Parliament Session: संसद से 146 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया है, जिसको लेकर विपक्षी पार्टियों में खासी नाराजगी है. इस बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच बातचीत होने जा रही है. इसके लिए उपराष्ट्रपति ने खरगे को पत्र लिखकर 25 दिसंबर को अपने आवास पर आमंत्रित किया है. इस दौरान सांसदों के निलंबन को लेकर चर्चा की जाएगी.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का कहना है कि उन्होंने कई बार आग्रह किया था, लेकिन शीतकालीन सत्र की वजह से बैठक नहीं हो सकी. अपने पत्र में उपराष्ट्रपति ने कहा है कि सदन में विपक्षी दलों ने जो हंगामा किया था, कार्यवाही में जो खलल डाला था वो पूरी रणनीति के तहत सोच समझकर किया गया था. जिसमें मुख्य विपक्षी दल की भूमिका अहम है. उन्होंने कहा कि मैं आपको लज्जित नहीं करना चाहता, लेकिन आपसे मुलाकात होगी तो इस मामले में पर चर्चा जरूर करेंगे.
धनकड़ ने खरगे को किया आमंत्रित
इसके साथ ही उपराष्ट्रपति धनखड़ ने खरगे को लिखे पत्र में कहा है कि हमें आगे बढ़ने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर या जब भी आपको समय मिले ,आपकी सुविधा के मुताबिक आपको बातचीत के लिए अपने आवास पर आमंत्रित किया जाता है.
उपराष्ट्रपति ने खरगे को लिखा पत्र
आपके बता दें कि इससे पहले 22 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उपराष्ट्रपति धनखड़ को पत्र लिखा था. जिसके जवाब में धनखड़ ने लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि कई बार उन्होंने बातचीत करने की कोशिश की कभी सदन के अंदर तो कभी पत्र लिखकर लेकिन हर बार कोशिश नाकामयाब रही.
‘सदन में जानबूझ कर व्यवधान डाला गया’
इसके साथ ही धनखड़ ने निलंबित सांसदों का भी जिक्र किया है. उन्होंने लिखा है कि विपक्षी नेताओं का निलंबन सदन के अंदर की जा रही नारेबाजी, तख्ती लहराना, वेल में घुसने की कोशिश और खराब व्यवहार था. जानबूझ कर नेताओं ने सदन की कार्यवाही में व्यवधान डाला, जिसकी वजह से उन्हें निलंबित किया गया है. उन्होंने कहा कि निलंबित करने से पहले उन्होंने सदन को शांतिपूर्ण चलाने की हर मुमकिन कोशिश की, हंगामे के दौरान कई बार सदन को स्थगित किया सांसदों को अपने कक्ष में बुलाकर बात करने की भी कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
‘सांसदों के निलंबन से दुखी हूं’
गौरतलब है कि शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने उपराष्ट्रपति धनखड़ को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि इतने बड़े पैमाने पर सांसदों का निलंबन करना संसदीय लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के लिए हानिकारक है, सांसदों के निलंबन से वो काफी आहत और दुखी हैं.
आपको बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र का समापन अपने तय समय से एक दिन पहले गुरुवार को राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. इस सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालने और अनुचित व्यवहार करने की वजह से राज्यसभा से 46 सांसदों को निलंबित कर दिया था.