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Delhi Election 2025:कांग्रेस पर दिल्ली में मंडरा रहा ये खतरा, पार्टी की मजबूती और कमजोरी भी जानें

Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस खुद को मजबूती से पेश करने में जुटी है। हालांकि पिछले दो चुनावों में पार्टी अपना खाता नहीं खोल सकी। हम

Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है, और राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंकने में जुट गए हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच मुख्य मुकाबले के बावजूद, इस बार कांग्रेस भी अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की कोशिश में जुटी है। एक समय दिल्ली पर 15 वर्षों तक शासन करने वाली कांग्रेस अब एक ऐसे मोड़ पर खड़ी है, जहां उसे अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। आइए जानते हैं कि कांग्रेस के पास क्या मजबूत पहलू हैं, उसकी कमजोरियां क्या हैं, और इस चुनाव में उसे कौन-से बड़े खतरे का सामना करना पड़ सकता है।

कांग्रेस की मजबूती: नीतियां और उम्मीदवार

कांग्रेस ने इस बार चुनाव में अपनी नीतियों और योजनाओं के जरिए मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश की है। AAP की ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ के मुकाबले कांग्रेस ने ‘प्यारी दीदी योजना’ की घोषणा की है, जिसके तहत महिलाओं को 2500 रुपये मासिक सहायता देने का वादा किया गया है। यह योजना महिलाओं के बीच पार्टी को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।

इसके अलावा, पार्टी ने कई अनुभवी और कद्दावर नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा है। संदीप दीक्षित, देवेंद्र यादव, अलका लांबा, और हारून यूसुफ जैसे बड़े नाम पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में मदद कर सकते हैं। इन चेहरों की राजनीतिक समझ और जनसंपर्क कांग्रेस को एक बार फिर चर्चा में ला सकते हैं।

कमजोरियां: मतदाता विश्वास और संगठनात्मक ढांचा

कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती मतदाताओं का विश्वास दोबारा हासिल करना है। 2013 के बाद से दिल्ली की सत्ता से बाहर होने के कारण पार्टी का आधार कमजोर हो गया है। पार्टी को नेतृत्व की कमी का भी सामना करना पड़ा है, जो उसके चुनावी अभियान को प्रभावित कर सकता है।

इसके अलावा, निचले स्तर के कार्यकर्ताओं में जोश की कमी, और दो चुनावों में पार्टी का खाता न खुलना, कांग्रेस के चुनावी अभियान को कमजोर बना सकता है। पार्टी को अपने वोट प्रतिशत में लगातार गिरावट को रोकने के लिए भी कड़ी मेहनत करनी होगी।

अवसर: खोने के लिए कुछ नहीं

दिल्ली चुनाव 2025 कांग्रेस के लिए एक बड़ा अवसर भी लेकर आया है। चूंकि पार्टी के पास इस समय खोने के लिए कुछ नहीं है, यह चुनाव उसके लिए नए सिरे से शुरुआत करने का मौका हो सकता है। अगर कांग्रेस अपने पारंपरिक वोट बैंक को वापस पाने में सफल होती है, तो वह AAP और BJP के बीच एक निर्णायक भूमिका निभा सकती है।

त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनने पर कांग्रेस की भूमिका ‘किंगमेकर’ के रूप में उभर सकती है। इससे न केवल पार्टी का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि वह अपने कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने में भी सफल हो सकती है।

खतरा: राजनीतिक हाशिए पर जाने का डर

दिल्ली के 2025 विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए अस्तित्व की लड़ाई हैं। अगर पार्टी इस बार भी अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रहती है, तो उसे दिल्ली की राजनीति से लगभग बाहर होने की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। AAP और BJP की मजबूत उपस्थिति के बीच कांग्रेस के लिए जगह बनाना आसान नहीं होगा।

निष्कर्ष

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 कांग्रेस के लिए एक नई शुरुआत का अवसर है। यह चुनाव न केवल उसके भविष्य को तय करेगा, बल्कि दिल्ली की राजनीति में उसके अस्तित्व को भी पुनर्परिभाषित करेगा। कांग्रेस के लिए यह जरूरी है कि वह अपनी कमजोरियों को दूर करते हुए, अपने मजबूत पहलुओं को सही तरीके से प्रस्तुत करे। क्या कांग्रेस इस चुनौती को पार कर पाएगी? यह तो 5 फरवरी को होने वाले चुनाव के नतीजे ही बताएंगे।

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