Ram Mandir: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में कुछ ही समय बाकी रह गया है। देशभर में इस दिन को लेकर उत्साह नजर आ रहा है। 22 जनवरी को पूरे देश में रामोत्सव भी मनाया जाएगा। इस मौके पर राजस्थान के दौसा जिले की सिकराय तहसील में स्थित मेंहदीपुर बालाजी मंदिर से अयोध्या के रामभक्तों के लिए प्रसाद भेजा गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने इसके लिए मेंहदीपुर बालाजी मंदिर के न्यास और श्री महंत को धन्यवाद भी दिया है।
मेंहदीपुर बालाजी मंदिर से क्या आया?
चंपत राय ने बताया, 'अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान श्री रामलला सरकार की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में मेंहदीपुर बालाजी मंदिर न्यास की ओर से लड्डू के 1,51,000 डिब्बे भक्तों को प्रसाद रूप में भेंट करने के लिए भेजे गए हैं। प्रत्येक डिब्बे में 2 लड्डू हैं, जिनका अनुमानित वजन 500 ग्राम है।'
श्री राम जन्मभूमि मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए प्रसाद और अन्य सामग्री भेंट स्वरूप प्रदान करने के लिए श्री मेहंदीपुर बालाजी मंदिर न्यास को धन्यवाद
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 19, 2024
Gratitude to Shri Mehndipur Balaji Mandir Nyas for providing Prasad and other items for pilgrims coming to Shri Ram Janmabhoomi… pic.twitter.com/vuMCJ3MsoS
राय ने कहा, 'इसके अतिरिक्त न्यास ने श्रीरामभक्तों की सुविधा के लिए लगभग 2000 कंबल और 1 लाख रामनामी पटके भी भेजे हैं। पूर्व में भी लगभग 5000 कंबल हमें न्याय से प्राप्त हुए थे।'
राय ने ये भी कहा, 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र, श्री मेंहदीपुर बालाजी मंदिर के न्यास और श्री महंत जी के चरणों में अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता है।'
रामलला की पहली भव्य तस्वीर सामने आई
प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की पहली भव्य तस्वीर भी सामने आ गई है। ये तस्वीर गर्भगृह में रामलला के विराजमान होने से पहले की है। वहीं अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं, पूरे मंदिर के सजाया जा रहा है।
20 और 21 जनवरी को नहीं होंगे रामलला के दर्शन
आज और कल अयोध्या में रामलला के दर्शन नहीं होंगे, अब 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही दर्शन किए जा सकेंगे। आज गर्भगृह को 81 कलशों में भरे अलग-अलग नदियों के जल से शुद्ध किया जाएगा।
आज वास्तु शांति अनुष्ठान भी होगा। इसके अलावा रामलला के विग्रह का फलाधिवास भी होगा। इन सबके बीच मंदिर में जहां फूलों की सजावट हो रही है वहीं इसे रोशनी से भी सजाया गया है। रोशनी के बाद मंदिर का रूप देखते ही बन रहा है।