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Bangladesh Violence:बांग्लादेश के हालात विश्व युद्ध जैसे क्यों बताए जा रहे हैं?

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में बनी नई अंतरिम सरकार के लिए आगे की राह आसान नहीं है. देश की कमान भले ही 84 साल के नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के हाथ में हो, पर उन्हें सरकार चलाने का तजुर्बा नहीं है.

Bangladesh Violence: बांग्लादेश से शेख हसीना के 15 सालों का राज खत्म हो गया है. हिंसा और विरोध प्रदर्शनों से घिरे रहे जुलाई के बाद अब देश में हालात सामान्य हो रहे हैं, लेकिन कुछ चुनौतियां अभी भी मौजूद हैं. देश में बनी नई अंतरिम सरकार के लिए आगे की राह आसान नहीं है, देश की कमान भले ही 84 साल के नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के हाथ में हो पर उन्हें सरकार चलाने का तजुर्बा नहीं है.

मोहम्मद यूनुस के एक करीबी ने मीडिया को बताया कि देश के हालातों में सुधार हो रहा है, लेकिन सब अभी ठीक नहीं है. करीबी ने आश्वासन देते हुए कहा गहरे सुधारों के बाद स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जाएंगे. दूसरी तरफ मोहम्मद यूनुस विदेशों की ओर मदद और आर्थिक सहयोग के लिए देख रहे हैं.

दूसरे विश्व युद्ध के बाद का जापान बना बांग्लादेश!

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के मीडिया सलाहकार शफीकुल आलम ने बताया के मोहम्मद यूनुस ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय सहयोग और आर्थिक मदद के लिए ब्रिटेन की उच्चायुक्त सारा कुक और जापान के राजदूत इवामा कीमिनोरी से मुलाकात की. इस मुलाकात में यूनुस ने बांग्लादेश और सरकार के पुनर्निर्माण के लिए ब्रिटेन और जापान से मदद की मांग की है.

जापानी के दूत ने बांग्लादेश के मौजूदा हालातों को दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापान जैसा बताया, जहां जापान ने सब कुछ खत्म होने के बाद शून्य से शुरू किया था. जबकि ब्रिटिश उच्चायुक्त ने चुनावी सुधारों के लिए तकनीकी मदद का प्रस्ताव रखा.

लॉ एंड ऑर्डर बनाना प्राथमिकता

मोहम्मद यूनुस के करीबी आलम ने बताया कि उनकी सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं, लेकिन हमारी पहली प्राथमिकता कानून व्यवस्था को ठीक करना है. उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार ढाका ने मेट्रोपोलिटन पुलिस के अंदर आने वाले सभी 50 पुलिस स्टेशनों के चीफ का तबादला कर दिया है.

रोहिंग्या शरणार्थियों की मदद पर जोर

जापान के राजदूत और अंतरिम सरकार दोनों ने रोहिंग्या शरणार्थियों की मदद जारी रखने की बात कही है. यूनुस ने तो अपने पहले ही भाषण में रोहिंग्या समुदाय की मदद और उनकी सुरक्षित देश वापसी के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से काम करने की अपील की थी. आलम ने बताया कि युनुस ने इन शरणार्थियों हालातों को सुधारने के लिए नई पॉलिसी की आवश्यकता जताई. वहीं जापानी राजदूत ने बांग्लादेश में रोहिंग्या बच्चों के लिए एक लाइब्रेरी बनाने का ऐलान किया.

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