Telangana Earthquake:तेलंगाना में लगे भूकंप के जोरदार झटके, हैदराबाद में भी महसूस हुए, घरों से निकले लोग

09:04 AM Dec 04, 2024 | zoomnews.in

Telangana Earthquake: तेलंगाना के मुलुगु जिले में बुधवार सुबह 5.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, यह झटके सुबह 7:27 बजे महसूस किए गए, और इसका प्रभाव हैदराबाद तक देखा गया। भूकंप के दौरान लोग तुरंत घरों से बाहर निकल आए, लेकिन किसी बड़े नुकसान या हताहत होने की खबर नहीं है। अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लेना शुरू कर दिया है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

भूकंप कैसे आता है?

पृथ्वी के अंदर सात बड़ी प्लेटें होती हैं, जो निरंतर गति करती रहती हैं। जब ये प्लेटें टकराती हैं, तो दबाव बनता है, और फॉल्ट लाइन के पास कंपन होता है। अत्यधिक दबाव के कारण प्लेटें टूट जाती हैं, जिससे ऊर्जा निकलती है। यही ऊर्जा भूकंप के रूप में महसूस होती है।

गुजरात के मेहसाणा में भी हाल ही में 15 नवंबर 2024 को 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप का कारण भी इन्हीं प्लेटों के टकराने की प्रक्रिया होती है।


भूकंप के केंद्र और तीव्रता का अर्थ

  • भूकंप का केंद्र (Epicenter): यह वह स्थान है, जो प्लेटों के हलचल के ठीक ऊपर स्थित होता है। यह जगह सबसे अधिक कंपन का अनुभव करती है।
  • तीव्रता का असर: कंपन की तीव्रता जितनी अधिक होती है, उसका प्रभाव उतना ही दूर तक महसूस होता है। आमतौर पर 7 या उससे अधिक तीव्रता के भूकंप आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में भारी असर डालते हैं।

रिक्टर स्केल: तीव्रता को मापने का मापदंड

भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। इस स्केल की रेंज 1 से 9 या उससे अधिक होती है।

तीव्रताप्रभाव
0-1.9केवल सीस्मोग्राफ से पता चलता है।
2-2.9हल्का कंपन।
3-3.9ऐसा महसूस होता है जैसे पास से कोई भारी ट्रक गुजरा हो।
4-4.9खिड़कियां टूट सकती हैं, फ्रेम गिर सकते हैं।
5-5.9फर्नीचर हिल सकता है।
6-6.9इमारतें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।
7-7.9बड़े पैमाने पर विनाश।
8-8.9इमारतें और पुल गिर सकते हैं, सुनामी का खतरा।
9 या उससे अधिक            
व्यापक तबाही।

भूकंप के दौरान क्या करें?

  1. खुले स्थान में चले जाएं।
  2. भारी सामानों और असुरक्षित संरचनाओं से दूर रहें।
  3. इमारत के अंदर हैं, तो मजबूत फर्नीचर के नीचे छुपें।
  4. लिफ्ट का उपयोग न करें।

तेलंगाना में आए इस भूकंप ने एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सजगता की आवश्यकता पर बल दिया है। वैज्ञानिक और प्रशासनिक टीमें सतर्क हैं और लोगों को सुरक्षित रहने के लिए गाइडलाइन का पालन करने को कहा गया है।