UP Budget 2024:सुरेश कुमार खन्ना ने अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया- जानिए इस बार क्या-क्या मिला

12:58 PM Feb 05, 2024 | zoomnews.in

UP Budget 2024: उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना विधानसभा में अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश कर रहे हैं। बजट में महिलाओं, किसानों और युवाओं पर सरकार का ज्यादा फोकस दिखाई दे रहे हैं। वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कई अहम जानकारियां दी हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आर्थिक-सामाजिक विकास के हर क्षेत्र में नई ऊचाईयों को प्राप्त कर रहा है। हमने इस नैरेटिव को सिरे से खारिज कर दिया कि उत्तर प्रदेश एक बीमारू प्रदेश है। 

न्याय

जनपद प्रयागराज में निर्माणाधीन राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में न्यायालयों की स्थापना हेतु 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। पायलट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत न्यायालय परिसर के निर्माण हेतु 700 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। अधिवक्ता कल्याण निधि को 200 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रूपये किये जाने का निर्णय लिया गया है। उत्तर प्रदेश अधिवक्ता सामाजिक निधि योजना के सदस्य अधिवक्ता की मृत्यु हो जाने की दशा में अनुमन्य सहायता की अधिकतम सीमा को 1.50 लाख रूपये से बढ़ाकर 5 लाख रूपये कर दिया गया है।

महिला एवं बाल विकास

प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 1,89,796 आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से 06 माह से 06 वर्ष आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के सर्वांगीण विकास की योजनाओं का संचालन कराया जा रहा है। प्रदेश में अनुपूरक पुष्टाहार से लगभग 2 करोड़ 6 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। हॉट कुक्ड मील योजना के अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों में 03 वर्ष से 06 वर्ष आयु के 79.37 लाख बच्चों को गर्म पका भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। पुष्टाहार कार्यक्रम हेतु लगभग 5129 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं के मानदेय के भुगतान हेतु लगभग 971 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। कन्या सुमंगला योजना हेतु 700 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

श्रम

संत रविदास शिक्षा सहायता योजना एवं मेधावी छात्र पुरस्कार योजना को एकीकृत करते हुये नयी योजना ‘‘संत रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना’’ कर दिया गया है। इस योजना के अन्तर्गत माह नवम्बर, 2023 तक 1,86,270 छात्र छात्राओं को लाभ हुआ तथा लगभग 58 करोड़ 46 लाख रूपये की धनराशि व्यय की गई। कन्या विवाह सहायता योजना के अन्तर्गत पंजीकृत श्रमिक की कुल 02 बालिकाओं को स्वजातीय विवाह की स्थिति में 55,000 रूपये तथा अन्तर्जातीय प्रकरणों में 61,000 रूपये की रकम दिये जाने का प्राविधान है। इस योजना के अन्तर्गत माह नवम्बर, 2023 तक लाभार्थी श्रमिक संख्या 2,38,856 है तथा लगभग 1302 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की गई है। निर्माण श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण एवं उद्देश्यपरक शिक्षा उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रत्येक मण्डल में एक एक अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं जिसकी कुल निर्माण लागत 1267 करोड़ रूपये है। 16 अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा किया जा चुका है। वर्तमान में कक्षा-6 हेतु शैक्षणिक सत्र 2023-24 प्रारम्भ हो चुका है।

राजस्व

प्रदेश में एण्टी भू-माफिया पोर्टल पर अवैध कब्जे से सम्बन्धित कुल 3,72,039 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिसमें से 3,70,748 शिकायतें निस्तारित की गयी तथा अभियान के अन्तर्गत कुल 66,872 हेक्टेयर क्षेत्रफल अवैध अतिक्रमण से अवमुक्त कराया गया है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश में शीतलहर के बचाव हेतु निराश्रित व्यक्तियों को कम्बल वितरण एवं सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने हेतु जनपदों को 52.79 करोड़ रूपये की धनराशि 18 जनवरी, 2024 तक जारी की जा चुकी है। जनपदों द्वारा अभी तक कुल 6,66,870 कम्बलों का वितरण किया जा चुका है। राज्य आपदा मोचन बल की वर्तमान में 3 कम्पनियां स्थायी रूप से हैं तथा 3 कम्पनियों के नव सृजन की कार्यवाही प्रचलित है।

