Swati Maliwal Case:विवाद के बीच क्या स्वाति मालीवाल सांसद पद से इस्तीफा दे देंगी? जानें क्या जवाब दिया

11:01 AM May 24, 2024 | zoomnews.in

Swati Maliwal Case: राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने हाल ही में सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार पर मारपीट का आरोप लगाया है। वहीं आरोप लगाए जाने के बाद से ही स्वाति मालीवाल पर आम आदमी पार्टी की ओर से लगातार तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस बीच सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या स्वाती मालीवाल राज्यसभा के सांसद पद से इस्तीफा दे देंगी। चर्चा ये भी है कि स्वाति मालीवाल अगर इस्तीफा देती हैं, तो उनकी जगह पर आम आदमी पार्टी अभिषेक मनु सिंघवी को राज्यसभा भेज सकती है।

सांसद बने रहने की लालसा नहीं

एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से इसी मुद्दे पर सवाल किया गया। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह राज्यसभा के सांसद पर से इस्तीफा देंगी? इस सवाल का जवाब देते हुए स्वाति मालीवाल ने कहा कि 'मुझे सांसद बने रहने की कोई लालसा नहीं है। ये मुझे प्यार से बोलते तो मैं हर हाल में रिजाइन कर देती, मुझे कोई समस्या नहीं है। मुझे नहीं लगता कि कोई पद में बंधी हूं। मुझे लगता है कि मैंने बहुत काम किया है और मैं काम बिना पद के भी कर सकती हूं।' 

मेरा चरित्र हरण किया जा रहा है

स्वाति मालीवाल ने आगे कहा कि 'लेकिन जिस तरीके से इन्होंने मुझे मारा और पीटा है अब चाहे दुनिया की कोई शक्ति लग जाए मैं किसी भी हाल में रिजाइन नहीं करूंगी। मुझे पता चल रहा है, मुझे बताया जा रहा है कि इसी वजह से मेरा चरित्र हरण किया जा रहा है, मैं बिल्कुल रिजाइन नहीं करूंगी। मैं संसद में युवा संसदों में से एक हूं, मैं बहुत शिद्दत से मेहनत करूंगी और एक आइडियल सांसद कैसी होती है मैं वो बनकर दिखाउंगी।' 

एक्स पर पोस्ट कर लगाए आरोप

बता दें कि आम आदमी पार्टी पर स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाते हुए एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 'मेरे कंप्लेंट फाइल करते ही नेताओं और वालंटियर की पूरी आर्मी मेरे पीछे लगाई गई, मुझे BJP का एजेंट बुलाया गया, मेरा चरित्र हरण कराया गया। काट-पीट के वीडियो लीक की गई। मेरी विक्टिम शेमिंग की गई। आरोपी के साथ घूमे, उसको क्राइम सीन पे दोबारा आने दिया और सबूत से छेड़छाड़ करी गई। आरोपी के लिये खुद सड़क पे उतर गये और अब मुख्यमंत्री साहब जिनके ड्राइंग रूम में मुझे पीटा गया, वो कह रहे हैं कि उन्हें इस मामले में निष्पक्ष जांच चाहिए। इससे बड़ी विडंबना क्या ही होगी। मैं इसे नहीं मानती। कथनी और करनी एक समान होनी चाहिये।'