One Nation One Election: लोकसभा में वन नेशन-वन इलेक्शन विधेयक पेश होने के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 11 सांसदों की गैरमौजूदगी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। गैरहाजिर सांसदों में कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं, जिसकी वजह से पार्टी अब इन सभी को नोटिस जारी करने की तैयारी में है। वहीं, एनडीए सहयोगियों में जनसेना के सांसद बालासौरी भी सदन से अनुपस्थित रहे।
विधेयक पेश होने पर बीजेपी की स्थिति
लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। यह विधेयक देशभर में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने का प्रावधान करता है।
बिल पेश होते वक्त मात्र 269 सांसदों के वोट मिलने से सरकार के खिलाफ विपक्ष ने सवाल उठाना शुरू कर दिया। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने आरोप लगाया कि सरकार साधारण बहुमत भी नहीं जुटा पाई है। उन्होंने कहा, "जब सरकार को सामान्य समर्थन नहीं मिल पा रहा, तो वह दो-तिहाई बहुमत कैसे प्राप्त करेगी?"
बीजेपी सांसदों की अनुपस्थिति पर उठे सवाल
बीजेपी सांसदों की गैरमौजूदगी चौंकाने वाली इसलिए है क्योंकि पार्टी ने सोमवार शाम को ही तीन लाइन का व्हिप जारी किया था। व्हिप के तहत सभी सांसदों को सदन में अनिवार्य रूप से मौजूद रहने का निर्देश दिया गया था। बावजूद इसके, कई बड़े नेताओं समेत 11 सांसद गैरहाजिर रहे।
गैरमौजूद सांसदों की सूची
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, विधेयक पेश होते वक्त जो सांसद लोकसभा में मौजूद नहीं थे, उनके नाम इस प्रकार हैं:
- शांतनु ठाकुर
- जगदंबिका पाल
- बी. वाई. राघवेंद्र
- गिरिराज सिंह
- ज्योतिरादित्य सिंधिया
- नितिन गडकरी
- विजय बघेल
- उदयराज भोंसले
- भागीरथ चौधरी
- जगन्नाथ सरकार
- जयंत कुमार रॉय
पार्टी का सख्त रुख: नोटिस जारी होगा
बीजेपी ने व्हिप का उल्लंघन करने वाले इन सांसदों को नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है। पार्टी के अनुसार, व्हिप जारी होने के बाद सांसदों को गैरमौजूदगी की स्थिति में पूर्व सूचना देकर कारण बताना अनिवार्य होता है। बिना जानकारी के गैरहाजिर रहने पर पार्टी नोटिस जारी कर जवाब मांगेगी। अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
विपक्ष का विरोध
विपक्षी दलों ने इस विधेयक का पुरजोर विरोध किया है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे संविधान के संघीय ढांचे पर हमला बताया है। वहीं, विपक्ष का कहना है कि यह विधेयक लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करेगा।
सरकार का पक्ष
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि एक देश-एक चुनाव का उद्देश्य चुनावी खर्च को कम करना और शासन व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाना है। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनावों के कारण विकास कार्य बाधित होते हैं और सरकार का ध्यान भटकता है।
निष्कर्ष
वन नेशन-वन इलेक्शन विधेयक के लोकसभा में पेश होने के दौरान सांसदों की गैरमौजूदगी ने बीजेपी के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। जहां विपक्ष इसे सरकार की नाकामी बता रहा है, वहीं पार्टी भीतर भी अनुशासनहीनता पर सख्ती बरतने की तैयारी है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक माहौल और गर्माने की संभावना है।