IND vs AUS:यशस्वी जायसवाल ने जड़ा शतक- रचा इतिहास, बने तीसरे भारतीय

08:52 AM Nov 24, 2024 | zoomnews.in

IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया ने पहला मुकाबला रोमांचक बना दिया है। इस मैच में भले ही भारतीय टीम की पहली पारी 150 रनों पर सिमट गई हो, लेकिन दूसरी पारी में युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने अपने ऐतिहासिक प्रदर्शन से क्रिकेट जगत को चौंका दिया। जायसवाल ने दूसरी पारी में शानदार शतक जड़कर न केवल अपनी क्षमता साबित की, बल्कि भारतीय क्रिकेट के इतिहास में भी अपना नाम दर्ज कर लिया।


यशस्वी जायसवाल का शतक क्यों है खास?

यशस्वी जायसवाल ने 205 गेंदों पर शानदार धैर्य दिखाते हुए अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया। यह सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी बेहद खास रहा। यह शतक इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि जायसवाल ऑस्ट्रेलिया में अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक लगाने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं।

ऑस्ट्रेलिया में शतक बनाना हमेशा से चुनौतीपूर्ण माना गया है। वहाँ की पिचें, उछाल, और तेज गेंदबाजों की घातक गेंदबाजी बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा लेती हैं। ऐसे में अपने पहले मैच में शतक बनाकर जायसवाल ने दिखाया कि उनमें बड़े मंच पर प्रदर्शन करने की काबिलियत है।


47 साल बाद दुहराया इतिहास

ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट डेब्यू पर शतक बनाने की दुर्लभ उपलब्धि भारत के लिए 47 सालों के बाद आई है। इससे पहले यह कारनामा सुनील गावस्कर ने 1977 में ब्रिस्बेन में किया था। गावस्कर से भी पहले 1968 में मोटगनहल्ली जयसिम्हा ने इसी मैदान पर अपने डेब्यू मैच में शतक जड़ा था।

गावस्कर और जयसिम्हा की लिस्ट में अब जायसवाल का नाम जुड़ना यह दर्शाता है कि भारतीय क्रिकेट को एक ऐसा प्रतिभाशाली खिलाड़ी मिला है, जो भविष्य में भी लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट को गौरवान्वित करेगा।


पहली पारी का संघर्ष, दूसरी पारी की जीत

यशस्वी जायसवाल की इस पारी को और भी खास बनाती है उनकी पहली पारी का संघर्ष। पहली पारी में वह खाता तक नहीं खोल पाए और डक पर आउट हो गए। लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने जबरदस्त वापसी की। यह उनके मानसिक दृढ़ता और दबाव में खेलने की काबिलियत को दर्शाता है।


ऑस्ट्रेलिया में शतक की चुनौती

ऑस्ट्रेलिया में शतक बनाना हर बल्लेबाज का सपना होता है, लेकिन यह सपना हर किसी के लिए साकार नहीं हो पाता। साल 2014 में मुरली विजय ने एडिलेड टेस्ट में 99 रन बनाकर यह उपलब्धि हासिल करने का मौका गंवा दिया था। ऐसे में जायसवाल का यह शतक न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि यह भारतीय टीम के लिए मनोबल बढ़ाने वाला भी है।


भविष्य की उम्मीद

यशस्वी जायसवाल ने इस पारी से यह साबित कर दिया है कि वह भारतीय क्रिकेट का भविष्य हैं। उनके शतक ने भारतीय टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है और दर्शकों को उनके खेल में आगे और बड़े कारनामों की उम्मीद है।

यह शतक न केवल उनकी मेहनत और लगन का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे युवा खिलाड़ी मुश्किल परिस्थितियों में भी खुद को साबित कर सकते हैं। यशस्वी जायसवाल का यह प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट के लिए एक नई प्रेरणा है, जो युवा क्रिकेटरों को अपने सपने पूरे करने के लिए प्रेरित करेगा।


निष्कर्ष

यशस्वी जायसवाल का यह शतक क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादगार पल बन गया है। ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर शतक जड़ना जहां भारतीय बल्लेबाजों के लिए मुश्किल माना जाता है, वहीं जायसवाल ने अपने खेल से इसे आसान बना दिया। इस युवा खिलाड़ी ने अपने करियर की शुरुआत जिस अंदाज में की है, वह दर्शाता है कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्जवल है।