Union Budget 2024:इकोनॉमिक सर्वे क्या होता है, क्यों किया जाता है बजट से पहले पेश?

08:26 AM Jul 22, 2024 | zoomnews.in

Union Budget 2024: बजट से पहले आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इकोनॉमिक सर्वे पेश करने वाली है. बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे पेश करने की परंपरा रही है. इस सर्वे को सरकार के रिपोर्ट कार्ड के तौर पर देखा जाता है. सरकार इस रिपोर्ट के जरिए अपने पिछले एक साल के कामकाज की समीक्षा करते हुए आगे की प्लान को तैयार करती है. आइए जानते हैं आखिर इसे बजट से पहले ही क्यों पेश किया जाता है साथ ही इसका क्या महत्व है वो भी जानते हैं.

क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे?

संसद में बजट पेश करने से एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण या इकोनॉमिक सर्वे को सामने रखा जाता है. ये बजट का मुख्य आधार होता है और इसमें इकोनॉमी की पूरी तस्वीर सामने आती है और इसे पिछले वित्तीय वर्ष की समीक्षा के आधार पर तैयार किया जाता है. इसके जरिए सरकार देश की अर्थव्यवस्था की ताजा हालत के बारे में बताती है. इसमें साल भर में डेवलपमेंट ट्रेंड, किस सेक्टर से कितनी कमाई हुई, किस सेक्टर में कैन सी योजनाएं किस तरह लागू हुईं ये सभी जानकारियां शामिल होती हैं.

क्यों जरूरी है इकोनॉमिक सर्वे?

इकोनॉमिक सर्वे के जरिए सरकार देश की आर्थिक स्थिति को बेहतर तस्वीर पेश करती है. इसमें पिछले एक साल के कार्य, रोजगार, जीडीपी के आंकड़े, बजट घाटे और मुद्रास्फीति जैसी चीजों की अहम जानकारी दर्ज होती है. इसके जरिए सर्वे को देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार तैयार करते हैं.

ये जानकारियां होती हैं शामिल

इकोनॉमिक सर्वे वित्त मंत्रालय का एक एनुअल डॉक्यूमेंट होता है. इसमें देश की आर्थिक विकास का लेखा जोखा होता है. इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि देश को कहां पर फायदा हुआ है और कहां नुकसान हुआ है. इस सर्वे के आधार पर यह तय होता है कि आने वाले साल में अर्थव्यवस्था में किस तरह की संभावनाएं देखने को मिलेगी.

कौन तैयार करता है सर्वे रिपोर्ट?

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के इकोनॉमिक्स डिवीजन तैयार करता है. इसे मुख्य रूप से मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में बनाया जाता है. इस साल इस आर्थिक सर्वे को मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की अगुवाई वाली टीम ने तैयार किया है.

मिलती हैं ये जानकारियां

  • 1. आर्थिक सर्वे से देश की अर्थव्यवस्था की सही तस्वीर का पता चलता है. इससे सरकार लोगों के सामने महंगाई से लेकर देश के बेरोजगारी के आंकड़े पेश करती है.
  • 2. इससे आम लोगों को सरकार की आगे की नीति और रोडमैप का पता चलता है.
  • 3. आर्थिक सर्वे में अलग-अलग सेक्टर्स के प्रदर्शन से लेकर निवेश और बचत से मोर्चे पर देश ने किस कदर विकास किया है इसकी जानकारियां भी दी जाती है.