Rajasthan Vidhan Sabha: जयपुर के सेंट्रल पार्क में बनाए गए रामबाग गोल्फ कोर्स और पोलो क्लब की सदस्यता देने के मामले की आज विधानसभा में गूंज रही। भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए इस मुद्दे को उठाया। सराफ ने कांग्रेस सरकार के समय विधायक, यूडीएच और जेडीए के अधिकारियों को दी गई मेंबरशिप पर सवाल खड़े किए। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सदन में एसओजी से जांच करवाने की घोषणा की।
सदन में विधायक सराफ ने बताया- यहां के सचिव और कैप्टन बिना क्लब के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को जानकारी दिए मेंबरशिप दे रहे हैं। मनमानी फीस वसूल रहे हैं। विधायक ने बताया- 19 लाख, 29 लाख, 50 लाख रुपए लोगों से ले रहे हैं। ये किस आधार पर इतने पैसे ले रहे हैं। सराफ ने क्लब परिसर में संचालित गतिविधियों (बार, रेस्टोरेंट) पर भी सवाल उठाए।
विधायक ने बताया- जब जमीन को लेकर कोई एमओयू नहीं हुआ। जेडीए को कोई किराया नहीं दे रहे। इसके बावजूद भी कैसे यहां नया कंस्ट्रक्शन कर लेते हैं। हम उनसे कोई लीज या किराया नहीं ले रहे तो क्या सरकार या जेडीए ने उनको बार और रेस्टोरेंट संचालन की अनुमति दे रखी है? यहां जो वित्तीय अनियमितताएं हैं, उसे दिखवाए। यहां जो लूट मचा रखी है। उसका खुलासा हो सके।
मंत्री खर्रा ने जांच करवाने की घोषणा की
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा- गोल्फ क्लब को दिल्ली के गोल्फ क्लब की तर्ज पर संचालन करवाने की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में जो भी गड़बड़ी हुई है। इसकी जांच मैं एसओजी से करवाने की घोषणा करता हूं।
धारीवाल बोले- कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे
पूर्व यूडीएच मंत्री और विधायक शांति धारीवाल ने कहा- मैं खुद चाहता हूं कि सरकार इस मामले की स्पष्ट जांच करवाए। जिस तरह पहले यूडीएच, जेडीए के अफसरों को मेंबरशिप दी गई, उसकी जांच होनी चाहिए। लेकिन आप मेरी बात सुन लो। आप उन दोनों (गोल्फ क्लब, पोलो क्लब) का कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे। क्योंकि ये सरकार में जो बैठे हुए हैं, ये आपको कुछ नहीं करने देंगे।
अतिक्रमण हटाने के बजाय 4 IAS बने थे गोल्फ कोर्स मेंबर
जयपुर के सेंट्रल पार्क में बनाए गए रामबाग गोल्फ कोर्स पर जिन अफसरों को अतिक्रमण के मामले में कार्रवाई करनी थी, वही उस गोल्फ क्लब के मेंबर बन बैठे थे। पिछले 5 साल में 4 आईएएस ऑफिसर जेडीए-यूडीएच में तैनात हुए, लेकिन किसी ने भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की थी। चार आईएएस में कुंजीलाल मीणा, टी.रविकांत, रवि जैन और गौरव गोयल शामिल हैं।
इस गोल्फ कोर्स को न तो सरकार ने जमीन आवंटित की है और न ही यह सरकारी जमीन का कोई किराया चुका रहे हैं। क्लब से जो कमाई हो रही है, उससे सरकार को कोई रेवेन्यू तक नहीं आ रहा। अतिक्रमण मानते हुए इसी साल फरवरी में स्वयं जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने गोल्फ कोर्स में बुलडोजर चलाया था।
कौन हैं चारों आईएएस अफसर?
चारों आईएएस अफसर राजस्थान काडर में हमेशा टॉप पोस्टिंग पर रहे हैं। इनमें से दो अफसर तो अलग-अलग मुख्यमंत्री के कार्यकाल में सीएमओ में भी तैनात रहे हैं। चार में से तीन आईएएस अफसर तो एक के बाद एक जेडीसी के पद पर कार्यरत रहे हैं। इनके कार्यकाल में गोल्फ कोर्स ने जो अतिक्रमण किया उसे फरवरी-2024 में जेडीए आयुक्त मंजू राजपाल के निर्देशों के बाद बुलडोजर चला कर ध्वस्त किया गया था।
जमीन का असली मालिक कौन?
