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Maharashtra Politics:'शिवसेना का धनुष-बाण हमारे साथ है'- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज है। शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता मामले में स्पीकर फैसला पढ़ रहे हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बड़ा बयान दिया है। जानिए उन्होंने क्या कहा है-

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सियासत तेज है, शिवसेना किसकी है...इसे लेकर पार्टी के 16 विधायकों की अयोग्यता मामले में आज स्पीकर फैसला पढ़ रहे हैं। उधर, फैसले से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एक्नाथ शिन्दे ने हिंगोली में बड़ा बयान दिया है। शिंदे ने कहा है कि शिवसेना का धनुष-बाण हमारे साथ है, बाला साहेब का आशीर्वाद भी हमारे साथ है। मैं घर बैठे रहने वाला मुख्यमंत्री नही हूं। सीएम शिंदे ने कहा कि मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं कि हमारे पास बहुमत है। विधानसभा में 50 सदस्य यानी 67% और लोकसभा में 13 सांसद यानी 75% हैं और इसी आधार पर, चुनाव आयोग ने हमें मूल शिवसेना के रूप में मान्यता दी है और धनुष-बाण चुनाव चिन्ह आवंटित किया है। हमें उम्मीद है कि स्पीकर हमें योग्यता के आधार पर पारित करेंगे।"

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स्पीकर ने कही ये बड़ी बात

महारष्ठ्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर अपने चेंबर से निकल कर सेंट्रल हॉल गये हैं और फैसला पढ़ रहे हैं। स्पीकर ने कहा कि असली शिवसेना कौन है ये अहम मुद्दा है। उन्होंने चुनाव आयोग का हवाला देते हुए कहा है कि चुनाव आयोग के पास शिंदे गुट को ही शिवसेना का हकदार माना है। शिवसेना का एक ही संविधान चुनाव आयोग के पास है। शिवसेना का कोई नया संविधान नहीं माना जाएगा। 

महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा, ''मेरे सामने मौजूद सबूतों और रिकॉर्डों को देखते हुए, प्रथम दृष्टया संकेत मिलता है कि वर्ष 2013 के साथ-साथ वर्ष 2018 में भी कोई चुनाव नहीं हुआ था। हालांकि, मैं स्पीकर के रूप में 10वीं धारा के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर रहा हूं। अनुसूची का क्षेत्राधिकार सीमित है और यह वेबसाइट पर उपलब्ध ईसीआई के रिकॉर्ड से आगे नहीं जा सकता है और इसलिए मैंने प्रासंगिक नेतृत्व संरचना का निर्धारण करते समय इस पहलू पर विचार नहीं किया है।

इस प्रकार, उपरोक्त निष्कर्षों को देखते हुए, मुझे लगता है कि शिव सेना की नेतृत्व संरचना परिलक्षित होती है ईसीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध दिनांक 27 फरवरी 2018 के पत्र में प्रासंगिक नेतृत्व संरचना है जिसे यह निर्धारित करने के उद्देश्य से ध्यान में रखा जाना चाहिए कि कौन सा गुट वास्तविक राजनीतिक दल है..."

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