Israel-Hezbollah War: इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में सीजफायर प्रस्ताव को ठुकराते हुए इजराइली सेना (IDF) को हिजबुल्लाह के खिलाफ हमले जारी रखने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह युद्धविराम का प्रस्ताव अमेरिका और फ्रांस द्वारा पेश किया गया था, लेकिन इस पर प्रधानमंत्री ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसके विपरीत, नेतन्याहू ने इजराइली सेना को अपनी पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ने और उन योजनाओं को लागू करने का निर्देश दिया जो उनके सामने रखी गई थीं।
अमेरिका-फ्रांस का सीजफायर प्रस्ताव
दरअसल, अमेरिका और फ्रांस ने इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच जारी संघर्ष को रोकने के लिए 21 दिनों के युद्धविराम का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव का समर्थन ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सऊदी अरब, UAE, और कतर सहित कई यूरोपीय देशों ने भी किया। लेकिन इजराइल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह हिजबुल्लाह के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई जारी रखेगा। हालांकि, हिजबुल्लाह की ओर से इस प्रस्ताव पर अब तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है।
इजराइली हमलों में बढ़ती मौतें
इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच जारी संघर्ष के बीच, इजराइली हमलों से लेबनान में बड़े पैमाने पर जनहानि हो रही है। बुधवार को हुए हमलों में 72 लोग मारे गए, जिससे अब तक 23 सितंबर से जारी संघर्ष में मरने वालों की संख्या 620 से अधिक हो गई है। हिजबुल्लाह ने दावा किया है कि उसने उत्तरी इजराइल के हाइफा में इजराइली मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाया है। हालांकि, इजराइली सेना ने हिजबुल्लाह के इन दावों की पुष्टि नहीं की है, लेकिन IDF ने बताया कि हिजबुल्लाह ने इजराइल पर 45 रॉकेट दागे हैं।
लेबनान में जमीनी आक्रमण की आशंका
इस बीच, लेबनान में इजराइली सेना के संभावित जमीनी आक्रमण की आशंका से क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया है। दुनियाभर के कई देश इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। भारत ने पहले ही अपने नागरिकों से लेबनान की यात्रा न करने और वहां से तुरंत लौटने की सलाह दी है। चीन ने भी अपने नागरिकों को लेबनान की यात्रा न करने की चेतावनी जारी की है। तुर्किए ने भी अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और चिंताएं
इस पूरे घटनाक्रम के बीच, वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ रही है कि यदि इजराइली सेना लेबनान में जमीनी आक्रमण करती है, तो यह संघर्ष और भीषण हो सकता है। अमेरिका और फ्रांस द्वारा प्रस्तुत सीजफायर प्रस्ताव, जो एक अंतरराष्ट्रीय प्रयास था, इजराइल द्वारा ठुकरा दिए जाने के बाद, अब क्षेत्रीय स्थिरता पर खतरा मंडराने लगा है।
इजराइली प्रधानमंत्री के इस कदम से यह स्पष्ट है कि इजराइल फिलहाल हिजबुल्लाह के खिलाफ अपने सैन्य अभियान को समाप्त करने के मूड में नहीं है। वहीं, लेबनान में बढ़ते तनाव और संभावित जमीनी आक्रमण से अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ गई है। ऐसे में, आने वाले दिनों में इस संघर्ष का समाधान कितना कठिन होगा, यह देखना बाकी है।
The Prime Minister's Office:
— Prime Minister of Israel (@IsraeliPM) September 26, 2024
The report about a ceasefire is incorrect. This is an American-French proposal that the Prime Minister has not even responded to.
The report about the purported directive to ease up on the fighting in the north is the opposite of the truth.