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Lok Sabha Elections:बृजभूषण सिंह की जगह बेटे को कैसरगंज से मिला टिकट, रायबरेली से लड़ेंगे दिनेश सिंह

Lok Sabha Elections: भारतीय जनता पार्टी ने कैसरगंज लोकसभा सीट बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट दिया है। पार्टी ने उनकी जगह उनके बेटे करण भूषण सिंह को उम्मीदवार बनाया है।

Lok Sabha Elections: भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की दो अहम सीट कैसरगंज और राय बरेली की सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. बीजेपी ने कैसरगंज से मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है. वहीं, पार्टी ने रायबरेली लोकसभा सीट से दिनेश सिंह को टिकट दिया है. इस बात के कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे कि बीजेपी कैसरगंज में मौजूदा सांसद बृज भूषण शरण सिंह का टिकट काट सकती है. गुरुवार को यह खबर भी सामने आई थी कि बीजेपी हाईकमान ने कैसरगंज लोकसभा को लेकर बृजभूषण शरण सिंह के बातचीत की. जिसके बाद अब टिकट का ऐलान किया गया है.

हाल ही में बृजभूषण सिंह ने बीजेपी को इशारों ही इशारों में संकेत दिया था कि अगर पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है तो वह अन्य विकल्प तलाश सकते हैं. कैसरगंज सीट से दोबारा मैदान में उतारने के फैसले में देरी के लिए उन्होंने मीडिया को जिम्मेदार ठहराया था. टिकट में हो रही देरी पर उन्होंने कहा था, ये मेरी चिंता है, न कि आपकीआपकी वजह से मेरे टिकट में देरी हो रही है.

2019 में सोनिया गांधी से हार गए थे दिनेश सिंह

बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में दिनेश सिंह को रायबरेली लोकसभा सीट से ही मैदान में उतारा था. हालांकि, दिनेश को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. दिनेश प्रतायर सिंह अभी योगी सरकार में मंत्री भी हैं. कभी वो सोनिया गांधी के करीबी नेता हुआ करते थे.

टिकट मिलने पर क्या बोले दिनेश सिंह?

राष्ट्रीय नेतृत्व ने मुझपर भरोसा किया है. मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि रायबरेली में कमल खिलेगा. कैसे दुःख में शामिल हुआ जाता है मैं जानता हूं. मैं गांधी परिवार में नहीं पैदा हूं. गरीब का दुःख कैसे बांटा जा सकता है दिनेश सिंह भले भांति जानता हैं. रायबरेली से नकली गांधी की विदाई तय है. कांग्रेस अपने पत्ते खोले या न खोले लेकिन जो भी हो उनका हारना तय है. गांधी परिवार से कोई भी आए रायबरेली में हारकर जायेगा.

उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं करण भूषण

करण भूषण सिंह बृजभूषण शरण सिंह के छोटे बेटे हैं. करण डबल ट्रैप शूटिंग के नेशनल खिलाड़ी भी रह चुके हैं. मौजूदा वक्त में करण भूषण उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं. एक तरह से करण की राजनीति में एंट्री है. उनकी एंट्री पिता की सीट से हो रही है. बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज सीट से लगातार तीन बार से सांसद हैं. कैसरगंज लोकसभा सीट पर पांचवें चरण में वोटिंग होनी है. 20 मई को वोट डाले जाएंगे. यहां नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 3 मई है. ऐसे में बीजेपी को आज हर हाल में उम्मीदर का ऐलान करना था.

महिला पहलवानों ने लगाया है यौन शोषण का आरोप

दरअसल, राष्ट्रीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कई महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. कई पहलवानों ने उनके खिलाफ यौन शोषण के केस भी दर्ज कराए हैं. इसमें एक नाबालिग महिला पहलवान भी शामिल थी, हालांकि, बाद में वो अपने बयान से मुकर गई. दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच भी की है और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट भी दे चुकी है. फिलहाल यह मामला अदालत में लंबित है.

बीजेपी ने बेटे को क्यों दिया टिकट?

बताया जा रहा है कि इन आरोपों की वजह से ही बीजेपी उनको टिकट देने में कतरा रही थी. यह भी डर था कि विपक्षी पार्टियां कहीं इसको चुनावी मुद्दा न बना दें. ऐसे में बीजेपी ने बृजभूषण सिंह की जगह उनके बेटे करण को टिकट देना ज्यादा बेहतर और उचित समझा है. हालांकि, टिकट के ऐलान से पहले ही बृजभूषण शरण सिंह धुआंधार चुनाव प्रचार कर रहे थे. उन्होंने कहा था कि बीजेपी के टिकट पर कैसरंगज से जो भी लड़ेगा वो बंपर वोटों से जीतकर संसद पहुंचेगा.

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