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UGC-NET 2024:UGC NET की परीक्षा रद्द, अब NEET का क्या होगा? समझें आसान भाषा में

UGC-NET 2024: 18 जून को ही आयोजित की गई यूजीसी-नेट की परीक्षा को शिक्षा मंत्रालय ने रद्द करने का फैसला किया है। इस परीक्षा का अब दोबारा आयोजन किया जाएगा। नई तारीखों का जल्द ही ऐलान होगा।

UGC-NET 2024: NEET पर देशभर में चल रहे बवाल के बीच UGC-NET की परीक्षा रद्द कर दी गई है. शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा रद्द करने के साथ ही इसकी जांच सीबीआई को भी सौंपी है. इसके बाद NEET को रद्द करने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों को भी एक उम्मीद जगी है. सवाल उठाया जा रहा है कि जब यूजीसी NET रद्द किया जा सकता है, तो NEET की परीक्षा दोबारा क्यों नहीं कराई जा सकती. तर्क ये भी दिया जा रहा है कि जब 2015 में NEET को रद्द कर दोबारा कराया गया था तो इस बार गड़बड़ी होने पर ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा.

नेशनल टेस्ट एजेंसी द्वारा आयोजित कराई गई UGC NET को गड़बड़ी के चलते रद्द कर दिया गया है. यह परीक्षा 18 जून को हुई थी, जिसके लिए 11 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था. अब यह परीक्षा दोबारा आयोजित कराई जाएगी. इसके लिए अभी तक नई तिथि की घोषणा नहीं की गई है. NET की परीक्षा रद्द होने के बाद एक बार फिर एनटीए की शुचिता पर सवाल उठने लगे हैं. इससे पहले NEET को लेकर देश भर में बवाल चल ही रहा है, यह परीक्षा भी NTA ने ही कराई थी. जिसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है.

फिर से आयोजित की जाएगी परीक्षा 

शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस परीक्षा का आयोजन फिर से होगा और नई तारीखों का ऐलान जल्द किया जाएगा। परीक्षा में गड़बड़ी का मामला सीबीआई को सौंपा जाएगा।

18 जून को ही हुई थी यूजीसी नेट की परीक्षा

यूजीसी-नेट की परीक्षा 18 जून को ही आयोजित की गई थी। लेकिन इसमें गड़बड़ी की शिकायत के बाद शिक्षा मंत्रालय ने इसे रद्द करने का फैसला किया। सीबीआई के पास मामला जाने के बाद इन गड़बड़ियों से जुड़ी अहम जानकारी सामने आ सकती हैं। 

कितने लोगों ने दी थी परीक्षा?

इस परीक्षा में 11 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था। ये परीक्षा 317 शहरों में 1205 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित हुई थी। इसमें कुल 11,21,225 उम्मीदवार बैठे थे।

क्या रद्द हो सकता है NEET?

4 जून को नीट का रिजल्ट आने के बाद से NEET में धांधली का आरोप लगाकर देश भर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं. अलग-अलग राज्यों के हाईकोर्टों में वाद दायर किए गए हैं. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई भी कर चुका है और परीक्षा रद्द करने से इन्कार कर दिया है. हालांकि इस मामले में 8 जुलाई को सुनवाई होनी है, जिसमें परीक्षा रद्द करने के साथ इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की याचिकाओं पर सुनवाई होगी. इसमें 2015 मामले का भी तर्क दिया जा सकता है, जिसमें गड़बड़ी सामने आने के बाद परीक्षा को रद्दद कर दिया गया था. हालांकि ये उतना आसान नहीं है.

NEET रद्द करना इसलिए चुनौती

शिक्षा मंत्रालय NET की परीक्षा रद्द कर दी है, लेकिन NEET के मामले में मंत्रालय की तरफ ऐसा होना मुश्किल है. इसका सबसे पहला कारण परीक्षा का लोड है. दरअसल NET के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या 11 लाख थी, जबकि NEET की परीक्षा 24 लाख अभ्यर्थियों ने दी थी.

NEET का रिजल्ट 4 जून को घोषित हो चुका है, तकरीबन 1563 छात्र जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए, इनकी दोबारा परीक्षा के लिए मंत्रालय पहले ही आदेश दे चुका है और 23 जून को इनकी परीक्षा भी होनी है.

सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 8 जुलाई को सुनवाई करेगा, जबकि NEET की काउंसिलिंग शुरू कराने की तारीख 6 जुलाई रखी गई है, ऐसे में परीक्षा रद्द करने के साथ ही काउंसिलिंग भी रद्द करनी होगी.

परीक्षा अगर रद्द हो भी जाती है, तो इसके लिए फिर से तैयारी शुरू करनी होगी, इसमें लंबा वक्त भी लग सकता है. ऐसे में अभ्यर्थियों का पूरा सत्र प्रभावित हो सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को इस मामले में सुनवाई करते हुए सख्त टिप्पणी की थी, कोर्ट ने कहा था कि अगर इस मामले में 0.001 प्रतिशत भी धांधली हुई है तो कड़ी कार्रवाई होगी. कोर्ट ने इसके साथ ये भी कहा था कि बच्चों ने जो मेहनत की है, उसे भुलाया नहीं जा सकता. इसके अलावा कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में ये भी कहा कि अगर परीक्षा में गड़बड़ी हुई तो इसका असर पब्लिक हेल्थ पर भी पड़ेगा. अब सुप्रीम कोर्ट परीक्षा रद्द करने की याचिका पर 8 जुलाई को सुनवाई करेगा, इसके लिए NTA से जवाब भी मांगा गया है. हालांकि उससे पहले देश भर में दायर की गई याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए 20 जून को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है.

नीट पर क्यों उठे सवाल, अब तक कब क्या हुआ?

लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के दिन 4 जून को NEET का रिजल्ट जारी हुआ था. रिजल्ट जारी होने के बाद से ही इस पर सवाल उठने लगे थे.

दरअसल ऐसा टॉपर 67 छात्रों को लेकर हुआ, जिन्हे 720 में से 720 नंबर मिले थे. इसके अलावा एक ही सेंटर के 6 छात्रों ने टॉप किया था. दो अन्य छात्रों को 719 और 718 नंबर मिले थे.

यह मामला सामने आते ही धांधली के आरोप लगने लगे और देश भर में परीक्षा को रद्द किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू हो गए.

जब प्रदर्शन शुरू हुए तो एनटीए ने इस मामले में सफाई दी कि कुछ छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, हो सकता है इस वजह से ऐसा हुआ हो. एनटीए की तरफ से तर्क दिया गया कि रिवाइज्ड आंसर और लॉस ऑफ टाइम की वजह से ऐसा किया गया.

मामला जब सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो एनटीए ने कोर्ट में ये मामला कि 1563 अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं. कोर्ट में एनटीए ने ये भी कहा कि इनकी परीक्षा रद्द कर दोबारा परीक्षा कराई जाएगी.

देश भर में NEET पर बढ़े बवाल के बाद शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सामने आया और उन्होंने ये माना कि दो सेंटरों पर गड़बड़ी मिली है, हम दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेंगे.

इसके बाद ग्रेस मार्क्स वाले अभ्यर्थियों की परीक्षा के लिए 23 जून की तारीख घोषित कर दी गई. इस परीक्षा का रिजल्ट 30 जून को घोषित कर दिया जाएगा.

गुजरात और बिहार से जुड़े गड़बड़ी के तार

NEET मामले में अब बिहार और गुजरात से आरोपी पकड़े जा चुके हैं. गुजरात के गोधरा में 5 लोगों को पकड़ा गया है, इनके पास से 2.03 करोड़ के चेक, इलेक्ट्रानिक डिवाइस मिले हैं. इसके अलावा बिहार में भी आर्थिक अपराध इकाई की जांच तेजी से चल रही है. इस मामले में 13 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. अभी तक की जांच में सामने आया है कि पटना में वाट्सएप के जरिए नीट का प्रश्न पत्र भेजा गया था. वहां एक सेंटर में बैठकर 35 से 40 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी. इस कॉलेज पर जब रेड पड़ी तो सभी फरार हो गए और परीक्षा से संबंधित दस्तावेजों को जला दिया गया. आरोप तो ये भी लगाए जा रहे हैं कि बिहार के एक गेस्ट हाउस में बैठकर छात्रों को पेपर समझाया गया था.

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