US Election Result:ट्रंप की जीत के बाद क्या अब जाएंगी भारतीय इंजीनियर्स की नौकरियां?

03:58 PM Nov 06, 2024 | zoomnews.in

US Election Result: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत ने उनके समर्थकों में एक नया जोश भर दिया है। भारत में कई जगहों पर हवन-पूजा कर उनके समर्थन में आयोजन किए गए, और अब उनके राष्ट्रपति बनने का सपना सच होता दिखाई दे रहा है। लेकिन ट्रंप की इस जीत का वैश्विक असर क्या होगा, और खासकर भारत पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? आइए जानते हैं।

ट्रंप की इमिग्रेशन पॉलिसी और H-1B वीजा

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान इमिग्रेशन पॉलिसी को लेकर कड़े रुख का इशारा किया। उन्होंने साफ कहा है कि H-1B वीजा प्रोग्राम को सीमित किया जाएगा। इससे भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स और कंपनियों पर सीधा असर पड़ सकता है, क्योंकि वे इस वीजा पर निर्भर करते हैं। अगर वीजा प्रक्रिया सख्त होती है, तो वीजा की फीस और प्रोसेसिंग समय में बढ़ोतरी हो सकती है। इसके चलते अमेरिकी नौकरियों में वेतन में भी बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे भारतीय कर्मचारियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

H-1B वीजा पर काम कर रहे भारतीयों के लिए यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वीजा न केवल उन्हें अमेरिका में काम करने का मौका देता है, बल्कि स्थायी नागरिकता (ग्रीन कार्ड) प्राप्त करने की राह भी खोलता है। हालांकि, ग्रीन कार्ड की लंबी प्रतीक्षा सूची के कारण भारतीयों को इस प्रक्रिया में वर्षों इंतजार करना पड़ता है।

'Buy American, Hire American' नीति का असर

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में "Buy American, Hire American" नीति लागू की थी। इस नीति का मकसद अमेरिकी नौकरियों को प्राथमिकता देना था, जिससे एच-1बी वीजा के लिए नियम सख्त हुए। इस बार भी ट्रंप ने अपने प्रचार में इसी नीति पर जोर दिया। इससे भारतीय आईटी कंपनियों और कर्मचारियों पर दबाव बढ़ सकता है। रिपोर्टों के अनुसार, पिछले कार्यकाल में ट्रंप के इस कदम से भारतीयों के वीजा अनुमोदन दर में गिरावट आई थी।

कॉरपोरेट टैक्स में संभावित कमी: राहत या चुनौती?

ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में कॉरपोरेट टैक्स में कमी का सुझाव भी सामने आया है। उन्होंने संकेत दिया है कि यह दर 21 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत की जा सकती है। यदि ऐसा होता है, तो अमेरिकी कंपनियों की लागत कम हो सकती है, और यह संभावित रूप से बाहरी लोगों को रोजगार देने में सहायक हो सकता है। इससे भारतीय आईटी कंपनियों को अमेरिकी बाजार में राहत मिल सकती है।

भारत के लिए H-1B वीजा का महत्व

भारत के लिए H-1B वीजा अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2022 में जारी किए गए कुल एच-1बी वीजा का 72 प्रतिशत भारतीयों को दिया गया। यह वीजा भारतीय प्रोफेशनल्स को अमेरिका में काम करने का अवसर देता है, और उन्हें अपने परिवार के साथ रहने की सुविधा भी मिलती है। इस वीजा की बदौलत भारतीय अपने करियर में आगे बढ़ते हैं, और कई बार इसे ग्रीन कार्ड के रूप में स्थायी निवास का मौका भी मिलता है।

अमेरिका-भारत संबंधों पर संभावित प्रभाव

डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने से अमेरिका और भारत के रिश्तों में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। हालांकि, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप को बधाई दी है और दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की इच्छा जताई है। ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका-भारत संबंधों को नया मोड़ मिल सकता है, जो दोनों देशों के आर्थिक और सामरिक हितों के लिए महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप की जीत के साथ ही वैश्विक राजनीति में बदलाव की उम्मीद है। ट्रंप की कड़ी इमिग्रेशन नीति से भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, वहीं कॉरपोरेट टैक्स में संभावित कमी उनके लिए राहत भी ला सकती है। ऐसे में भारत को ट्रंप की नीतियों के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति तैयार करनी होगी ताकि वह इस दौर में भी अपने हितों की सुरक्षा कर सके।