Share Market News: शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन तेजी देखने को मिली। यह कोई संयोग नहीं बल्कि बाजार की वास्तविक स्थिति को दर्शाता है। इस मजबूती ने वैश्विक निवेशकों को स्पष्ट संकेत दिया है कि भारतीय शेयर बाजार गिर सकता है, लेकिन वह उठकर फिर से मजबूती से खड़ा होगा। चाहे विदेशी निवेशकों की निकासी हो, ट्रंप के टैरिफ हों, भू-राजनीतिक तनाव हो या रुपए में गिरावट—बाजार ने अपने मजबूत चरित्र का परिचय दिया है।
तेजी के पीछे के चार प्रमुख कारक
फेडरल रिजर्व के संकेत
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 2025 के अंत तक दो बार ब्याज दरों में कटौती का संकेत दिया है, जिससे निवेशकों को राहत मिली। कम ब्याज दरों से उभरते बाजारों को निवेश के लिए अधिक आकर्षक बनाया जाता है।आईटी शेयरों में उछाल
आईटी कंपनियों में भारी खरीदारी देखी गई, जिससे बाजार को मजबूती मिली। एचसीएल टेक, टीसीएस, विप्रो और इंफोसिस के शेयरों में 2% तक की तेजी आई, जिससे सेंसेक्स में लगभग 200 अंकों की बढ़त हुई।Trending :वैश्विक बाजारों से समर्थन
अमेरिकी बाजारों में मजबूती और फेड के रेट कट संकेतों से वैश्विक निवेशकों का विश्वास बढ़ा। ऑस्ट्रेलियाई शेयर बाजार और अमेरिकी फ्यूचर इंडेक्स में भी मजबूती देखी गई।डॉलर में कमजोरी और बॉन्ड यील्ड में गिरावट
अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट और डॉलर के कमजोर होने से भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेश बढ़ने की संभावना बनी। इससे निवेशकों को अतिरिक्त भरोसा मिला।
सेंसेक्स और निफ्टी में शानदार बढ़त
गुरुवार को सेंसेक्स 899 अंकों की बढ़त के साथ 76,348.06 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 283 अंकों की बढ़त के साथ 23,190.65 पर बंद हुआ। पिछले चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स में 3.41% और निफ्टी में 3.54% की बढ़त हुई है।
निवेशकों को हुआ भारी लाभ
बीएसई का बाजार पूंजीकरण गुरुवार को 4,08,55,147.25 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिससे निवेशकों को 3,54,228.62 करोड़ रुपये का लाभ हुआ। चार कारोबारी दिनों में निवेशकों को 17.37 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार ने हाल के उतार-चढ़ाव के बावजूद अपनी मजबूती साबित की है। वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद निवेशकों का विश्वास बरकरार है, जो बाजार की लंबी अवधि की स्थिरता को दर्शाता है।