Income Tax Return: ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 है. यानी अब टैक्सपेयर्स के पास सोचने का टाइम ज्यादा नहीं है कि उसे कौन सा फॉर्म भरना चाहिए. अगर आप एक नौकरी पेशा व्यक्ति हैं और आप सरकार को टैक्स देते हैं या फिर टैक्स दायरे में नहीं आने के बाद भी आईटीआर फाइल करने की सोच रहे हैं तो आपको जल्द से जल्द कुछ जरूरी जानकारी फाइल करने से पहले ले लेनी चाहिए. खास कर आईटीआर फॉर्म 1 और आईटीआर फॉर्म 2 के बीच का अंतर जरूर मालूम होना चाहिए. इनकम टैक्स द्वारा टोटल 6 तरह के आईटीआर फॉर्म भरे जाते हैं. इन सभी की अलग अलग खासियत होती है, जिसमें से आम टैक्सपेयर्स के लिए ITR1, ITR2, ITR3 और ITR4 बेहद अहम होते हैं.
भूलकर भी ना करें गलती
कई बार ऐसे मामले देखे जाते हैं कि टैक्सपेयर्स जानकारी के अभाव में गलत फॉर्म सेलेक्ट कर लेते हैं. गलती से अगर आपने आईटीआर फॉर्म 1 की जगह आईटीआर फॉर्म 2 पर रिटर्न फाइल कर दिया तो आपके साथ समस्या खड़ी हो सकती है. आपका रिर्टन फाइल करने का काम पूरा नहीं होगा. ऐसे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से आपको नोटिस भी थमाया जा सकता है. आपसे इस नोटिस में सही फॉर्म का सिलेक्शन करने के लिए कहा जाएगा. कुल मिलाकर आपको थोड़ी परेशानी होगी. अगर परेशानी से बचना चाहते हैं तो यह नियम समझ लीजिए.
सैलरीड टैक्सपेयर इसका रखें ध्यान
आईटीआर फॉर्म 1 को Simple फॉर्म भी कहा जाता है. नौकरी करने वाले ज्यादातर लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आईटीआर फॉर्म-1 का इस्तेमाल करते हैं. यह सबसे ज्यादा फाइल किए जाने वाला फॉर्म है. आईटीआर फॉर्म-1 उन पर्सनल टैक्सपेयर्स के लिए है, जिनकी इनकम का स्त्रोत वेतन, पेंशन, होम असेट्स और दूसरे सोर्सेज हैं.
हालांकि, आईटीआर फॉर्म 1 फाइल करने के लिए कुछ खास शर्तें भी पूरी करनी होती हैं. जिन लोगों की इनकम 50 लाख रुपए से अधिक है वे फॉर्म 1 का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. साथ ही इनकम केवल होम असेट्स से होनी चाहिए. इसके अलावा एग्लीकल्चर इनकम 5 हजार रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए. यदि इनमें से एक शर्त भी पूरी नहीं होती है तो वह व्यक्ति फॉर्म-1 नहीं भर सकता है. अगर आपकी इनकम 50 लाख रुपए से अधिक है तो आपको आईटीआर-2 फॉर्म फाइल करना चाहिए.
बता दें कि यदि आप किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं या फाइनेंशियल ईय़र के दौरान नॉन-लिस्टेड इक्विटी शेयरों में इन्वेस्ट किया है तो आप आईटीआर फॉर्म-2 पर रिटर्न फाइल कर सकते हैं. साथ ही जिनकी कैपिटल गेन्स से इनकम होती हो, जो एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी से पैसे कमाते हों, जिन्हें विदेशों से कमाई होती हो या विदेशी संपत्ति के मालिक हों, वे भी आईटीआर फॉर्म- 2 पर रिटर्न फाइल कर सकते हैं. हालांकि, इसमें भी सैलरी और पेंशन वाले लोग आते हैं.