रामबाग गोल्फ कोर्स की स्थापना 1944 में हुई थी। तब यह जमीन जयपुर के पूर्व राजपरिवार की हुआ करती थी। वर्ष 1973 में सेन्ट्रल पार्क की समस्त भूमि को राज्य सरकार ने अवाप्त (अधिग्रहीत) कर लिया था। इसका मुआवजा भी पूर्व राजपरिवार को मिल चुका है।
रामबाग गोल्फ कोर्स सेन्ट्रल पार्क के भीतर ही है। जिस भूमि पर गोल्फ कोर्स चल रहा है, वो जगह जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकार में आती है। यह जमीन गोल्फ कोर्स को आवंटित ही नहीं है। न ही यह भूमि गोल्फ कोर्स को किराए पर दी हुई है। जमीन पूरी तरह से राज्य सरकार के अंग जयपुर विकास प्राधिकरण के नाम है।
जमीन सरकार की, कमाई क्लब के खाते में
गोल्फ कोर्स से जेडीए या सरकार को किसी प्रकार का कोई राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है। इस क्लब के जो लोग सदस्य बनते हैं, उनसे प्राप्त होने वाली धन राशि का उपयोग गोल्फ कोर्स प्रशासन ही करता है।
सरकार की जमीन पर संचालित होने वाला गोल्फ कोर्स लाखों रुपए की फीस लेकर मेंबरशिप देता है। बावजूद इसके सरकार को इसमें से फूटी कौड़ी नहीं मिल रही है। सरकार की जमीन का उपयोग गोल्फ कोर्स कर रहा है। इसके उलट रखरखाव का बहुत बड़ा खर्च भी जेडीए करता है।
आम लोगों के लिए 25 लाख, अफसरों को 2.50 लाख में मेंबरशिप
सरकारी जमीन पर बनाए गए गोल्फ कोर्स में अलग-अलग कैटेगरी के लिए अलग-अलग फीस है। आम लोगों से 15 तो किसी से 20 या 25 लाख रुपए लिए गए हैं। यह गोल्फ कोर्स ही तय करता है। आईएएस अफसरों सहित कुछ लोगों को विशेष छूट दी गई है।
जेडीए अपनी ही जमीन पर अतिक्रमण को हटाता है, तब जेडीसी खुद ही अपने खिलाफ शिकायतकर्ता भी होता है
फरवरी-2024 में जेडीए ने रामबाग गोल्फ क्लब परिसर में करीब ढाई हजार स्क्वायर फीट पर बने अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाया था। उस कार्रवाई का आदेश जेडीसी (जेडीए कमिश्नर) ने जारी किया था।
यह नोटिस जब जेडीए की तरफ से गोल्फ कोर्स को दिया गया, तब गोल्फ कोर्स की वाइस प्रेसिडेंट भी जेडीए आयुक्त मंजू राजपाल ही थीं। मतलब एक विभाग के मुखिया ने एक ऐसे क्लब को नोटिस दिया और अतिक्रमण हटाया जिस क्लब की वाइस प्रेसिडेंट भी वे स्वयं ही थीं।
राजस्थान में किसी भी सरकारी विभाग में ऐसी कोई दूसरी मिसाल नहीं है, जहां स्वयं पदाधिकारी आईएएस अपने ही विभाग की जमीन पर कब्जा करने वाले किसी क्लब या संस्था का सदस्य या पदाधिकारी हो।
नोटिस के बावजूद नहीं हटाया अतिक्रमण
रामबाग गोल्फ क्लब प्रशासन ने सेंट्रल पार्क में बने गांधी दर्शन म्यूजियम से सटी जमीन पर तीन हॉल और टीन शेड की मदद से अवैध निर्माण कर लिया गया था। यह अवैध निर्माण धीरे-धीरे पिछले 4-5 वर्षों में किया गया था। इसके साथ ही कार सर्विस को लेकर भी सर्विस पॉइंट तैयार हुए थे।
अवैध निर्माण की सूचना पर जेडीए ने गोल्फ क्लब प्रशासन को 7 दिन का नोटिस जारी किया था। नोटिस के बावजूद गोल्फ क्लब प्रशासन ने सरकारी जमीन पर बने अतिक्रमण को नहीं हटाया। ऐसे में 10 फरवरी 2024 को जेडीए का दस्ता गोल्फ क्लब से परिसर पहुंचा। जहां लगभग ढाई हजार वर्ग फीट में बने निर्माण को जेसीबी-बुलडोजर की मदद से ध्वस्त किया गया।