India-Pakistan Relations: पाकिस्तान को अपना पहला जासूसी जहाज मिल गया है. इसे चीन की ही एक कंपनी ने बनाया है. जहाज का नाम PNS रिज़वान (A94) रखा गया है. दावा किया जा रहा है कि जहाज को बनाने का पूरा खर्च चीन की नौसेना ने उठाया है. पाकिस्तान के जासूसी जहाज को भारत के रिसर्च वेसल INS ध्रुव का जवाब माना जा रहा है. इस तरह के जासूसी जहाज कुछ देशों के पास ही हैं. इसमें भारत समेत अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन शामिल हैं. चीन की मदद से पाकिस्तान भी इस सूची में जुड़ गया है. फिलहाल, पाकिस्तान की तरफ से जहाज को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि चीन के बाकी कथित रिसर्च शिप की तरह PNS रिज़वान का इस्तेमाल हिंद महासागर में जासूसी करने के लिए होगा.
किन तकनीकों से लैस है PNS रिज़वान?
पाकिस्तान का जासूसी जहाज PNS रिज़वान 87.2 मीटर लंबा है. जहाज न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल को ट्रैक करने के साथ-साथ अन्य खुफिया जानकारी जुटाने में सक्षम है. सैटेलाइट से ली गई शिप की इमेज में PNS रिज़वान पर 3 डोम दिख रहे हैं. दावा है कि इनमें ट्रैक करने वाले उपकरण और रडार हैं. जहाज को आखिरी बार अरब सागर में देखा गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, इस जहाज के 2 मुख्य उद्देश्य हो सकते हैं- पहला, अरब सागर में इसकी तैनाती करके भारत की नौसैनिक गतिविधियों पर नजर रखना. इससे पड़ोसी मुल्क को भारत की रणनीति के बारे में पता चल सकता है. जहाज का दूसरा संभावित उद्देश्य हो सकता है कि PNS रिज़वान चीन के बाकी शिप के साथ मिलकर खुफिया जानकारी जुटाने में उसकी मदद करे.
चूंकि इसे बनाने में चीन का हाथ रहा हैै, इसलिए अनुमान है कि PNS रिज़वान चीन के रिसर्च वेसल वाली तकनीकों से लैस होगा. ये रिसर्च वेसल हिंद महासागर में डीप वाॅटर सर्वे और समुद्र तल की मैपिंग करने की क्षमता रखते हैं. हालांकि, चीन इस बात पर जोर देता है कि उसके जहाज केवल रिसर्च करने के उद्देश्यों के लिए हैं, भारत समेत कई एशियाई देश चिंतित हैं कि इनके द्वारा एकत्र किए गए संवेदनशील डेटा को चीनी सेना के साथ साझा किया जा सकता है. कुछ दिन पहले ही जब ऐसा ही चीन का एक रिसर्च जहाज मालदीव पहुंचा था तो भारत सरकार ने इस पर आपत्ति जताई थी.
भारत का मल्टी-फीचर INS ध्रुव
लंबाई के मामले में भारत का INS ध्रुव पाकिस्तान के PNS रिज़वान का दोगुना है. इसकी लंबाई 175 मीटर है. INS ध्रुव देश का पहला जहाज है जो लंबी दूरी के न्यूक्लियर मिसाइलों को भी ट्रैक कर सकता है. यह समुद्र तल की मैपिंग करने और दुश्मन सबमरीन को डिटेक्ट करने की क्षमता रखता है. यह आधुनिक रडार से लैस है जो जासूसी कर रही सैटेलाइट का पता लगाने में सक्षम हैं.
INS ध्रुव एक स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल और सबमरीन ट्रैकिंग शिप है. इसको बनाने का काम 2014 में शुरू हो गया था. हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने डीआरडीओ और राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (NTRO) के सहयोग से इसे बनाया गया. 2021 में 10 हजार टन का INS ध्रुव नौसेना का हिस्सा बना.
पाकिस्तान की ताकत बढ़ा रहा है चीन
चीन हिंद महासागर में अपने रणनीतिक हितों को साधने कि लिए पाकिस्तान की क्षमता बढ़ा रहा है. इससे पहले भी उसने पाकिस्तान को युद्धपोत की डिलीवरी की है. दोनों देशों के बीच 2018 में चार युद्धपोतों का सौदा हुआ था. साल 2023 तक चीन पाकिस्तान की नौसेना को दो युद्धपोत सौंप चुका है. इनमें से एक चीन में निर्मित 054एपी युद्धपोत है, जिसे पाकिस्तानी नौसेना ने 2021 में खरीदा था. अधिकारियों के अनुसार, यह सतह से सतह, सतह से हवा और पानी के नीचे जंगी कार्रवाई करने में सक्षम है.