परिवहन

रक्षाबंधन पर्व पर प्रदेश की महिला यात्रियों को निगम बसों में निःशुल्क यात्रा प्रदान की जा रही है। वर्ष 2017 से वर्ष 2023 तक 1.03 करोड़ से अधिक महिला यात्रियों को निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की गयी है। बस यात्रियों को सस्ती एवं गुणवत्ता पूर्ण यात्रा सुलभ कराये जाने के उद्देश्य से बस बेड़ो में वृद्धि हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। निर्भया योजना के अन्तर्गत महिलाओं के लिये 50 वातानुकूलित पिंक सेवायें संचालित हैं, जिसमें महिला यात्रियों की सुरक्षा हेतु सभी बसों में पैनिक बटन स्थापित है। किसी भी आपदा की स्थिति में यात्रारत महिलायें उत्तर प्रदेश पुलिस की डायल 112 सेवा के निरन्तर सम्पर्क में रहती है।

वन एवं पर्यावरण

राज्य सरकार प्रदेश में हरीतिमा वृद्धि हेतु सतत् प्रयासरत है। वर्तमान में उ0प्र0 में वनावरण एवं वृक्षावरण प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र का 9.23 प्रतिशत है। वर्ष 2030  तक वनावरण एवं वृक्षावरण 15 प्रतिशत तक किये जाने का लक्ष्य है।  वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश में हरीतिमा विस्तार हेतु प्रदेश में वृहद स्तर पर 35 करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष 36.16 करोड़ पौधारोपण का कार्य कराया गया। वर्षाकाल-2024 में 35 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य प्रस्तावित है।   सामाजिक वानिकीकरण योजना हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। पौधशाला प्रबन्धन योजना हेतु 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। ग्रीन इण्डिया मिशन के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों हेतु 110 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रोजेक्ट टाइगर एण्ड प्रोजेक्ट एलीफेन्ट योजना हेतु 48.94 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। जनपद लखनऊ स्थित कुकरैल वन क्षेत्र में कुकरैल नाइट सफारी पार्क की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

समाज कल्याण

वृद्धावस्था पेंशन हेतु 7377 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिलाओं के भरण पोषण अनुदान हेतु 4073 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। अनुसूचित जाति व सामान्य वर्ग के छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना हेतु 1862 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जाति तथा सामान्य वर्ग के निर्धन परिवारों की पुत्रियों हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

अल्पसंख्यक कल्याण

वर्ष 2022-2023 से मल्टी सेक्टोरल डेवलमेन्ट कार्यक्रम प्रदेश के सभी जनपदों में लागू है। कार्यक्रम के अन्तर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं के सृजन पर अधिकाधिक बल दिया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 204 परियोजनाओं को पूर्ण कराते हुये जनोपयोगी बनाया गया। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में पूर्ण परियोजना इकाईयों में 07 राजकीय पाॅलीटेक्निक, 04 आई0टी0आई0, 12 राजकीय इण्टर कालेज,  25 प्राईमरी स्कूल, 10 अपर प्राइमरी स्कूल, 09 अतिरिक्त कक्षा-कक्ष  02 छात्रावास, 51 आंगनबाड़ी केन्द्र, 03 ट्वायलेट ब्लाक 02 सी0एच0सी0, 02 पी0एच0सी0 तथा 01 होम्योपैथिक चिकित्सालय सम्मिलित है। अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति हेतु 220 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

माध्यमिक शिक्षा

वर्ष 2024-2025 तक प्रदेश के समस्त राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को आधारभूत सुविधाओं से संतृप्त किये जाने एवं प्रत्येक राजकीय माध्यमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लास तथा आई.सी.टी. लैब की व्यवस्था किये जाने हेतु समग्र शिक्षा योजना के अन्तर्गत 516.64 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं हेतु 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। नवीन राजकीय संस्कृत विद्यालयों की स्थापना हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। राजकीय संस्कृत विद्यालयों में छात्रावास एवं मिनी स्टेडियम के निर्माण हेतु 10.46 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। सैनिक स्कूल, गोरखपुर के संचालन हेतु 4 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

