Union Budget 2025: जैसे-जैसे देश का आम बजट 2025 नजदीक आ रहा है, जनता की उम्मीदें बढ़ती जा रही हैं। हर साल की तरह इस बार भी लोग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बड़ी राहत की आस लगाए बैठे हैं। रोटी, कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी जरूरतों की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी आम आदमी की सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि आगामी बजट में सरकार इन जरूरतों को सस्ता करने के लिए क्या कदम उठाती है।
खाद्य पदार्थों की महंगाई पर लगाम लगाने की जरूरत
पिछले कुछ सालों में खाने-पीने की चीजों की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। National Sample Survey Office (NSSO) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय परिवारों की लगभग 40 फीसदी आय केवल खाने पर खर्च हो जाती है। 2024 में फूड इन्फ्लेशन ने आम जनता की कमर तोड़ दी थी। टमाटर की कीमतों में 161 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई थी, जबकि आलू की कीमत में 65 फीसदी का इजाफा हुआ।
सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती खाद्य पदार्थों की महंगाई पर काबू पाना है। आगामी बजट में सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ मिलकर ब्याज दरों को संतुलित कर सकती है। इसके अलावा, खाने के तेल जैसी जरूरी चीजों पर इंपोर्ट ड्यूटी कम कर सकती है।
फूड सब्सिडी स्कीम का विस्तार भी एक संभावित कदम हो सकता है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग को राहत मिल सके। यदि सरकार इन उपायों को बजट में शामिल करती है, तो आम आदमी को बड़ी राहत मिल सकती है।
क्या घर का सपना होगा साकार?
भारत में लाखों लोग आज भी अपने खुद के घर का सपना देख रहे हैं। लेकिन प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतें उनके इस सपने को पूरा होने से रोक रही हैं। 2024 में मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में रियल एस्टेट की कीमतों में 13 से 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई।
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत सरकार ने कई घर बनाए हैं, लेकिन अब तक सिर्फ 91 लाख घर ही पूरे हो पाए हैं। आगामी बजट में सरकार इस योजना के लिए अधिक फंड आवंटित कर सकती है। साथ ही, होम लोन पर टैक्स छूट बढ़ाने जैसे उपाय भी किए जा सकते हैं।
इसके अलावा, सरकार सस्ते घरों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए डेवलपर्स को प्रोत्साहित कर सकती है। निर्माण लागत को कम करने और शहरी व ग्रामीण इलाकों में किफायती आवास परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने से लोगों का घर का सपना पूरा हो सकता है।
टेक्सटाइल सेक्टर को पुनर्जीवित करने की जरूरत
भारत का टेक्सटाइल सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करता है। लेकिन हाल के वर्षों में इस सेक्टर को घरेलू मांग में गिरावट, उत्पादन लागत में वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के चलते कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
आगामी बजट में टेक्सटाइल सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। बुनियादी कपड़ों पर GST की दर को कम करना एक अहम कदम हो सकता है। इसके साथ ही, घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने और टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम किया जा सकता है।
सरकार अगर इन क्षेत्रों में ध्यान देती है, तो न केवल लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
बजट 2025 से जनता की उम्मीदें
इस बार के बजट से आम आदमी को काफी उम्मीदें हैं। रोटी, कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी जरूरतों को सस्ता करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
रोटी: खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी लाने के लिए सरकार को फूड सब्सिडी स्कीम का विस्तार करना चाहिए।
कपड़ा: टेक्सटाइल सेक्टर को राहत देने के लिए GST की दरें घटाई जा सकती हैं और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
मकान: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बजट में अधिक फंडिंग और होम लोन पर टैक्स छूट बढ़ाने से आम आदमी को बड़ी राहत मिल सकती है।
निष्कर्ष
आम बजट 2025 देश की आर्थिक दिशा को तय करेगा। रोटी, कपड़ा और मकान जैसे बुनियादी मुद्दों पर सरकार के कदमों का सीधा असर आम आदमी की जिंदगी पर पड़ेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने महंगाई पर काबू पाने और जनता को राहत देने की बड़ी चुनौती है।
यदि सरकार इस बजट में सही नीतियां अपनाती है, तो न सिर्फ आम आदमी की समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी बजट में रोटी, कपड़ा और मकान को सस्ता करने के लिए सरकार क्या कदम उठाती है।