Britain News: यूके सरकार ने रवांडा विधेयक पारित कर दिया है, कुछ ही दिन में ये कानून बन जाएगा. इस सेफ्टी ऑफ रवांडा बिल के कानून बनने के बाद से यूनाइटेड किंगडम में अवैध रूप से दाखिल होने वाले हर अप्रवासी को रवांडा भेजा जाएगा. इसके लिए यूके सरकार और अफ्रीकी देश रवांडा के बीच करार हो चुका है.
यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सरकार ने रवांडा बिल का विरोध होने के बाद सेफ्टी ऑफ रवांडा बिल तैयार किया था. इससे पहले पूर्व पीएम बौरिस जॉनसन ने सबसे पहले रवांडा बिल को संसद में पेश किया था जिसका विरोध हुआ था और यूके के सुप्रीम कोर्ट ने इसे गैर कानूनी तक घोषित कर दिया था. माना गया था कि यह योजना यूरोपीय कन्वेंशन ईसीएचआर के खिलाफ थी. अब सेफ्टी बिल ऑफ रवांडा पास होने के बाद यह तय हो जाएगा कि जो भी यूके में गलत तरीके से दाखिल होता है वह रह नहीं पाएगा.
रवांडा बिल कंट्रोवर्सियल क्यों है?
सेफ्टी बिल ऑफ रवांडा के तहत यूके सरकार हजारों अवैध प्रवासियों को रवांडा शिफ्ट करेगी. इनमें वे सभी अप्रवासी शामिल होंगे जो अवैध रूप से यूके में दाखिल हुए होंगे या दाखिल होने की कोशिश कर रहे होंगे. इन्हें पकड़कर रवांडा भेज दिया जाएगा. माना जा रहा है कि ऐसे अवैध प्रवासियों की संख्या लाखों में हैं, लेकिन पहली बार में तकरीबन 52 हजार अवैध अप्रवासी रवांडा भेजे जाएंगे.
भारत के अप्रवासियों को रवांडा क्यों भेज रहे?
माना जा रहा है कि यूके जिन 52 हजार अप्रवासियों को रवांडा भेजेगी, उसमें 5 हजार भारतीय अवैध अप्रवासी हैं जो वहां रह रहे हैं, इन सभी को रवांडा शिफ्ट किया जाएगा. इनमें ज्यादातर भारतीय वे हैं जो 2023 में अपनी जान पर खेलते हुए इंग्निश चैनल पार करके यूके पहुंचे थे. अकेले इनकी ही संख्या 1 हजार से ज्यादा बताई जा रही है. हालांकि इन्हें रवांडा भेजे जाने के बाद ये अप्रवासी यूके का शरणार्थी बनने के लिए आवेदन कर सकेंगे. यदि उनका आवेदन स्वीकार होता है तो यूके उन्हें वापस बुला लिया जाएगा. यदि ऐसा नहीं होता है तो अप्रवासियों को उनके मूल देश में वापस जाने या फिर रवांडा में ही रुकने का मौका दिया जाएगा.
क्या है इस बिल का उद्देश्य
यूके में अवैध अप्रवासियों की समस्या काफी पुरानी है, यदि पिछले चार साल में ही देखें तो 2020 से लेकर अब तक यूके में तकरीबन 1 लाख 20 हजार अवैध अप्रवासी दाखिल हो चुके हैं. सुनक सरकार का मानना है कि रवांडा बिल ये यूके में अप्रवासियों का बोझ कम होगा. सबसे खास बात ये है कि इस समझौते के लिए यूके रवांडा को तकरीबन 290 मिलियन पाउंड की मदद देगा. हालांकि मानवाधिकार और शरणार्थी संगठन इसे एक अमानवीय और महंगी प्रक्रिया मानते हैं. इसके अलावा ब्रिटेन अपनी शरण प्रणाली में भी सुधार करना चाहता है, ताकि अप्रवासी तस्करों के जाल में फंसने से खुद को बचा जा सकें.
यूके में कहां से आते हैं इतने शरणार्थी
यूके में दुनियाभर से अप्रवासी पहुंचते हैं, अक्सर से ट्रकों का या नावों में छिपकर यात्रा करते हैं, यदि 2021 की बात करें तो तकरीबन 28 हजार से अधिक लोग नावों के जरिए यूके पहुंचे थे. इसके बाद से इस संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. यह ज्यादातर अप्रवासी इंग्लिश चैनल के माध्यम से ही सफर करते हैं. पिछले साल ब्रिटेन में जा रही एक नाव भी पलटी थी, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई थी.