Manmohan Singh:मनमोहन सिंह के निधन पर UN ने जताया दुख, भूटान में हुईं प्रार्थना सभाएं, फिलिस्तीन ने भी...

06:31 PM Dec 28, 2024 | zoomnews.in

Manmohan Singh: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर ने न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर भी गहरा शोक पैदा किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। गुटरेस ने भारत के आर्थिक विकास, वैश्विक सहयोग और संयुक्त राष्ट्र के साथ मजबूत साझेदारी में सिंह के योगदान को याद किया।

गुटरेस की श्रद्धांजलि
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक द्वारा जारी बयान में कहा गया कि डॉ. सिंह ने भारत के आर्थिक इतिहास और वैश्विक मंच पर देश की स्थिति को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल (2004-2014) के दौरान भारत ने न केवल आर्थिक प्रगति की बल्कि वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में अपनी भूमिका स्थापित की।

गुटरेस ने सिंह के नेतृत्व में भारत-यूएन सहयोग को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्थिरता और विकास के लिए सक्रिय योगदान दिया।

भूटान में विशेष श्रद्धांजलि
डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान में भूटान में प्रार्थना सभाएं आयोजित की गईं। भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने सिंह के अंतिम संस्कार में भाग लिया। भूटान की शाही सरकार ने पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका कर शोक व्यक्त किया।

थिम्पू के प्रसिद्ध ताशिचोदजोंग मठ में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई, जिसमें मक्खन के एक हजार दीपक जलाए गए। इसमें भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, भारतीय राजदूत सुधाकर दलेला और शाही परिवार के सदस्यों ने भाग लिया।

फिलिस्तीन का विशेष संदेश
फिलिस्तीन के प्रति डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को भी गहराई से याद किया गया। भारत में फिलिस्तीन दूतावास के प्रभारी राजदूत अबेद एलराजेग अबू जाजर ने उनकी सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने फिलिस्तीन को दिल्ली में दूतावास के लिए भूमि उपलब्ध कराने में मदद की थी।

डॉ. सिंह के कार्यकाल के दौरान, उन्होंने फिलिस्तीन के नेता यासिर अराफात और महमूद अब्बास के साथ कई बार मुलाकात की। जाजर ने कहा, “हम उनके योगदान को हमेशा याद रखेंगे। उन्होंने हमारे साथ एक ऐतिहासिक संबंध बनाए रखा।”

भारत और विश्व के लिए एक प्रेरणा
डॉ. मनमोहन सिंह की सादगी, विद्वता और दूरदर्शिता ने उन्हें एक असाधारण नेता के रूप में स्थापित किया। उनके नेतृत्व में भारत ने न केवल आर्थिक क्षेत्र में बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी मजबूती हासिल की।

उनके निधन से एक युग का अंत हुआ है, लेकिन उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी। उनके सम्मान में व्यक्त की गई वैश्विक श्रद्धांजलि उनकी महानता और वैश्विक प्रभाव का प्रतीक है।