Maharashtra Politics:EC के फैसले पर शरद पवार का छलका दर्द, बोले- जिसने बनाई पार्टी उसी से छीन ली

09:03 AM Feb 12, 2024 | zoomnews.in

Maharashtra Politics: चुनाव आयोग ने कुछ दिन पहले ही एनसीपी को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया था. आयोग ने अजित गुट को ही एनसीपी का असली हकदार बताया था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम और निशान अजित गुट को दे दिया था. आयोग के इस फैसले से चाचा शरद पवार और भतीजे अजित के बीच पड़ी दरार और भी बढ़ गई. शरद पवार ने आयोग के फैसले पर हैरानी भी जताई. इस मामले में उनका बयान सामने आया है.

शरद पवार का कहना है कि चुनाव आयोग का फैसला आश्चर्यजनक और चौकाने वाला था. उन्होंने कहा जिसने पार्टी बनाई जो पार्टी का संस्थापक था आयोग ने उसी से पार्टी छीन ली और उसे दूसरों को सौंप दिया. पवार ने कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है. उन्होंने ये भी बताया कि इस फैसले के खिलाफ उनके गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. पवार की इन बातों से पार्टी छिन जाने का दर्द साफ झलक रहा है.

‘पार्टी की विचारधारा लोगों के लिए बेहद अहम’

शरद पवार ने कहा कि किसी भी पार्टी की विचारधारा बेहद अहम होती है. उसी विचारधारा से लोग पार्टी से जुड़ते हैं. पवार ने कहा कि उन्हें यकीन है कि जनता भी चुनाव आयोग के फैसले का समर्थन नहीं करेगी. उन्होंने न सिर्फ हमारा चुनाव चिन्ह छीना बल्कि हमारी पार्टी को भी छीनकर दूसरों को थमा दिया.

अजित गुट को मिली पार्टी और चुनाव चिन्ह

आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने एनसीपी का नाम और उसका चुनाव चिन्ह घड़ी आधिकारिक रूप से अजित पवार गुट को दे दी है. इस मामले में 10 बार सुनवाई की गई जिसका बाद आयोग ने ये फैसला सुनाया. आयोग के फैसले पर अजित गुट ने जहां खुशी जताई थी वहीं शरद गुट में मायूसी छाई रही. आयोग के फैसले के बाद शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में जाने का फैसला किया था.

पिछले साल 2 जुलाई को अजित पवार एनसीपी के कई विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. इसके बाद उन्हें महाराष्ट्र का उप मुख्यमंत्री बना दिया गया था. इसके बाद से चाचा भतीजे के बीच पार्टी को लेकर जंग शुरू हो गई. अजित के इस कदम से शरद पवार को बड़ा झटका लगा था. कुछ समय बाद अजित ने शरद पवार को NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान कर खुद को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया था.

इसके बाद ये मामला चुनाव आयोग पहुंचा जहां आयोग ने अजित पवार गुट के हक में फैसला सुनाया. आयोग का कहना है कि विधायकों की संख्या का बहुमत अजित गुट के पास ज्यादा है इसलिए उसने NCP का नाम और चुनाव चिन्ह हासिल किया.