Rajya Sabha Elections: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी राज्यसभा चुनाव में राजस्थान से पार्टी की उम्मीदवार हैं और आज उन्होंने जयपुर में नामांकन भी भर दिया है। सोनिया के नामांकन के समय उनके साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी मौजूद रहे। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जयपुर एयरपोर्ट पर सोनिया गांधी की अगवानी की। सोनिया के जयपुर पहुंचने से पहले ही नामांकन फॉर्म भरकर सेट तैयार कर लिए गए थे। नामांकन फॉर्म के साथ 10-10 विधायकों के प्रस्तावक और समर्थक के तौर पर हस्ताक्षर करवाए । कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी कर दी है। नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तिथि 15 फरवरी है।
2024 आम चुनाव से पहले देश की 56 राज्यसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, इनमें कांग्रेस के खाते में 10 सीटें आ रही हैं, लेकिन सबकी नजर सोनिया गांधी पर है. पिछले कई दिनों से चर्चा चल रही थी कि सोनिया गांधी इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगीं. इसके बाद ही ये कयास लगाए जाने लगे थे कि अगर सोनिया गांधी राज्यसभा में जाएंगीं तो कहां से. पहले हिमाचल प्रदेश की चर्चा थी, लेकिन बाद में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अपने यहां से सोनिया गांधी को चुनाव लड़ाने की सिफारिश की. बुधवार को सोनिया गांधी ने नामांकन भी कर दिया.
सोनिया गांधी के फैसले के पीछे RRR फैक्टर
सोनिया गांधी के राजस्थान से नामांकन करने के पीछे प्रमुख कारण RRR फैक्टर को माना जा रहा है. इसमें पहला R हैं राहुल गांधी, जो पिछली कई बैठकों में खुले तौर पर इस बात को कह चुके हैं कि गांधी परिवार से तीन लोगों का लोकसभा चुनाव लड़ना ठीक नहीं. वह मां सोनिया गांधी को राजस्थान से ही चुनाव लड़ाना चाहते थे, जो इस फैसले का दूसरा फैक्टर है, दरअसल कांग्रेस पार्टी का ये मानना था कि राजस्थान से मनमोहन सिंह उम्मीदवार नहीं होंगे.
ऐसे में खाली सीट से यदि सोनिया गांधी को राज्यसभा भेजा जाए तो प्रदेश के नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में फायदा होगा. पार्टी का एक बड़ा खेमा भी यही बात चाहता था. तीसरा फैक्टर राज्यसभा सीट है, सोनिया गांधी उम्र और अस्वस्थता के चलते लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी तो उच्च सदन में पार्टी का प्रतिनिधित्व करती रहेंगीं.
राजस्थान को चुनने की वजह ये भी
सोनिया गांधी के राजस्थान चुनने का एक फायदा ये भी है कि उनकी उम्मीदवारी से राजस्थान से राज्यसभा जाने के लिए जितेंद्र सिंह पवन खेड़ा समेत बड़े स्थानीय नेताओं के बीच राज्यसभा में जाने ही होड़ थम गई है. खुद पवन खेड़ा मीडिया से बातचीत में यह कहते नजर आए थे कि सोनिया जी मेरे राज्य से राज्यसभा में जा रही हैं ये मेरे लिए खुशी की बात है. इसके अलावा मनमोहन सिंह को रिप्लेस करने के लिए सोनिया गांधी से अच्छा विकल्प भी नहीं है, इससे पार्टी यह संदेश देने में भी सफल रहेगी कि उनके लिए राजस्थान काफी अहम है.
लोकसभा चुनाव में भी फायदे की उम्मीद
पार्टी ये भी मान रही है कि सोनिया गांधी का यहां से चुना जाना प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों पर प्रभाव डाल सकती हैं. इन सीटों पर आने वाली विधानसभा सीटों पर पिछली बार पार्टी ने अच्छा परफॉर्म किया था. पार्टी के इस फैसले से अशोक गहलोत, सचिन पायलट सरीखे उन नेताओं को भी संदेश दिया जा रहा है जो लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर ज्यादा इच्छुक नहीं थे. अब राज्य में बड़े नेताओं पर जिम्मेदारी होगी राजस्थान में पार्टी को ज्यादा से ज्यादा सीटें जिताने की.