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Paper Gold:क्या होता है पेपर गोल्ड? धनतेरस पर जिसे खरीदने की कर सकते हैं प्लानिंग

Paper Gold: पेपर गोल्ड में व्यक्ति के पास कितने तरह के विकल्प मौजूद हैं. क्या डिजिटल गोल्ड एकमात्र ऑप्शन है? तो इसका जवाब है- नहीं. डिजिटल गोल्ड के अलावा

Paper Gold: धनतेरस नजदीक आते ही, सोने की खरीदारी का उत्साह तेजी से बढ़ जाता है। कई निवेशक इसे एक सुरक्षित और दीर्घकालिक संपत्ति मानते हैं। बदलते समय के साथ जहां लोग पारंपरिक फिजिकल सोने की ओर आकर्षित होते थे, वहीं अब डिजिटल गोल्ड, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB), गोल्ड ETF और गोल्ड म्यूचुअल फंड जैसे नए विकल्प निवेशकों को सोने में विविध निवेश के अवसर दे रहे हैं। इन विकल्पों को "पेपर गोल्ड" कहा जाता है और ये उन लोगों के लिए बेहतरीन हैं जिन्हें फिजिकल गोल्ड को सुरक्षित रखने में परेशानी होती है। आइए, इन विकल्पों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

1. डिजिटल गोल्ड: सुविधा और लचीलापन

डिजिटल गोल्ड हाल के वर्षों में तेजी से लोकप्रिय हुआ है। इसमें निवेशक ऑनलाइन सोना खरीद सकते हैं, जिसे विक्रेता की ओर से सुरक्षित जगह पर रखा जाता है। डिजिटल गोल्ड में निवेश छोटी रकम से भी शुरू किया जा सकता है, जो इसे आम लोगों के लिए सुलभ बनाता है। फोन पे, पेटीएम और गूगल पे जैसे कई प्लेटफॉर्म डिजिटल गोल्ड में निवेश की सुविधा देते हैं। इसके जरिए निवेशक अपने सोने को फिजिकल रूप में भी बदल सकते हैं या जरूरत पड़ने पर इसे आसानी से बेच सकते हैं।

2. गोल्ड ETF: ट्रेडिंग के साथ लाभ का अवसर

गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) ऐसे फंड हैं जो फिजिकल सोने में निवेश करते हैं और स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड किए जाते हैं। गोल्ड ETF में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट जरूरी होता है। इस निवेश का फायदा यह है कि आप अपने फंड को स्टॉक मार्केट की तरह आसानी से खरीद और बेच सकते हैं। यह विकल्प उन लोगों के लिए अच्छा है जो शेयर बाजार के प्रति रुचि रखते हैं। बाजार में निप्पॉन इंडिया गोल्ड ETF, HDFC गोल्ड ETF और ICICI प्रूडेंशियल गोल्ड ETF जैसे विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें रिसर्च करके निवेश किया जा सकता है।

3. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB): सरकारी गारंटी के साथ सुरक्षित निवेश

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी गारंटी युक्त योजना है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की जाती है। इसमें निवेश करने पर सालाना 2.5% का निश्चित ब्याज मिलता है, जो हर 6 महीने में सीधे निवेशक के बैंक अकाउंट में क्रेडिट किया जाता है। इस स्कीम का लॉक-इन पीरियड 8 साल का होता है, हालांकि 5 साल बाद इसे छोड़ने का विकल्प उपलब्ध होता है। SGB के मैच्योरिटी पर निवेशकों को कैपिटल गेन टैक्स में छूट मिलती है, जो इसे एक आकर्षक विकल्प बनाता है। सोने में निवेश की यह विधि सुरक्षित मानी जाती है क्योंकि इसके ऊपर सरकारी गारंटी होती है।

4. गोल्ड म्यूचुअल फंड: एक इनडायरेक्ट लेकिन लाभदायक निवेश

गोल्ड म्यूचुअल फंड एक ऐसा विकल्प है जो सीधे फिजिकल गोल्ड में निवेश नहीं करता, बल्कि गोल्ड ETF में निवेश करता है। यह गोल्ड में निवेश का एक इनडायरेक्ट तरीका है। गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश का लाभ यह है कि इसमें आपको डीमैट खाता खोलने की जरूरत नहीं होती। इसमें एचडीएफसी गोल्ड फंड और एसबीआई गोल्ड फंड जैसे कई विकल्प उपलब्ध हैं। गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश SIP के माध्यम से भी किया जा सकता है, जिससे छोटे निवेशक भी इसमें हिस्सा ले सकते हैं।

किस विकल्प का चुनाव करें?

हर निवेशक के लिए सोने में निवेश का उद्देश्य और जरूरत अलग होती है। अगर कोई निवेशक बिना किसी रखरखाव की चिंता किए सोना खरीदना चाहता है, तो डिजिटल गोल्ड एक अच्छा विकल्प है। वहीं, अगर सरकारी गारंटी के साथ नियमित रिटर्न की चाहत है, तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सबसे सुरक्षित विकल्प है। जिन निवेशकों की ट्रेडिंग में रुचि है, उनके लिए गोल्ड ETF और गोल्ड म्यूचुअल फंड बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं।

निवेश करने से पहले सावधानियां

हर निवेश में जोखिम शामिल होता है। सोने के डिजिटल या पेपर रूप में निवेश से पहले बाजार का अध्ययन करना और पेशेवर सलाह लेना जरूरी है। इसके अलावा, किसी भी निवेश के साथ जुड़े कर नियमों की जानकारी रखना भी महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

धनतेरस के अवसर पर सोने में निवेश एक पुरानी परंपरा है, जो आज भी हर निवेशक को आकर्षित करती है। डिजिटल गोल्ड, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड ETF और गोल्ड म्यूचुअल फंड, यह सभी विकल्प सोने के क्षेत्र में निवेश के नए रास्ते खोलते हैं। इन विकल्पों से निवेशक अब सोने में बिना फिजिकल संपत्ति के भी निवेश कर सकते हैं और अपनी संपत्ति को सुरक्षित रख सकते हैं।

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