Israel-Iran War:ईरान के कहां-कहां हैं परमाणु ठिकाने? इन 5 जगहों पर दुनिया की निगाहें

02:23 PM Oct 13, 2024 | zoomnews.in

Israel-Iran War: मध्य पूर्व में तनाव लगातार बढ़ रहा है, खासकर लेबनान और इजराइल के बीच के हालात गंभीर होते जा रहे हैं। लेबनान में इजराइली सेना के घुसने के बाद से जंग और भड़क गई है, और इसके पीछे एक प्रमुख कारण हसन नसरल्लाह की मौत भी है। हसन नसरल्लाह, लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन के नेता थे, जो ईरान का घनिष्ठ सहयोगी है। उनके मारे जाने के बाद से पूरे क्षेत्र में उथल-पुथल बढ़ गई है। इस बीच, ईरान ने अक्टूबर की शुरुआत में इजराइल पर करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं, जिसके बाद इजराइल के जवाबी हमले की अटकलें शुरू हो गईं।

इजराइल के संभावित जवाब को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या वह नसरल्लाह की तरह ईरान के किसी प्रमुख सैन्य या राजनीतिक नेता की हत्या करेगा? या फिर ईरान के किसी विशेष इलाके पर हमला करेगा? इन संभावनाओं के अलावा, ईरान के परमाणु ठिकानों पर भी चर्चा तेज हो गई है। इजराइल द्वारा ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमला करने की बातें अब आम हो गई हैं। सवाल यह भी है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम कितना आगे बढ़ चुका है और क्या ईरान परमाणु बम बनाने के करीब है?

ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकाने:

1. नतांज:

नतांज, ईरान के प्रमुख परमाणु स्थलों में से एक है, जो राजधानी तेहरान के दक्षिण में स्थित है। यह ठिकाना 2002 में सामने आया था, जब कुछ निर्वासित ईरानियों ने इसकी जानकारी सार्वजनिक की थी। नतांज का यह स्थल जमीन से करीब तीन मंजिल नीचे बना है, जिससे इसे हवाई हमलों से सुरक्षित माना जाता है। अप्रैल 2021 में यहां विस्फोट हुआ था, जिसे ईरान ने इजराइल की साजिश करार दिया था।

2. फोर्डो:

फोर्डो भी ईरान का एक अहम परमाणु स्थल है, जो पहाड़ियों के भीतर स्थित है, इसे हवाई हमलों से बचाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। 2015 के समझौते के तहत इसे बंद करने की शर्त रखी गई थी, लेकिन 2018 में समझौता टूटने के बाद इसे फिर से सक्रिय किया गया।

3. इस्फहान:

इस्फहान, ईरान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है, और इसके बाहरी इलाके में एक बड़ा न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी सेंटर है। यहाँ परमाणु बम के कोर को तैयार करने के लिए जरूरी उपकरण मौजूद हैं।

4. खोंडाब:

खोंडाब, ईरान का एक हेवी-वॉटर रिसर्च रिएक्टर है, जिसे अराक भी कहा जाता है। इसे परमाणु बम के कोर के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। 2015 के समझौते के बाद इसे निष्क्रिय किया गया था, लेकिन अब ईरान इसे फिर से चालू करने की योजना बना रहा है।

5. बुशहर:

बुशहर, ईरान का एकमात्र न्यूक्लियर पॉवर प्लांट है, जो रूस के ईंधन का उपयोग करता है। यह प्लांट खाड़ी के तट पर स्थित है और इस क्षेत्र में इसकी रणनीतिक अहमियत है।

आगे की स्थिति:

मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच ईरान और इजराइल के बीच युद्ध के आसार बढ़ते जा रहे हैं। जहां इजराइल अपनी सुरक्षा के लिए ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर सकता है, वहीं ईरान भी अपने सैन्य और राजनीतिक प्रभाव को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है। हसन नसरल्लाह की मौत ने इस आग में घी डालने का काम किया है, और अब यह देखना बाकी है कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में शांति कैसे स्थापित हो पाएगी।