Swami Rambhadracharya:कौन है अभिनव अरोड़ा, जिनको संत रामभद्राचार्य ने मंच से उतार दिया

08:49 PM Oct 27, 2024 | zoomnews.in

Swami Rambhadracharya: अभिनव अरोड़ा, जिन्हें "बाल संत" के नाम से जाना जाता है, इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। हाल ही में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य के साथ हुए एक वाकये के बाद अभिनव चर्चा का विषय बन गए हैं। इस कार्यक्रम के दौरान स्वामी रामभद्राचार्य को अभिनव का व्यवहार उचित नहीं लगा और उन्होंने उन्हें मंच से उतरने को कहा। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, और लोग इस घटना के बाद बाल संत अभिनव अरोड़ा के बारे में अधिक जानने को उत्सुक हो गए हैं। आइए, जानते हैं कौन हैं बाल संत अभिनव अरोड़ा और वे इतनी कम उम्र में कैसे आध्यात्मिक दुनिया में मशहूर हो गए।

बाल संत अभिनव अरोड़ा और स्वामी रामभद्राचार्य का मंच पर विवाद

घटना तब हुई जब अभिनव एक धार्मिक कार्यक्रम में भगवान राम का जयकारा लगा रहे थे। स्वामी रामभद्राचार्य ने इसे देखकर उन्हें टोका और सेवादारों को अभिनव को मंच से नीचे उतारने के लिए कहा। स्वामी जी ने बाद में इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अभिनव एक भ्रमित बालक है और श्रीकृष्ण के साथ पढ़ने की बात कहता है, जो उन्हें अनुचित लगा। इससे पहले भी स्वामी रामभद्राचार्य ने वृंदावन में अभिनव को चेतावनी दी थी। इस विवाद ने सोशल मीडिया पर जोर पकड़ा, और बाल संत का यह अंदाज लोगों में चर्चा का विषय बन गया।

कौन हैं बाल संत अभिनव अरोड़ा?

अभिनव अरोड़ा मात्र 10 साल के हैं और दिल्ली में पांचवीं कक्षा के छात्र हैं। बालक अभिनव अपने आपको श्रीकृष्ण का भक्त मानते हैं और आध्यात्मिकता में गहरी रुचि रखते हैं। उन्हें सोशल मीडिया पर एक प्रभावशाली यूट्यूबर और इंफ्लुएंसर के रूप में भी देखा जाता है। इंस्टाग्राम पर उनके 9 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, जो उनकी अद्वितीय शैली, उनकी पूजा-पाठ की दिनचर्या और श्रीकृष्ण के प्रति उनके लगाव को सराहते हैं।

श्रीकृष्ण को छोटे भाई मानते हैं अभिनव

अभिनव के माता-पिता का कहना है कि बालक का झुकाव बचपन से ही अध्यात्म की ओर था। अभिनव ने अब तक कई धार्मिक कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिती दर्ज कराई है और अपने विचारों के माध्यम से लोगों में प्रभाव छोड़ा है। उनकी मान्यता है कि श्रीकृष्ण उनके छोटे भाई हैं, और वे स्वयं को बलराम का रूप मानते हैं। उनका यह विश्वास उन्हें खास बनाता है और लोगों के बीच उनकी एक विशेष पहचान बनी है।

एक अनुशासित दिनचर्या: 3:30 बजे का जागरण

अभिनव अरोड़ा का दिन ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 3:30 बजे शुरू होता है। वे उठकर सबसे पहले माला जाप करते हैं, फिर घर पर पूजा करते हैं। 6:30 बजे वे तुलसी पूजा और परिक्रमा करते हैं और अपने बाल गोपाल को भोग लगाते हैं। सुबह 7:30 बजे स्कूल के लिए तैयार हो जाते हैं। उनकी यह अनुशासित दिनचर्या उनकी आध्यात्मिकता को और भी गहरा बनाती है, और उनके अनुयायियों को प्रेरणा देती है।

लेखन और वक्तृत्व में रुचि: पिता तरुण राज अरोड़ा से मिली प्रेरणा

अभिनव के पिता तरुण राज अरोड़ा एक प्रसिद्ध लेखक और टेड स्पीकर हैं। उनके पिता के साथ बड़े होने से अभिनव को बचपन से ही अध्यात्म, लेखन, और वक्तृत्व में रुचि मिली है। वे अक्सर पारंपरिक भारतीय परिधान, जैसे कि धोती और कुर्ता पहनते हैं, और धार्मिक आयोजनों में अपने विचारों को साझा करते हैं।

बाल संत अभिनव अरोड़ा: एक बालक, एक प्रभाव

अभिनव अरोड़ा की कथा यह दिखाती है कि छोटी उम्र में भी, गहरी आध्यात्मिक समझ और विचारधारा एक इंसान को अद्वितीय बना सकती है। उनके धार्मिक और आध्यात्मिक वीडियो और विचार सोशल मीडिया पर खूब चर्चित रहते हैं, और वह कम उम्र में ही एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बन चुके हैं। भले ही मंच पर विवाद ने कुछ सवाल खड़े किए हों, लेकिन उनके अनुयायी उनके समर्पण और भक्तिभाव से प्रेरित हैं।

इस तरह बाल संत अभिनव अरोड़ा, अपनी छोटी उम्र में ही एक विशेष पहचान बना चुके हैं। उनके अनोखे विचार और जीवनशैली से वे आज के युवा भक्तों और सोशल मीडिया फॉलोअर्स के बीच विशेष स्थान रखते हैं।