बेसिक शिक्षा

छात्र/छात्राओं के लिये यूनीफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता मोजा एवं स्टेशनरी उपलब्ध कराने के लिये क्रय प्रक्रिया को बन्द करते हुये डी0बी0टी0 के माध्यम से 1200 रूपये प्रति बच्चे की दर से धनराशि सीधे अभिभावकों के खाते में स्तान्तरित की जा रही है। कक्षा-1 से 08 तक अध्ययनरत लगभग 02 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं के लिये निःशुल्क स्वेटर एवं जूता-मोजा उपलब्ध कराने हेतु 650 करोड़ तथा स्कूल बैग हेतु 350 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।   अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के 02 लाख से अधिक बच्चों को वित्तीय वर्ष 2024-2025 मे प्रवेश दिलाये जाने का लक्ष्य है, जिस हेतु 255 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। आॅपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं। वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 300 करोड रूपये से ग्राम पंचायत एवं वॉर्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना करायी जा रही है जिसके लिये वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 498 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। वनटांगिया गावों में 36 प्राथमिक विद्यालयों के संचालन हेतु 144 पद सृजित किये गये है। गरीबी रेखा से ऊपर के लगभग 30 लाख छात्रों को निःशुल्क यूनिफार्म वितरण हेतु 168 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

खादी एवं ग्रामोद्योग

पं0 दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजनान्तर्गत लाभार्थियों को ब्याज उपादान की सुविधा 3 वर्षों तक दिये जाने का प्राविधान है। योजना हेतु 14 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। खादी एवं ग्रामोद्योग विकास तथा सत्त रोजगार प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत 15 करोड़ 75 लाख की व्यवस्था प्रस्तावित है।  प्रदेश में माटी कला के परम्परागत कारीगरों को रोजगार से जोड़ने हेतु माटी कला समन्वित विकास कार्यक्रम के लिये   11 करोड़ 25 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग

वित्तीय वर्ष 2024-2025 में वस्त्रोद्योग के क्षेत्र में 40,000 रोजगार सृजन का लक्ष्य है। प्रदेश में टेक्सटाइल्स के नये हब बनाकर निवेश एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जायेगा। प्रदेश सरकार द्वारा हथकरघा बुनकरों के साथ-साथ पावरलूम बुनकरों के उत्थान के लिये अटल बिहारी बाजपेई पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना हेतु 400 करोड़ रूपये का बजट प्रस्ताव है। पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल्स एण्ड अपैरल योजना के अन्तर्गत लखनऊ-हरदोई में लगभग 1000 एकड़ क्षेत्रफल में मेगा टेक्सटाइल पार्क स्वीकृत किया गया है। यह पार्क टेक्सटाइल एवं परिधान क्षेत्र में दस से पन्द्रह हजार करोड़ रूपये का निवेश आकर्षित करेगा जिससे लगभग 1 लाख प्रत्यक्ष और 2 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। पार्क की स्थापना हेतु 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। जनपद वाराणसी में नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलाजी (निफ्ट) की स्थापना के लिये भूमि क्रय हेतु 150 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम

प्रदेश के शिक्षित एवं प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर नये सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना हेतु वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से ‘‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’’ प्रारम्भ किया जा रहा है जिसके लिये 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना जो 2023 से संचालित है में अधिकतम 5 लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता सूक्ष्म उद्यमियों को दिये जाने की व्यवस्था है। निजी क्षेत्र में औद्योगिक संस्थानों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रदेश में 10 प्लेज पार्क स्थापित किये जा रहे हैं।

खाद्य एवं रसद

रबी विपणन वर्ष 2023-24 हेतु भारत सरकार द्वारा गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 2125 प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया। प्रदेश में 54,684 कृषकों से 2.20 लाख मीट्रिक टन गेहूँ क्रय किया गया, जिसके सापेक्ष कृषकों के बैंक खातों में लगभग 466 करोड 35 लाख रूपये का सीधे भुगतान किया गया। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अन्तर्गत धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य काॅमन श्रेणी हेतु 2183 रूपये प्रति कुन्तल एवं ग्रेड-ए श्रेणी हेतु 2203 रूपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया। अद्यतन लगभग 7.50 लाख कृषकों से 50.18 लाख मीट्रिक टन धान खरीद की गयी जिसके सापेक्ष कृषकों के बैंक खातों में 10,856 करोड़ रूपये का सीधे भुगतान किया गया। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में मक्का, बाजरा तथा ज्वार के लिये भी भारत सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किये गये। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करते हुये किसानों के बैंक खातों में सीधे भुगतान किया गया।  प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत वर्ष 2023-2024 में 56 लाख से अधिक लाभार्थियों को निःशुल्क गैस सिलिन्डर वितरित किये गये हैं। अन्न पूर्ति योजना हेतु 17,661 करोड़ 60 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। निःशुल्क खाद्यान्न एवं उज्जवला योजना के लाभार्थियों को निःशुल्क एल0पी0जी0 सिलिन्डर रीफिंल उपलब्ध कराये जाने हेतु 2200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

