Rana Sanga Controversy: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल ही में एक वीडियो साझा किया है, जिसमें करणी सेना के कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के घर पर हमला करते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो के माध्यम से अखिलेश यादव ने प्रदेश की योगी सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपने कैप्शन में लिखा, "आगरा में तोड़फोड़ की वारदात में शासन-प्रशासन की साठगांठ की आरोपियों ने खुद ही खोल दी गांठ, मुख्यमंत्री जी और क्या सबूत चाहिए आपको? अब क्या ये रिपोर्ट भी बदलवाएंगे?"
हमले की पृष्ठभूमि
इस हमले की जड़ें राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा दिए गए एक बयान में छिपी हैं। उन्होंने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा था कि राणा सांगा ने बाबर को हिंदुस्तान बुलाया था। उनके इस बयान के बाद करणी सेना ने आक्रोशित होकर उनके घर पर हमला कर दिया। करणी सेना के कार्यकर्ता बुलडोजर लेकर उनके आवास पहुंचे और घर में तोड़फोड़ की। इस दौरान गाड़ियों के शीशे तोड़े गए, पथराव किया गया और हिंसा भड़काई गई।
विवाद की जड़: राणा सांगा को ‘गद्दार’ कहना
रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च, 2025 को राज्यसभा में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने राणा सांगा को ‘गद्दार’ करार देते हुए कहा था कि बाबर को भारत लाने में उनकी भूमिका थी। सुमन ने कहा, “बाबर को राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए आमंत्रित किया था। अगर मुसलमानों को बाबर का वंशज कहा जाता है, तो हिंदू राणा सांगा के वंशज क्यों नहीं?” इस बयान ने राजपूत समाज सहित देश के कई हिस्सों में आक्रोश पैदा कर दिया।
करणी सेना का गुस्सा: हमला और इनाम का ऐलान
आगरा में करणी सेना के कार्यकर्ता सांसद के घर पर बुलडोजर लेकर पहुंचे और हिंसक प्रदर्शन किया। पुलिस के मौजूद रहने के बावजूद प्रदर्शनकारियों की संख्या और आक्रामकता के आगे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। इससे पहले, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में करणी सेना ने सपा के प्रदेश कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और सुमन के साथ-साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव का पुतला फूंका। संगठन ने सुमन के खिलाफ इनाम की भी घोषणा की, जिसमें उनके मुंह पर कालिख पोतने और जूते मारने वाले को पांच लाख रुपये देने की बात कही गई।
करणी सेना का प्रशासन को धन्यवाद
इस वायरल वीडियो में करणी सेना के कार्यकर्ता यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि, "प्रशासन का धन्यवाद, हमने प्रोटेस्ट किया, न हमने प्रशासन से कुछ कहा और न प्रशासन ने हमें कुछ कहा।" यह बयान सीधे तौर पर प्रशासन की निष्क्रियता को दर्शाता है, जिससे समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार पर मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। अखिलेश यादव ने इस वीडियो को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे यूपी सरकार किसी और के हाथों में संचालित हो रही है।
एफआईआर दर्ज, कानूनी कार्यवाही शुरू
रामजीलाल सुमन के घर पर हुए हमले के बाद उनके बेटे रणदीप सुमन ने हरी पर्वत थाने में मुकदमा दर्ज कराया। उन्होंने आरोप लगाया कि भीड़ ने सुनियोजित ढंग से हमला किया, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया और लूटपाट की। दर्ज एफआईआर में यह भी बताया गया है कि हमले के दौरान गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए और नगदी व अन्य सामान लूट लिया गया। इस हमले में सांसद सुमन के कई समर्थकों को गंभीर चोटें भी आई हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई
इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार विरोधियों को दबाने के लिए हिंसक तत्वों को खुली छूट दे रही है। वहीं, प्रदेश सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
इस घटना ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दिलाने में कितना सफल रहता है या यह मामला भी अन्य राजनीतिक विवादों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।