India-Britain Relation:हम FTA के लिए है तैयार... फोन पर ब्रिटेन के PM कीर स्टॉर्मर बोले प्रधानमंत्री मोदी से

07:56 AM Jul 07, 2024 | zoomnews.in

India-Britain Relation: ब्रिटेन के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री कीर स्टॉर्मर ने शनिवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री आवास डाउनिंग स्ट्रीट के अनुसार, उन्होंने कहा कि वह दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) को पूरा करने के लिए तैयार हैं. भारत और ब्रिटेन दो साल से अधिक समय से एफटीए पर बातचीत कर रहे हैं, लेकिन दोनों देशों में आम चुनावों के बीच 14वें दौर में वार्ता रुक गई थी. उम्मीद है कि अब स्टॉर्मर के नेतृत्व वाली नई लेबर सरकार फिर बातचीत शुरू करेगी. लेबर सरकार को भारी बहुमत मिला है.

प्रधानमंत्री स्टॉर्मर की हिंद-प्रशांत क्षेत्र से संबंधित अंतरराष्ट्रीय फोन वार्ता के संबंध में डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा कि शनिवार को सबसे पहले भारत के पीएम नरेंद्र मोदी से बात हुई और उसके बाद जापान और ऑस्ट्रेलिया से बात की गई.

दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को दी बधाई

डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों नेताओं ने चुनावी जीत पर एक-दूसरे को बधाई दी और ब्रिटेन-भारत के बीच संबंधों की मजबूती पर विचार-विमर्श किया. उन्होंने कहा कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे दोनों पक्षों के लिए लाभकारी समझौता करने के लिए तैयार हैं. दोनों नेताओं ने जल्द से जल्द मिलने की उम्मीद जताई.

ब्रिटेन में राजनीतिक उथल-पुथल

जनवरी, 2022 में जब बोरिस जॉनसन ब्रिटिश प्रधानमंत्री थे, तब से दोनों पक्ष 38.1 अरब पाउंड की द्विपक्षीय व्यापार साझेदारी को बढ़ाने के लिए एक समझौते पर पहुंचने की दिशा में काम कर रहे हैं. इसके बाद से ब्रिटेन में राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ा. पहले लिज ट्रस को थोड़े समय के लिए प्रधानमंत्री बनाया गया, उसके बाद ऋषि सुनक ब्रिटेन के भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री बने.

भारत और ब्रिटेन के बीच मजबूत संबंध

कीर स्टार्मर ने कहा कि, वह भारत और ब्रिटेन के बीच मजबूत और सम्मानजनक संबंधों को और गहरा करने के लिए तत्पर हैं. उन्होंने जलवायु परिवर्तन और आर्थिक विकास जैसी प्रमुख वैश्विक चुनौतियों पर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व का भी स्वागत किया. दोनों नेताओं ने ब्रिटेन और भारत के बीच 2030 रोडमैप पर चर्चा की. बयान में कहा गया है कि वे इस बात पर भी सहमत हुए कि रक्षा और सुरक्षा, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे कई क्षेत्र हैं, जिन पर दोनों देशों को सहयोग गहरा करना चाहिए.