Chhoti Diwali 2024: भारत में दीपावली का त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, और इसके ठीक एक दिन पहले आती है "छोटी दिवाली" या "नरक चतुर्दशी"। इस साल 30 अक्टूबर को छोटी दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है। इसे "नरक चौदस" और "काली चौदस" के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन माता लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का विशेष महत्व रखता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छोटी दिवाली पर यमराज की आराधना और कुछ विशेष उपायों से पितृ दोष और अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति पाई जा सकती है।
छोटी दिवाली का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 बजे से शुरू होकर अगले दिन 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे तक रहेगी। इस दौरान, पूजा का सबसे शुभ समय 30 अक्टूबर की शाम 4:36 से लेकर 6:15 तक रहेगा। इस समय यमराज, माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।
छोटी दिवाली पर पूजन की विधि और महत्त्व
धार्मिक परंपराओं के अनुसार, छोटी दिवाली पर यमराज की पूजा विशेष महत्व रखती है। इस दिन यम के नाम का दीपक जलाने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन यमराज की पूजा करने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है, और उसे नरक की यातनाओं से भी मुक्ति मिलती है। इस दिन किए गए दीपदान से जीवन में सुख, समृद्धि और परिवार की सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है।
छोटी दिवाली के दिन क्या करें?
सुबह जल्दी उठें: छोटी दिवाली पर भगवान कृष्ण, हनुमान जी, यमराज और माता काली की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करनी चाहिए।
दीपदान करें: घर के मुख्य द्वार के बाईं ओर अनाज की ढेरी बनाकर सरसों के तेल का दीपक रखें। ध्यान दें कि दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर रहे।
यम के नाम का दीपक जलाएं: घर के सबसे बड़े सदस्य द्वारा एक बड़ा दीपक यमराज के नाम से जलाया जाता है। इस चौमुखी दीपक को पूरे घर में घुमाकर फिर घर के बाहर थोड़ी दूर रख देना चाहिए। इस दौरान अन्य परिवार के सदस्य दीपक को नहीं देखें।
छोटी दिवाली पर क्या नहीं करना चाहिए?
कुछ ऐसे कार्य भी हैं जो नरक चतुर्दशी के दिन वर्जित माने गए हैं:
दक्षिण दिशा को साफ रखें: इस दिन घर की दक्षिण दिशा को गंदा नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे पितर और यमराज नाराज हो सकते हैं।
तिल के तेल का दान न करें: मान्यता है कि तिल का तेल दान करने से घर में लक्ष्मी का वास नहीं होता है। इसलिए इस दिन तिल के तेल का दान करने से बचें।
झाड़ू का विशेष ध्यान रखें: नरक चतुर्दशी के दिन झाड़ू को पैर से ठोकर न लगाएं और न ही इसे खड़ा करके रखें, क्योंकि ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
छोटी दिवाली का पर्व दीपावली की खुशियों का आरंभिक स्वरूप है और जीवन में सुख, समृद्धि, और परिवार की सुरक्षा के लिए इसे विधिपूर्वक मनाना आवश्यक माना गया है। छोटी दिवाली पर किए गए ये छोटे-छोटे उपाय जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और देवी-देवताओं की कृपा को आकर्षित करने में सहायक होते हैं।