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Paper Leak Law:शिक्षा मंत्रालय ने पेपर लीक पर लगाम लगाने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का किया गठन

Paper Leak Law: केंद्र सरकार ने पेपर लीक की घटनाओं को गंभीरता से लिया है. शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए की परीक्षा प्रणाली की निगरानी समेत सिस्टम में सुधार के लिए एक हाई लेवल कमेटी का गठन कर दिया है. इसरो के पूर्व प्रमुख को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है.

Paper Leak Law: शिक्षा मंत्रालय की ओर से पेपर लीक से बचन के लिए लगतार कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच शनिवार को एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन के नेतृत्व में इस कमेटी का गठन किया गया है। के. राधाकृष्णन को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि इस कमेटी में छह अन्य लोग भी शामिल होंगे। बता दें कि आए दिन पेपर लीक के मामले सामने आ रहे थे, जिसके बाद सरकार ने नए कानून की अधिसूचना भी जारी की है। वहीं अब पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए कमेटी का भी गठन कर लिया गया है।

समिति में कुल सात लोग होंगे

मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने कहा कि सात लोगों की ये समिति परीक्षा की प्रक्रियाओं में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और NTA के स्ट्रक्चर पर काम करेगी। इसके साथ ही समिति 2 महीने के अंदर शिक्षा मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस हाई लेवल समिति के चेयरमैन के रूप में ISRO के पूर्व चेयरमैन डॉ. के. राधाकृष्णनन कार्यभार संभालेंगे। शिक्षा मंत्रालय की ओर से गठित की गई उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य इस प्रकार हैं- 

1- डॉ. के. राधाकृष्णन (अध्यक्ष)

  • पूर्व अध्यक्ष, इसरो और अध्यक्ष बीओजी, आईआईटी कानपुर

2- डॉ. रणदीप गुलेरिया (सदस्य)

  • पूर्व निदेशक, एम्स दिल्ली

3- प्रो. बी. जे. राव (सदस्य)

  • कुलपति, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद

4- प्रो. राममूर्ति के. (सदस्य)

  • प्रोफेसर एमेरिटस, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी मद्रास

5- श्री पंकज बंसल (सदस्य)

  • सह-संस्थापक, पीपल स्ट्रॉन्ग और बोर्ड सदस्य- कर्मयोगी भारत

6- प्रो. आदित्य मित्तल (सदस्य)

  • डीन स्टूडेंट अफेयर्स, आईआईटी दिल्ली

7- श्री गोविंद जायसवाल (सदस्य)

  • संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय (भारत सरकार)

हाई लेवल कमेटी के अन्य प्रमुख कार्य

  • परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, पूरी परीक्षा प्रक्रिया का विश्लेषण, सिस्टम में सुधार, किसी भी संभावित समस्या को रोकने के उपाय.
  • एनटीए की प्रक्रियाओं की गहन समीक्षा, हर स्तर पर नियमों का पालन, निगरानी तंत्र की मजबूती, प्रोटोकॉल को मजबूत करने के उपाय.
  • डेटा सुरक्षा सुधार, एनटीए की मौजूदा डेटा सुरक्षा प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल का मूल्यांकन, सुधार के लिए उपायों की सिफारिशें.
  • परीक्षाओं के लिए पेपर-सेटिंग, प्रक्रिया संबंधी मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल की जांच, सिस्टम की मजबूती बढ़ाने के लिए सिफारिशें.

राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की संरचना और कार्यप्रणाली.

इस कमेटी के जिम्मे सिफारिशों के तहत एनटीए की संगठनात्मक संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करना और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने का काम भी होगा. साथ ही एनटीए की मौजूदा शिकायत निवारण तंत्र का आकलन करना होगा ताकि सुधार के क्षेत्रों की पहचान हो सके. समिति को 2 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपनी होगी. वैसे कमेटी को अपनी सहायता के लिए विशेषज्ञों की मदद लेने की अनुमति दी गई है.

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