक बुलाकर मुख्यमंत्री पद के लिए नाम तय करेगा। इसके साथ ही शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने की योजना बनाई जा रही है। इस समारोह में महाराष्ट्र की सांस्कृतिक झलक और राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन होगा।
बैठक का अंदरूनी एजेंडा
बैठक के दौरान अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महायुति नेताओं से अलग-अलग चर्चा की। सबसे पहले एकनाथ शिंदे के साथ करीब 25 मिनट तक बातचीत हुई। इसके बाद अजित पवार, देवेंद्र फडणवीस, और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ साझा बैठक हुई। इस दौरान मराठा समुदाय के बीच विश्वास बहाली और सरकार की स्थिरता पर भी चर्चा हुई।
शिंदे और फडणवीस का बयान
एकनाथ शिंदे ने बैठक को सकारात्मक बताया और कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके लिए जनता की सेवा और महायुति की मजबूती सबसे अहम है। वहीं, देवेंद्र फडणवीस ने अमित शाह और जेपी नड्डा का समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र को एक स्थिर और विकासशील सरकार देने के लिए प्रतिबद्ध है।
चुनावी समीकरण और बीजेपी का दबदबा
महाराष्ट्र विधानसभा में 280 सीटों में से बीजेपी ने 132 सीटों पर जीत दर्ज की है, जो उसे सबसे बड़ी पार्टी बनाती है। वहीं, शिवसेना (57 सीटें) और एनसीपी (41 सीटें) मिलकर गठबंधन को और मजबूत करते हैं। महायुति के इस चुनावी प्रदर्शन ने विपक्ष को बुरी तरह पछाड़ दिया है।
क्या होगा फैसला?
अगले मुख्यमंत्री के नाम को लेकर अभी सस्पेंस बरकरार है, लेकिन सभी संकेत देवेंद्र फडणवीस की ओर इशारा कर रहे हैं। हालांकि, शिंदे और पवार को उपमुख्यमंत्री बनाने की रणनीति बीजेपी के समीकरण को और मजबूती दे सकती है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र की राजनीतिक बागडोर किसके हाथ में जाएगी।
निष्कर्ष:
महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी की भूमिका स्पष्ट है, लेकिन महायुति के सहयोगियों के बीच संतुलन साधने की चुनौती भी बड़ी है। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठेगा, इसका फैसला जल्द होगा, लेकिन बीजेपी के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि यह सत्ता साझेदारी टिकाऊ और स्थिर बनी रहे।