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Parliament Session:क्या है वो 4 मुद्दे, जिन पर राजनाथ, प्रियंका गांधी और अखिलेश ने खुलकर की बात

Parliament Session: लोकसभा में संविधान पर बहस के दौरान राजनाथ सिंह, अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश, जाति जनगणना, संविधान की रक्षा और दल-बदल के

Parliament Session: संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लोकसभा में आयोजित विशेष बहस ने भारतीय राजनीति के कई मुद्दों को उजागर किया। इस बहस में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने-अपने विचार रखे। तीनों नेताओं ने संविधान की रक्षा, जाति जनगणना, दल-बदल और उत्तर प्रदेश की राजनीति जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की। आइए, इन मुद्दों पर उनके विचारों का विस्तार से विश्लेषण करें।

जाति जनगणना: नया राजनीतिक एजेंडा

जाति आधारित जनगणना का मुद्दा 2024 के चुनावों में जोर-शोर से उठाया गया। इस पर तीनों नेताओं ने अपनी राय रखी।

  • राजनाथ सिंह ने जनगणना की जरूरत को स्वीकार करते हुए कहा कि इससे आरक्षण की स्पष्टता में मदद मिलेगी। उन्होंने इसे संसद में बहस के लिए तैयार करने का संकेत भी दिया।
  • प्रियंका गांधी ने इसे विपक्ष की जीत बताते हुए सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद ही सत्तारूढ़ दल ने जाति जनगणना की बात शुरू की।
  • अखिलेश यादव ने जातीय असमानता को उजागर किया। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उच्च पदों पर सिर्फ एक वर्ग का कब्जा है।

संविधान की रक्षा: विचारों की विविधता

संविधान पर चर्चा के दौरान तीनों नेताओं ने इसे लोकतंत्र का आधार बताते हुए अपने-अपने दृष्टिकोण रखे।

  • राजनाथ सिंह ने कांग्रेस की सत्ता-प्रियता पर सवाल उठाए। उन्होंने आपातकाल और कल्याण सिंह सरकार गिराने जैसे ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया।
  • प्रियंका गांधी ने संविधान को जनता की ताकत बताया और कहा कि इसे कुचलने की कोशिशें सफल नहीं होंगी।
  • अखिलेश यादव ने संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्षता और सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा सरकार अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन कर रही है।

उत्तर प्रदेश: भाषणों का केंद्र बिंदु

तीनों नेताओं के लिए उत्तर प्रदेश एक प्रमुख विषय रहा।

  • राजनाथ सिंह ने 1992 में अयोध्या विवाद और यूपी में राष्ट्रपति शासन की घटनाओं का जिक्र किया।
  • प्रियंका गांधी ने यूपी में हो रहे अत्याचार और पुलिस की ज्यादती को मुद्दा बनाया।
  • अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कस्टोडियल डेथ और अल्पसंख्यक विरोधी नीतियों को उजागर किया।

दल-बदल: राजनीतिक शुचिता पर सवाल

दल-बदल के मुद्दे पर भी तीनों नेताओं ने अपनी बात रखी।

  • राजनाथ सिंह ने 1998 में यूपी की राजनीति का उदाहरण देकर कहा कि जो गलतियां हुईं, उन्हें समय पर सुधारा गया।
  • प्रियंका गांधी ने इसे "वॉशिंग मशीन राजनीति" करार दिया, जहां दागी नेताओं को पार्टी बदलने पर क्लीन चिट मिल जाती है।
  • अखिलेश यादव ने व्यंग्य करते हुए कहा कि दल-बदल करने वाले नेताओं का चरित्र जनता के सामने उजागर हो रहा है।

निष्कर्ष

लोकसभा में हुई यह बहस केवल संविधान के 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव नहीं थी, बल्कि राजनीतिक रणनीतियों और मुद्दों को नए सिरे से गढ़ने का मंच भी बनी। राजनाथ सिंह, प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव ने अपने भाषणों के जरिए जहां अपनी पार्टियों की नीतियों को मजबूती से पेश किया, वहीं एक-दूसरे पर जमकर निशाना भी साधा। यह बहस न केवल वर्तमान राजनीतिक माहौल को परिभाषित करती है, बल्कि आगामी चुनावों के लिए भी दिशा तय करती नजर आई।

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