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Border-Gavaskar Trophy:रोहित-विराट खेलेंगे रणजी ट्रॉफी? गंभीर बोले- आप ऐसा नहीं करते हैं तो..

Border-Gavaskar Trophy: ऑस्ट्रेलिया में रोहित शर्मा और विराट कोहली के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद चर्चा हो रही है कि दोनों को रणजी ट्रॉफी में खेलना चाहिए. दोनों

Border-Gavaskar Trophy: भारतीय क्रिकेट टीम को आखिरकार 10 साल के लंबे अंतराल के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हार का सामना करना पड़ा। पांच मैचों की इस सीरीज को भारत ने 1-3 के अंतर से गंवा दिया। इस हार के बाद टीम के प्रमुख बल्लेबाज रोहित शर्मा और विराट कोहली पर फैंस का गुस्सा फूट पड़ा है। दोनों दिग्गज इस दौरे पर अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे।

रणजी ट्रॉफी खेलने की मांग: क्या रोहित और विराट लौटेंगे घरेलू क्रिकेट में?

सीरीज में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद यह चर्चा जोरों पर है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली को अपनी खोई फॉर्म वापस पाने के लिए रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू टूर्नामेंट खेलने चाहिए। गौरतलब है कि दोनों खिलाड़ियों ने लंबे समय से रणजी ट्रॉफी में हिस्सा नहीं लिया है।

इस मुद्दे पर टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर से भी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवाल किया गया। हालांकि, सवाल में रोहित और विराट का नाम नहीं लिया गया, लेकिन इशारा दोनों की ओर ही था। गंभीर ने अपने जवाब में कहा, “मैं हमेशा चाहता हूं कि सभी खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट खेलें, यदि वे उपलब्ध हों। यदि आप रेड बॉल क्रिकेट खेलने के लिए प्रतिबद्ध हैं तो आपको घरेलू टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेना चाहिए। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो मनमुताबिक परिणाम नहीं मिलेंगे।”

क्या संन्यास लेंगे रोहित और विराट? गंभीर का जवाब

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गंभीर से रोहित शर्मा और विराट कोहली के भविष्य और संन्यास को लेकर भी सवाल किया गया। इस पर उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी भी खिलाड़ी के करियर पर टिप्पणी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, “यह उन पर निर्भर करता है। उनमें अब भी भूख और प्रतिबद्धता है। उम्मीद है कि वे भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।”

सुनील गावस्कर और इरफान पठान ने दी रणजी ट्रॉफी खेलने की सलाह

पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने भी भारतीय खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी में खेलने की सलाह दी। सिडनी टेस्ट के बाद स्टार स्पोर्ट्स पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि 23 जनवरी से रणजी ट्रॉफी का अगला राउंड शुरू हो रहा है। देखना होगा कि जो खिलाड़ी इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज में नहीं खेलते हैं, वे घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेते हैं या नहीं। उन्होंने साफ तौर पर कहा, “कोई बहाना नहीं चलेगा, आपको रणजी ट्रॉफी खेलनी ही होगी।”

पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने भी विराट कोहली को घरेलू क्रिकेट खेलने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा, “यह कब हुआ था कि विराट ने रणजी ट्रॉफी खेली थी?” इस पर क्रिकेट एंकर जतिन सप्रू ने जवाब दिया कि शायद 2012 में। पठान ने फिर कहा, “कितना समय हो गया है! महान सचिन तेंदुलकर को तो इसकी जरूरत नहीं थी, फिर भी उन्होंने घरेलू क्रिकेट खेला। उन्होंने अपने करियर के अंत तक डोमेस्टिक मैच खेले। विराट का पिछले पांच साल में औसत 30 का भी नहीं रहा है। क्या भारतीय टीम अपने सीनियर खिलाड़ी से यह उम्मीद करती है? इससे बेहतर तो यह होगा कि किसी नए खिलाड़ी को लगातार मौका दिया जाए और उसे तैयार किया जाए।”

क्या घरेलू क्रिकेट से लौटेगी फॉर्म?

भारतीय क्रिकेट में घरेलू टूर्नामेंट्स की अहमियत हमेशा से रही है। कई दिग्गज खिलाड़ी अपनी फॉर्म हासिल करने के लिए रणजी ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट में खेलते रहे हैं। पिछले कुछ सालों में भारतीय खिलाड़ियों ने विदेशी लीग्स और अंतरराष्ट्रीय शेड्यूल के चलते घरेलू क्रिकेट में कम भाग लिया है।

रोहित और विराट का रणजी ट्रॉफी में खेलना न केवल उनकी फॉर्म के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, बल्कि यह युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरित करेगा। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई बार देखा गया है कि घरेलू क्रिकेट ने खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वापसी में मदद की है।

निष्कर्ष

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली इस हार ने भारतीय टीम के कई कमजोरियों को उजागर किया है। खासकर टीम के सीनियर खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर सवाल उठे हैं। ऐसे में रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू टूर्नामेंट्स का महत्व और भी बढ़ जाता है। अगर रोहित शर्मा और विराट कोहली घरेलू क्रिकेट में खेलते हैं, तो न केवल उनकी फॉर्म में सुधार होगा, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक सकारात्मक संदेश होगा। अब देखना यह होगा कि क्या दोनों दिग्गज अपने व्यस्त शेड्यूल के बीच समय निकालकर रणजी ट्रॉफी में हिस्सा लेते हैं या नहीं।

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