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Central Government:ऐसा क्या है नए कानून में जिससे डर गए ड्राइवर, थम गए ट्रकों के पहिए

Central Government: ट्रक ड्राइवर केंद्र सरकार के कड़े नियमों का विरोध कर रहे हैं. वे हड़ताल पर हैं. ट्रकों के पहिए थम गए हैं. ड्राइवर गुस्से में हैं. उनका कहना है कि नया कानून वापस लिया जाए. मध्य प्रदेश में इसका सबसे ज्यादा असर दिख रहा है.

Central Government: ‘हिट एंड रन’ के मामलों में केंद्र सरकार के कड़े नियमों के खिलाफ ट्रांसपोर्टर्स हड़ताल पर हैं. नए नियम में 10 साल कैद और जुर्माने की सजा का प्रावधान है. सरकार के इस नए नियम से ट्रक ड्राइवर गुस्से में हैं. मध्य प्रदेश में इसका सबसे ज्यादा असर दिख रहा है. ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के बाद भोपाल के कई पेट्रोल पंप पर लोग परेशान रहे. कई जगहों पर पेट्रोल-डीजल खत्म हो गए हैं. भोपाल में ट्रक ड्राइवरों चक्काजाम किया और टैक्सी, बस, ट्रैक्टर को भी रोक दिया, जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अब तक कानून के मुताबिक हिट एंड रन केस में 2 साल की सजा का प्रावधान था और बेल मिल जाती थी. इधर इंदौर और मुरैना समेत प्रदेश के कई जगहों पर ड्राइवरों ने विरोध प्रदर्शन किया.

ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल की वजह से लोगों को ईंधन की कमी का डर सताने लगा है जिसकी वजह से लोग अपनी गाड़ियों के टैंक फुल करा लेना चाहते हैं. इसी होड़ की वजह से महाराष्ट्र के नागपुर के कई इलाकों में पेट्रोल पंपों पर भीड़ लगी. कई जगहों पर जाम की स्थिति पैदा हो गई. वहीं गुजरात के भी कई शहरों विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. कई पेट्रोल पंप मालिकों ने पंप बंद भी कर दिए है. वहीं जिन पेट्रोल पंपों में पेट्रोल मिल रहा है वहां 200 से 300 मीटर तक वाहनों की लाइन लगी है. लोग लाइन लगाकर अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं.

नए कानून में क्या है?

संसद से पारित और कानून बनी भारतीय न्याय संहिता में हिंट एंड रन में लापरवाही से मौत में विशेष प्रावधान किए गए हैं. कानून के अनुसार अगर ड्राइवर के तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने से मौत होती है और वह पुलिस या मजिस्ट्रेट को जानकारी दिए बिया भाग जाता है तो 10 साल तक की कैद और 7 लाख रुपये जुर्माना लगेगा.ये कानून सभी प्रकार यानी दोपहिया से कार, ट्रक, टैंकर जैसे सभी वाहनों चालकों पर लागू होता है.

मौजूदा कानून के मुताबिक केस आईपीसी की धारा 279 में ड्राइवर की पहचान के बाद 304ए और 338 के तहत दर्ज किया जाता है. इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है.

ड्राइवर क्यों कर रहे विरोध?

ड्राइवरों का कहना है कि अगर वे मौके पर रहे तो उन्हें भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि उन चालकों के प्रति नरमी बरती जाएगी जो पुलिस को सूचना देंगे और घायल को अस्पताल ले जाएंगे. ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा कि संशोधन से पहले स्टेक होल्डर्स से राय नहीं ली गई. देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव है. पुलिस बिना जांच दोष बड़े वाहन पर मढ़ देती है. ट्रक ड्राइवर मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन की मांग कर रहे हैं.

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की परिवहन समिति के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने कहा, हिट एंड रन के मामलों में सरकार द्वारा अचानक पेश किए गए कड़े प्रावधानों को लेकर चालकों में आक्रोश है और उनकी मांग है कि इन प्रावधानों को वापस लिया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार को हिट एंड रन के मामलों में अन्य देशों की तर्ज पर सख्त प्रावधान लाने से पहले उनकी तरह बेहतर सड़क और परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

उधर, मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने आंदोलनरत चालकों से इस मुद्दे पर सरकार से चर्चा करने की अपील की है. उन्होंने कहा, कानून बनाने का मतलब यह नहीं है कि यह उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए बनाया गया है. उन्हें चर्चा के माध्यम से इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए. हम उनसे बात करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार प्राथमिकता के आधार पर लोगों और वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करेगी.

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