Delhi School: दिल्ली के प्रतिष्ठित स्कूलों, डीपीएस आरके पुरम और पश्चिम विहार के जीडी गोयनका स्कूल को एक बार फिर से बम धमकी भरे मेल मिलने से खलबली मच गई। इन मेल्स के बाद स्कूल प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए छात्रों को सुरक्षित घर वापस भेज दिया। यह घटना सुबह 7 बजे के आसपास हुई, जब अधिकतर छात्र स्कूल पहुंच चुके थे। पुलिस और दमकल विभाग को जानकारी देने के साथ ही सुरक्षा के सभी जरूरी कदम उठाए गए।
बढ़ते झूठे बम धमकी के मामलों की चिंता
इस साल बम की झूठी धमकी वाले मेल्स और कॉल्स में भारी वृद्धि हुई है। मई के महीने में ही दिल्ली के 60 से अधिक स्कूलों को बम की धमकी भरे मेल्स मिले थे। इन घटनाओं के बाद पुलिस और बम निरोधक दस्ते को हर बार हरकत में आना पड़ा। हालांकि, इन जांचों में अब तक किसी भी मामले में कोई वास्तविक खतरा नहीं पाया गया है।
झूठी बम धमकियों का दायरा केवल स्कूलों तक सीमित नहीं है। इस साल एयरलाइंस और अस्पताल भी इनकी चपेट में आए हैं। प्लेन में बम की झूठी खबरों की वजह से कई फ्लाइट्स को रद्द या स्थगित करना पड़ा, जिससे एयरलाइंस को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ।
साइबर अपराधियों की नई रणनीति
ऐसे मामलों में अपराधी आमतौर पर वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) और विदेशी सर्वर का उपयोग करते हैं। वीपीएन के कारण मेल भेजने वाले का सही लोकेशन और पहचान ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, विदेशी सर्वर का इस्तेमाल होने के कारण भारतीय जांच एजेंसियों को संबंधित देशों से सहयोग लेना पड़ता है। यह प्रक्रिया न केवल जटिल होती है, बल्कि समय लेने वाली भी होती है।
सुरक्षा और सावधानी पर जोर
हालांकि, अब तक ऐसी धमकियां झूठी साबित हुई हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां इन्हें हल्के में नहीं ले रही हैं। हर मेल या कॉल को गंभीरता से लिया जा रहा है ताकि किसी भी तरह की अनहोनी को टाला जा सके। स्कूल प्रशासन ने भी बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सतर्कता बरती है।
समस्या का समाधान क्या?
- साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाना: वीपीएन और विदेशी सर्वर के दुरुपयोग पर निगरानी के लिए नए साइबर सुरक्षा उपाय अपनाए जाने चाहिए।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग: विदेशी सर्वर की जांच में तेजी लाने के लिए विभिन्न देशों की जांच एजेंसियों के साथ बेहतर तालमेल जरूरी है।
- सख्त कानून: झूठी धमकियां देने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए ताकि इस तरह के अपराधों में कमी आए।
निष्कर्ष
झूठी बम धमकियां न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती हैं, बल्कि बच्चों और उनके माता-पिता के लिए भी मानसिक तनाव का कारण बनती हैं। ऐसे में, तकनीक और कानून के जरिए इस समस्या से निपटने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। सुरक्षा एजेंसियों और स्कूल प्रशासन का समन्वय बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगा।