Trinamool Congress: हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावों में हार के बाद कांग्रेस पार्टी एक बार फिर ईवीएम (EVM) को निशाने पर ले रही है। कांग्रेस का आरोप है कि ईवीएम के कारण चुनावी नतीजे प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि, इस बार कांग्रेस को अपने आरोपों पर विपक्षी दलों का समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है। टीएमसी (TMC) और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ईवीएम का समर्थन करते हुए कांग्रेस की आलोचना की है।
टीएमसी का ईवीएम पर समर्थन
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने ईवीएम के खिलाफ उठ रहे सवालों को खारिज करते हुए कहा कि यदि किसी के पास कोई ठोस सबूत है तो उसे चुनाव आयोग के समक्ष पेश करना चाहिए। अभिषेक ने कहा,
"EVM रैंडमाइजेशन, मॉकपोल और काउंटिंग जैसे महत्वपूर्ण चरणों की सही तरीके से जांच की जाए, तो इन आरोपों में कोई दम नहीं दिखता।"
अभिषेक बनर्जी के बयान से स्पष्ट है कि टीएमसी, जो पश्चिम बंगाल में सत्ता में है, ईवीएम पर कांग्रेस के रुख से इत्तेफाक नहीं रखती।
कांग्रेस का पलटवार
अभिषेक बनर्जी के बयान पर कांग्रेस सांसद मल्लू रवि ने पलटवार करते हुए इसे "हास्यास्पद" करार दिया। उन्होंने कहा,
"अगर ईवीएम में गड़बड़ी के कोई सबूत होते, तो कांग्रेस इसे अब तक साबित कर चुकी होती। यह संभव नहीं है, इसलिए हम लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं। टीएमसी का यह रुख उनके सत्ता में होने की वजह से है।"
उन्होंने आगे कहा कि इंडिया गठबंधन में सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम (Common Minimum Program) को लेकर कोई मतभेद नहीं है और हर पार्टी को अपनी राय रखने का अधिकार है।
उमर अब्दुल्ला का कांग्रेस को नसीहत
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी कांग्रेस को ईवीएम पर आरोप लगाने से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा,
"कांग्रेस को चुनावी नतीजों को स्वीकार कर लेना चाहिए। यह ठीक नहीं कि जीतने पर ईवीएम पर भरोसा करें और हारने पर इसे दोष दें।"
उन्होंने बीजेपी की बात को दोहराते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा कि ईवीएम का मुद्दा केवल हार के समय ही उठाया जाता है।
कांग्रेस को विपक्षी समर्थन की कमी
ईवीएम पर सवाल उठाने के मुद्दे पर इस बार कांग्रेस अकेली पड़ती दिख रही है। जहां टीएमसी और उमर अब्दुल्ला जैसे प्रमुख विपक्षी नेताओं ने ईवीएम का समर्थन किया है, वहीं अन्य दलों ने भी इस विवाद पर चुप्पी साध रखी है।
ईवीएम पर कांग्रेस का रुख
कांग्रेस लंबे समय से ईवीएम की पारदर्शिता पर सवाल उठाती रही है। पार्टी का कहना है कि ईवीएम की गड़बड़ी से चुनावी नतीजे प्रभावित होते हैं और इससे लोकतंत्र पर खतरा मंडराता है। हालांकि, अभी तक कांग्रेस अपने दावों के समर्थन में कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर पाई है।
क्या कहती है बीजेपी?
बीजेपी लगातार ईवीएम के समर्थन में रही है। पार्टी का तर्क है कि जब कांग्रेस या अन्य विपक्षी दल चुनाव जीतते हैं, तो ईवीएम पर कोई सवाल नहीं उठाते, लेकिन हारते ही ईवीएम को दोष देने लगते हैं।
निष्कर्ष
ईवीएम विवाद पर कांग्रेस का सामना इस बार विपक्ष के अंदरूनी मतभेदों से हो रहा है। टीएमसी और उमर अब्दुल्ला जैसे नेता कांग्रेस की आलोचना कर रहे हैं और ईवीएम की विश्वसनीयता पर भरोसा जता रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए ईवीएम को बड़ा मुद्दा बनाना और विपक्षी एकजुटता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है।