Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वोटिंग की तारीख करीब आते ही राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है। जहां एक ओर सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों और एजेंडों के साथ चुनाव प्रचार में जुटी हैं, वहीं दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन की एक प्रमुख सहयोगी पार्टी, शिवसेना (UBT), ने मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर राजनीतिक समीकरणों को गर्मा दिया है। शिवसेना (UBT) का यह कदम MVA में मतभेदों को और बढ़ा सकता है।
शिवसेना (UBT) का बड़ा दावा
शिवसेना (UBT) ने सामना अखबार में एक विज्ञापन के माध्यम से यह संदेश दिया है कि महाराष्ट्र में आगामी सरकार का नेतृत्व "कुटुंब प्रमुख" यानी परिवार के प्रमुख द्वारा होगा। इस संदेश में उद्धव ठाकरे को कुटुंब प्रमुख बताते हुए उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में प्रस्तुत किया गया है। शिवसेना (UBT) का यह दांव ऐसे समय पर आया है जब मतदान में कुछ ही दिन शेष हैं, जिससे गठबंधन में सहयोगी दलों के बीच मनमुटाव की संभावना बढ़ गई है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का तीखा पलटवार
मौजूदा मुख्यमंत्री और शिवसेना के प्रमुख, एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के इस कदम पर निशाना साधा। एक चुनावी सभा में शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व और शिवसेना (UBT) के चुनाव चिह्न "मशाल" पर कटाक्ष करते हुए कहा कि "मशाल" केवल घरों में आग लगाने का काम करती है। शिंदे ने मुस्लिम वोट बैंक को लेकर भी अपनी बात रखी और दावा किया कि जल्द ही यह समर्थन उनके पक्ष से खिसक जाएगा।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का शेड्यूल
महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों पर आगामी 20 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होने जा रहा है, जबकि 23 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। चुनाव का पूरा शेड्यूल इस प्रकार है:
- चुनाव अधिसूचना जारी: 22 अक्टूबर 2024
- नामांकन की अंतिम तिथि: 29 अक्टूबर 2024
- नामांकन की जांच: 30 अक्टूबर 2024
- उम्मीदवारी वापसी की अंतिम तिथि: 4 नवंबर 2024
- मतदान की तिथि: 20 नवंबर 2024
- मतगणना की तिथि: 23 नवंबर 2024
शिवसेना (UBT) के दावे का राजनीतिक प्रभाव
शिवसेना (UBT) के इस कदम से महाराष्ट्र में राजनीति और अधिक जटिल हो गई है। MVA में उद्धव ठाकरे, शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस मुख्य सहयोगी पार्टियां हैं। हालांकि, उद्धव ठाकरे द्वारा मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोकने से MVA के अन्य दलों के साथ तालमेल की कठिनाइयां सामने आ सकती हैं, जिससे गठबंधन की एकता पर सवाल उठ सकते हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या शिवसेना (UBT) का यह दावा MVA के अन्य दलों को रिझाने में सफल होता है या फिर इससे गठबंधन में और अधिक फूट पड़ेगी।