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Business News:टाटा ग्रुप पहुंचा 'भगवान की शरण' में, ऐसे करेगा बंपर कमाई

Business News: देश के सबसे बड़े कारोबारी घरानों में शुमार टाटा ग्रुप अब 'भगवान की शरण' में पहुंच गया है. ग्रुप ने वैष्णो देवी से लेकर अयोध्या और तिरुपति जैसे धार्मिक स्थलों से कमाई का बंपर प्लान बनाया है. चलिए बताते हैं पूरी बात...

Business News: टाटा ग्रुप देश के उन बिजनेस घरानों में से एक है जो लगभग हर सेक्टर में काम करता है. यही ग्रुप अब ‘भगवान की शरण’ में पहुंच गया है. जी नहीं, कुछ ऐसा वैसा नहीं हुआ है, बल्कि टाटा ग्रुप ने वैष्णो देवी से लेकर अयोध्या और तिरुपति जैसे देश के बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों से कमाई का बंपर प्लान बनाया है.

दरअसल टाटा ग्रुप की ही एक कंपनी ‘इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड’ ने अब अपने नेटवर्क को बड़ा करने का प्लान बनाया है. कंपनी इस सेगमेंट में लीडर बनना चाहती है. इसलिए कंपनी देश के तमाम धार्मिक स्थलों पर या तो होटल खोल चुकी है या खोलने की दिशा में बढ़ रही है. कंपनी का मानना है कि वह इस सेगमेंट में ग्लोबल लीडर बन जाएगी. ये कंपनी ताज, विवांता और जिंजर ब्रांड नाम से होटल चलाती है.

वैष्णों देवी से अयोध्या तक में होटल

इंडियन होटल्स के एमडी और सीईओ पुनीत चटवाल का कहना है कि टाटा ग्रुप के होटल अब देश के 50 से ज्यादा स्थानों पर या तो मौजूद हैं. आने वाले सालों में इनकी संख्या बढ़कर 66 हो जाएंगे. इसमें कंपनी के होटल वैष्णों देवी से तिरुपति बालाजी तक खुल चुके हैं. वहीं अयोध्या जैसे नए तौर पर विकसित हो रहे आध्यात्मिक पर्यटन क्षेत्र में भी कंपनी अपने होटलों का विस्तार कर रही है. कंपनी ने 3 कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं, इनमें एक होटल एक साल के अंदर ही चालू हो जाएगा. कंपनी का इरादा अपने पोर्टफोलियो के विस्तार का है.

उन्होंने कहा कि गुवाहाटी जैसी जगह भी हम सबसे पहले पहुंचने वाला होटल ब्रांड रहे. हमने अपने पैसे खर्च करके होटल खोला. हम कई आधात्यमिक जगहों पर सेवाएं दे रहे हैं और ये हमारी रणनीति का भी हिस्सा है.

‘भगवान का आशीर्वाद पाने सब जाते हैं’

पुनीत चटवाल का कहना है, ” मुझे लगता है कि आध्यात्मिक गंतव्य और आध्यात्मिकता, दुनियाभर में एक अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है. न केवल हमारे लिए, बल्कि दुनिया की आबादी के लिए इसकी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है. खुशी इस बात की है कि हम इसमें सबसे आगे हैं. इतना ही नहीं पर्यटन और हॉस्पिटेलिटी के लिहाज से भी धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल अधिक सुरक्षित विकल्प हैं क्योंकि लोग अच्छे या बुरे समय में भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए जाते हैं, चाहे वह किसी भी प्रकार की अच्छी, बुरी, दुखद या खुशी की घटना हो. यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है.”

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