सहकारिता

वर्ष 2023-2024 में दिसम्बर, 2023 तक 8,787 करोड़ रूपये का अल्पकालिक ऋण वितरित किया गया जिसका लाभ 14.35 लाख कृषकों को प्राप्त हुआ। वर्ष 2023-2024 में दिसम्बर, 2023 तक 257 करोड़ रूपये का दीर्घकालिक ऋण वितरित किया गया। प्रारम्भिक सहकारी ऋण समितियों के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने हेतु 525 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। भण्डारण योजना के अन्तर्गत पैक्स के गोदामों के सुदृढ़ीकरण एवं मरम्मत हेतु 30 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

मत्स्य

प्रदेश में मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाये जाने के दृष्टिकोण से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना वर्ष 2020 से वर्ष 2025 तक संचालित है। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत एक्वा पार्क के निर्माण की नयी योजना हेतु 190 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत पुरूष एवं महिला लाभार्थियों को आच्छादित किये जाने हेतु कुल 310 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास

हमारी सरकार द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था हेतु 01 ट्रिलियन डाॅलर के लक्ष्य को प्राप्त करने का संकल्प लिया गया है। वर्तमान में माध्यमिक स्तर के 804 राजकीय एवं 729 सहायता प्राप्त विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा तथा कौशल विकास मिशन के माध्यम से प्रवीण योजनान्तर्गत 301 राजकीय विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा के साथ-साथ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था है। युवाओं को दीर्घकालीन व अल्पकालीन रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान किये जाने हेतु राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन तथा असेवित क्षेत्रों में नवीन केन्द्रों की निजी संस्थाओं की भागीदारी के साथ स्थापना भी की जा रही है। उच्च शिक्षा संस्थानों में भी कौशल आधारित पाठ्यक्रम- बी0बी0ए0 (रिटेल), बी0बी0ए0 (लाॅजिस्टिक), बी0बी0ए0 (हेल्थकेयर) एवं बी0बी0ए0 (टूरिज्म व हॉस्पिटैलिटी) के लिये 113 महाविद्यालयों का चयन किया गया है। व्यावसायिक शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिये कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिये व्यावहारिक या वोकेशनल ओरियेंटेशन कार्यक्रम तथा माध्यमिक स्तर पर वित्तीय वर्ष 2024-2025 में व्यावसायिक शिक्षा योजना के सुदृढ़ीकरण हतु विद्यालयों को हब एवं स्पोक्स मॉडल के रूप में विकसित करते हुये स्थानीय मांग एवं ओ0डी0ओ0पी0 के अनुरूप अधिकाधिक विद्यार्थियों को जाॅब रोल/सेक्टर में नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क एवं नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुसार पाठ्यक्रम संचालित किये जाने की योजना है। इसमें राष्ट्रीय इलेक्ट्राॅनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से 12वीं उत्तीर्ण करने पर यू0पी0 बोर्ड के प्रमाण-पत्र के साथ-साथ कम्प्यूटर शिक्षा में प्रमाण-पत्र प्रदत्त किये जाने पर बल दिया जायेगा। विद्यार्थियों को प्राप्त किये जाने वाले कौशल प्रशिक्षण के क्रेडिट उनके क्रेडिट बैंक में सम्मिलित किया जायेगा। इससे विद्यार्थियों को रोजगार के साथ-साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सुअवसर प्राप्त होगा।  टाटा टेक्नोलोजीज लिमिटेड की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में आधुनिक कार्यशालाओं एवं कक्षा कक्षों का निर्माण अन्तिम चरण में गतिमान है।  प्रदेश के अन्य ऐसे अवशेष 69 संस्थान जहा कम से कम 5000 वर्ग फीट की भूमि उपलब्ध है का उन्नयन वित्तीय वर्ष 2024-2025 में कराया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिए 818.75 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।  अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से युवाओं को उद्योगों में भत्ते के साथ प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के क्रम में मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।