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जैसलमेर:सेवा परमो धर्म: मिशन को लेकर देशभर के दिग्गज जुटेंगे

शक्ति सिंह बांदीकुई के अनुसार प्राचीन भारतीय ज्ञान को आधुनिक कॉर्पोरेट से जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह एक अनूठा सम्मेलन होगा।

जैसलमेर । यूनाइटेडग्लोबल पीस फाउण्डेशन जैसलमेर के प्रतिष्ठित सूर्यागढ़ रिसोर्ट में यूनाइटेड कॉन्शियसनेस संगठन, विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के सहयोग से, "सेवा: परमो धर्म" थीम के तहत एचआर-सीएसआर पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। फाउण्डेशन के निदेशक शक्ति सिंह बांदीकुई और प्रधान सलाहकार डॉ. विक्रांत सिंह तोमर ने होटल सूर्यागढ़ रिसोर्ट में एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित करके इस बारे में जानकारी दी।

शक्ति सिंह बांदीकुई ने बताया कि यूनाइटेडग्लोबल पीस फाउण्डेशन के चेयरमैन मेघराज सिंह रॉयल के नेतृत्व में यह आयोजन हो रहा है। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में प्रसिद्ध वक्ता, विद्वान और कॉर्पोरेट नेता प्राचीन भारतीय ज्ञान से प्रेरित सेवा की भावना या "सेवा" को बढ़ावा देने में कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) और मानव संसाधन (एचआर) प्रथाओं की भूमिका पर चर्चा करने के लिए एक साथ आएंगे।


उन्होंने बताया कि मेघराज सिंह रॉयल के मार्गदर्शन में फाउण्डेशन के माध्यम से सामाजिक कार्यों को एक प्रभावी माध्यम से अमल में लाने और मानव संसाधन और सामुदायिक सामाजिक जिम्मेदारी को विश्व कल्याण और मानव सेवा में उपयोग में लाने के लिए इस पहल की शुरूआत कर रहे हैं। बांदीकुई ने बताया कि राष्ट्रीय सेमिनार जो कि सूर्यागढ़ में हो रही है। इस आयोजन में युनाइटेडग्लोबल पीस फाउण्डेशन के बैनर तले हो रही इस सेमिनार के पहले दिन के सत्र में ज्ञानयोग के माध्यम से सेवा, कर्मयोग के माध्यम से सेवा, उपासना योग के माध्यम से सेवा और ज्ञान निष्ठा विषय पर चर्चा, मंथन और मनन होगा। इसकी अंतरराष्ट्रीय सेमीनार फरवरी 2025 में उज्जैन में होगी, जिसमें 22ॅ देशों के लोग शिरकत करेंगे। 


जैसलमेर के सूर्यागढ़ में 18 और 19 अक्टूबर को होने वाले इस सम्मेलन में कई प्रतिष्ठित अतिथि, कंपनियों के हैड शामिल होंगे। उद्घाटन समारोह में अन्य उल्लेखनीय वक्ताओं के अलावा आरएमपी, मुंबई के उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे और विवेकानंद केंद्र की उपाध्यक्ष पद्मश्री निवेदिता भिड़े द्वारा संबोधन शामिल होंगे।


मुख्य विषय और सत्र: सम्मेलन में तीन मुख्य दृष्टिकोणों से सेवा की मौजूदा अवधारणा और संभावनाशील विषयों पर चर्चा होगी। 


डॉ. विक्रांत सिंह तोमर ने बताया कि ज्ञान योग के माध्यम से सेवा एक महत्वपूर्ण बिंदु है। प्राचीन भारतीय शिक्षाओं से प्राप्त ज्ञान आधुनिक सीएसआर पहलों का मार्गदर्शन कैसे कर सकता है, इस पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक महत्वपूर्ण सत्र होगा।

इसी तरह कर्म योग के माध्यम से सेवा दूसरा अहम पहलु है। जिसमें सफल सीएसआर परियोजनाओं पर प्रकाश डालना और यह पता लगाना कि कंपनियाँ अपने सामाजिक उत्तरदायित्व प्रयासों को कैसे आगे बढ़ा सकती हैं।

वहीं उपासना योग के माध्यम से सेवा जिसके तहत  संगठनों के भीतर सेवा की संस्कृति को बढ़ावा देने में मानव संसाधन पेशेवरों की भूमिका पर चर्चा की जानी है। इस आयोजन के प्रत्येक सत्र में विशेषज्ञों द्वारा वार्ता, उसके बाद खुली चर्चा और कार्रवाई योग्य परिणामों पर मतदान शामिल होगा। सम्मेलन का उद्देश्य स्पष्ट, व्यावहारिक रणनीतियाँ तैयार करना है जिन्हें पूरे भारत में विभिन्न सीएसआर पहलों में लागू किया जा सकता है।


डा. विक्रांत सिंह तोमर ने बताया कि इस आयोजन से बौद्धिक चर्चाओं के अलावा, ज्ञान निष्ठा सत्रों की एक प्रभावी संवाद शृंखला की अनूठी शुरूआत होगी। साथ ही देशभर में काम करने वाले बड़े समूहों के माध्यम से सांस्कृतिक और नेटवर्किंग के अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे। अंतिम दिन यानि कि 19 अक्टूबर को दो दिवसीय संवाद, मनन, चिंतन और मंथन के बाद सामने आए बिंदुओं पर निर्णय किए जाएंगे। इसके बाद 19 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के संस्कृति मंत्री श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी के सम्बोधन के बाद समापन होगा। 


वेबसाइट और ब्रोशर होगी लांच

शक्ति सिंह बांदीकुई के अनुसार प्राचीन भारतीय ज्ञान को आधुनिक कॉर्पोरेट से जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह एक अनूठा सम्मेलन होगा। जो मानव संसाधन और सीएसआर के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा। यूनाइटेडग्लोबल पीस फाउंडेशन भी इस मंच से शुरूआत करके सेवा के माध्यम से वैश्विक सद्भाव के अपने मिशन को आगे बढ़ाएगा।

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