IPL 2025: आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन से पहले बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने कई बड़े संकेत दिए हैं. क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने मुंबई में मीडिया से बातचीत के दौरान आईपीएल के अगले सीजन से एंटरटेनमेंट बढ़ने की उम्मीद जताई है. जय शाह ने खुलासा किया कि पूरे टूर्नामेंट्स के दौरान 84 मुकाबले खेले जा सकते हैं. अभी तक पूरे सीजन में फाइनल समेत कुल 74 मैच खेले जाते थे. इसमें 10 टीमें पहले 70 लीग मैच खेलती थीं. इसके बाद 3 प्लेऑफ और एक फाइनल मुकाबला खेला जाता था.
आईपीएल को लेकर कई बड़े अपडेट्स
जय शाह ने आईपीएल को लेकर कई बड़े अपडेट्स दिए हैं. उन्होंने लीग में मैच की संख्या को बढ़ाने का संकेत दिया. इसे लेकर उन्होंने कहा कि फिलहाल कुछ भी तय नहीं हुआ है. ऐसा करने से पहले बोर्ड खिलाड़ियों के वर्कलोड के साथ लीग के विंडो पर भी विचार करेगा. उसके बाद ही बीसीसीआई किसी नतीजे पर पहुंचेगा और फिर अंतिम फैसला किया जाएगा. कई दिनों से मेगा ऑक्शन को रद्द करके फुटबॉल क्लब की तरह ट्रांसफर सिस्टम को लाए जाने की बात चल रही थी. बीसीसीआई सेक्रेटरी ने इस पर बड़ी जानकारी दी है.
जय शाह ने खुलासा किया कि जिन फ्रेंचाइजी के पास अच्छे खिलाड़ी मौजूद हैं, वो इस बार मेगा ऑक्शन कराने के पक्ष में नहीं हैं. दूसरी ओर जो फ्रेंचाइजी अपनी टीम को मजबूत बनाने में नाकाम रहे हैं, वो इसके पक्ष में हैं. उनका मानना है कि खेल के विकास के लिए फेरबदल के साथ ठहराव भी जरूरी है. हालांकि, बीसीसीआई के लिए हर तरह के ओपिनियन मायने रखते हैं और वो किसी भी फ्रेंचाइजी के साथ अन्याय नहीं होने देना चाहता है. इसलिए किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले गहन चर्चा की जाएगी.
आईपीएल से हटेगा इम्पैक्ट प्लेयर का नियम?
आईपीएल में इम्पैक्ट प्लेयर का नियम सबसे चर्चित विषय रहा है. कई खिलाड़ी समेत क्रिकेट एक्सपर्ट्स इस नियम को हटाने के पक्ष में हैं. उनका मानना है कि इससे खेल पर बुरा असर पड़ा रहा है. इसके अलावा इस नियम की वजह से ऑल राउंडर्स को भी मौका नहीं मिलता. इसलिए इम्पैक्ट प्लेयर के नियम को खत्म करने की मांग उठने लगी थी.
जय शाह ने बताया कि इस मामले पर सभी फ्रेंचाइजी के साथ विस्तार से चर्चा की गई है. इसके अलावा घेरलू टीमों से भी उनकी राय मांगी गई है. इस नियम के पॉजिटिव और निगेटिव साइड को देखा गया. उन्होंने माना कि ऑल राउंडर्स को नुकसान हुआ है, लेकिन एक एक्स्ट्रा खिलाड़ी मौका भी मिलता है. इसके अलावा बोर्ड को ब्रॉडकास्टर्स के बारे में भी सोचना है. इसलिए अभी तक इसे हटाने को लेकर कोई फैसला नहीं किया जा सका है.