Badlapur Protest: बदलापुर, महाराष्ट्र का एक छोटा सा कस्बा, आज एक ऐसे घटनाक्रम का केंद्र बन गया है जिसने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। एक ओर कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दर्दनाक घटना की गूँज थमी नहीं थी कि बदलापुर में एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां के एक स्कूल में 3 और 4 साल की दो मासूम बच्चियों के साथ यौन-शोषण की खबर ने लोगों में गुस्सा भर दिया।
घटना का विवरण:
16 अगस्त को बदलापुर के एक स्कूल में 23 साल के आरोपी अक्षय शिंदे ने स्कूल के बाथरूम में दो बच्चियों के साथ यौन-शोषण किया। अगले दिन, 17 अगस्त को बच्चियों के माता-पिता ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने इस घटना को पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज किया और मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी (विशेष जांच टीम) गठित की गई है।
घटना के बाद इलाके की महिला इंस्पेक्टर शुभदा शितोले का ट्रांसफर कर दिया गया, जबकि स्कूल के प्रिंसिपल, क्लास टीचर और एक महिला कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है। मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की सिफारिश की गई है ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जा सके।
जनाक्रोश और हिंसा:
घटना की जानकारी सामने आने के बाद गुस्साई जनता ने अपना आक्रोश प्रदर्शित किया। मंगलवार सुबह 8 बजे से ही लोगों ने बदलापुर रेलवे स्टेशन की पटरियों पर प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके चलते कई लोकल ट्रेन सेवाएं ठप हो गईं। पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इसके बावजूद, भीड़ ने पथराव कर दिया, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
स्कूल में भी तोड़फोड़ और प्रदर्शन हुआ, जहां गुस्साए लोगों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
इस घटना पर राज्य के विपक्षी नेताओं ने कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह घटना महाराष्ट्र को शर्मसार करने वाली है और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने न्याय में देरी पर चिंता व्यक्त की और इसे राजनीतिक रंग देने से बचने की अपील की।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस घटना की निंदा की और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं में पुलिस की ढिलाई चिंताजनक है और न्याय मिलने तक उनके कार्यकर्ता सतर्क रहेंगे।
सपा नेता अबू आजमी ने इस घटना को दुखद बताते हुए दोषियों को सरेआम फांसी की सजा देने की मांग की। उनका कहना था कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।
न्याय की मांग और आगे की राह:
इस वीभत्स घटना ने पूरे महाराष्ट्र को झकझोर कर रख दिया है। जनता के आक्रोश के बीच अब सभी की नजरें न्याय प्रणाली पर टिकी हैं। फास्ट ट्रैक कोर्ट में इस मामले की सुनवाई की मांग के साथ, उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलेगी और इस तरह की घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाई जा सकेगी।
बदलापुर की घटना न सिर्फ एक कस्बे की कहानी है, बल्कि यह पूरे समाज को चेताने वाली घटना है कि बच्चों की सुरक्षा के प्रति हम सभी को सतर्क और संवेदनशील रहना होगा। न्याय की मांग के साथ, यह भी जरूरी है कि समाज में ऐसे अपराधों के खिलाफ जागरूकता और सख्ती से काम किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।