Delhi Coaching Centre: दिल्ली में मौसम कब और कैसे बदल जा रहा है, इसको लेकर दिल्लीवासी भी हैरत में हैं. कहीं झमाझम बारिश हो रही है तो कहीं पानी की एक बूंद भी नहीं गिर रही है. शनिवार को भी दिल्ली में ऐसा ही मौसम का बदलाव देखने को मिला. मध्य दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में खूब बारिश हुई. ये बारिश एक कोचिंग सेंटर में पढ़नेवाले छात्र-छात्राओं के लिए काल बन गई. कोचिंग की इमारत के बेसमेंट में पानी भर गया, जहां पर कुछ छात्राएं पढ़ रही थीं. पानी में डूबने से तीन छात्राओं की मौत हो गई.
इस कोचिंग सेंटर में छात्रों को सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी कराई जाती है. शनिवार को भी यहां छात्र पढ़ने आए थे. तीन बजे तक सबकुछ ठीक चल रहा था. लेकिन इस इलाके में अचानक ही तेज बारिश होने लगी. दिल्ली के पुलिस उपायुक्त एम हर्षवर्धन ने बताया कि हमें शाम सात बजे एक शख्स ने कॉल कर सूचना दी. उसने बताया कि एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भर गया है, जहां पर कुछ स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं.
मृतकों की हुई पहचान
- तानिया सोनी, उम्र 25 साल, पिता का नाम- विजय कुमार
- श्रेया यादव, उम्र 25 साल
- नेविन डालविन, उम्र 28 साल, केरल
पोस्टमार्टम तकरीबन 10:30 बजे शुरू होगा। श्रेया यादव के पिता का नाम राजेंद्र यादव है। जून/जुलाई 2024 में ही श्रेया ने एडमिशन लिया था। श्रेया बरसावां हाशिमपुर, अकबरपुर, अंबेडकर नगर (यूपी) की रहने वाली थी।
सांसद स्वाती मालीवाल ने उठाए सवाल
सांसद स्वाती मालीवाल ने इस घटना को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'राजधानी में तीन छात्रों की बेसमेंट में डूबने से हुई मौत की ज़िम्मेदारी कौन लेगा? बता रहे हैं कि स्टूडेंट दस दिन से बार बार ड्रेन साफ करने की डिमांड कर रहे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अवैध बेसमेंट बिना भ्रष्टाचार के कैसे चल सकते हैं? एक्स्ट्रा फ्लोर कैसे डल जाते हैं? कैसे हो सकता है कि बिना पैसे खाये सड़क-नालियों के ऊपर कब्जे हो जाते हैं?'
उन्होंने कहा, 'स्पष्ट है कि कोई सेफ्टी रूल्स को पालन करने की ज़रूरत नहीं, पैसा दो, काम हो जाता है। बस हर दिन AC रूम में बैठके महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहो। ग्राउंड पर कोई काम करने को तैयार नहीं है। कुछ दिन पहले पटेल नगर में करंट लगने से हुई मौत से भी कुछ नहीं सीखा?'
पुलिस ने क्या कहा
पुलिस अधिकारी ने कहा कि वाटर लॉगिंग होने के कारण पानी भरा है, देर शाम बहुत तेज बारिश हुई थी, सारे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिए गए हैं। सर्च ऑपरेशन, रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पानी निकलने में समय लग रहा है। टीम अपना अच्छा प्रयास कर रही है। अभी तक एक लड़की का शव मिला है। आप लोगो से अपील है रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा न बनें।
कैसे हुआ हादसा?
जांच में सामने आया है कि बेसमेंट में लाइब्रेरी थी। लाइब्रेरी में अमूमन 30 से 35 बच्चे थे। अचानक से बेसमेंट में पानी तेजी से भरने लगा। छात्र बेसमेंट में बेच के ऊपर खड़े हो गए। पानी के दबाव से बेसमेंट में लगे कांच फटने लगे। बच्चो को रस्सियों के सहारे बाहर निकाला गया। शाम सात बजे लाइब्रेरी बंद हो जाती है और हादसा भी इसी समय हुआ।
अतिशी ने कही जांच की बात
दिल्ली सरकार की मंत्री अतिशी सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर घटना की जानकारी दी और जांच की बात कही। उन्होंने लिखा "दिल्ली में शाम हुई भारी बारिश के कारण एक दुर्घटना की खबर है। राजेंद्र नगर में एक कोचिंग इंस्टीट्यूट की बेसमेंट में पानी भरने के की खबर है। दिल्ली फायर विभाग और NDRF मौके पर है। दिल्ली की मेयर और स्थानीय विधायक भी वहां पर हैं। मैं हर मिनट घटना की खबर ले रहीं हूं। ये घटना कैसे घटी, इसकी मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार है, उसको बक्शा नहीं जाएगा।"
स्वाती मालीवाल ने लिखा कि इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। उन्होंने लिखा "राजेंद्र नगर इलाक़े में एक UPSC छात्र की बेसमेंट में पानी भरने से डूबकर मौत हो गई। ये घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। सोच भी नहीं सकते इस बच्चे के परिवार पर क्या बीतेगी। अभी कुछ दिन पहले पटेल नगर में एक छात्र की करंट लगने से मौत हुई थी। इस घटना की जवाबदेही तय होनी चाहिए। लापरवाही के दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।"
बासुरी स्वराज ने आप सरकार पर लगाया आरोप
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा सांसद बांसुरी स्वराज के साथ दुर्घटना स्थल पर हैं। सचदेवा ने कहा है कि यह साफ तौर पर नालों की सफाई न होने के कारण हुई दुर्घटना है और नाले का पानी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बहुत तेजी से बैकफ्लो कर घुसने का मामला है। इस दुर्घटना के लिए दिल्ली सरकार की आपराधिक लापरवाही जिम्मेदार है। जल बोर्ड मंत्री आतिशी और स्थानीय विधायक दुर्गेश पाठक को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि यह अत्यंत दुखद है कि दुर्घटना के लगभग 4 घंटे बाद भी सम्बंधित मंत्री आतिशी ओल्ड राजेन्द्र नगर के दुर्घटनास्थल पर नही पहुंची हैं। मंत्री दुर्घटनास्थल पर आ कर पीड़ितों की राहत के लिए काम करने की जगह घर बैठे बैठ केवल कागजी कार्रवाई कर रही हैं। उनका ऐसा करना केवल मंत्री आतिशी की नहीं पूरी सरकार की संवेदनहीनता और अमानवीयता दिखाता है। वह रात 11.40 तक वह दुर्घटनास्थल पर नही आईं हैं।