Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सीट शेयरिंग की सहमति बनने लगी है. कांग्रेस का सपा के साथ सीट बंटवारे का ऐलान हो चुका है तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीट शेयरिंग पर फाइनल मुहर लग गई है. बिहार में भी आरजेडी और लेफ्ट पार्टियों के साथ सीट समझौते की पठकथा लिखी जा चुकी है तो पश्चिम बंगाल में टीएमसी के साथ सहमति बनाने के लिए बातचीत कांग्रेस ने शुरू की है. इंडिया गठबंधन में ‘गिव एंड टेक फॉर्मूला’ से कांग्रेस और क्षत्रप के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति बनी है. यूपी से लेकर दिल्ली, गुजरात तक इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे का यही पैटर्न दिख रहा है.
इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे के लिए ‘गिव एंड टेक फॉर्मूला’ अपनाया जा रहा है. कांग्रेस ने एक हाथ से अपने सहयोगी क्षेत्रीय दलों से सीटें ली हैं तो दूसरे हाथ से उन्हें सीटें देने का भी काम किया है. इंडिया गठबंधन के क्षत्रप अपने-अपने राज्य में कांग्रेस को सीट देने के बदले में कांग्रेस के सियासी आधार वाले राज्य में अपने लिए सीट ली है. इस फॉर्मूले पर सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर मुहर लगी है तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच भी यही डील हुई है.
सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारा
कांग्रेस और सपा के बीच सीट बंटवारे पर फाइनल मुहर लग चुकी है, जिसकी बकायदा घोषणा भी कर दी गई है. उत्तर प्रदेश के साथ-साथ कांग्रेस और AAP मध्य प्रदेश में भी मिलकर चुनाव लड़ेंगे. इंडिया गठबंधन में समझौते के तहत यूपी की 80 लोकसभा सीटों में सपा 63 सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो कांग्रेस 17 सीट पर चुनाव लड़ेगी. सपा ने यूपी में कांग्रेस को 17 सीटें दी है तो उसके बदल कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में एक सीट सपा को दी है. इस तरह से सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर सहमति बनी है.
कांग्रेस और सपा को मिली सीटों का भी ऐलान कर दिया गया है. मध्य प्रदेश की खजुराहो सीट कांग्रेस ने सपा को दी है, उसके बदले में सपा ने कांग्रेस के लिए यूपी में सीटें दी है. हालांकि, कांग्रेस यूपी में जिन मुस्लिम सीटों पर नजर गड़ाए हुए थी, उनमें से सिर्फ सहारनपुर और अमरोहा सीट ही सपा ने दी है.
कांग्रेस और AAP के बीच सीट शेयरिंग
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गुरुवार को सीट शेयरिंग पर सहमति बन गई है. पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी जबकि दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, गोवा, असम और चंडीगढ़ सहित देश के अन्य राज्यों में दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ेंगी. दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से चार सीट पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी और तीन सीट पर सपा चुनावी मैदान में उतरेगी. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस को तीन सीटें देने के बदले में असम, गोवा, हरियाणा और गुजरात में सीटें अपने लिए ली हैं.
कांग्रेस को दिल्ली में ईस्ट, नार्थ-ईस्ट और चांदनी चौक सीट मिली है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने गुजरात में भरूच और भावनगर लोकसभा सीट आम आदमी पार्टी को देने पर सहमति जताई है. इसके अलावा हरियाणा में भी कांग्रेस एक सीट आम आदमी पार्टी को दे सकती है, वो सीट गुरुग्राम या फरीदाबाद हो सकती है. असम की एक सीट आम आदमी पार्टी को मिलने की संभावना है, जहां से पार्टी अपना कैंडिडेट उतार चुकी है. दक्षिण गोवा सीट AAP मांग रही, लेकिन कांग्रेस तैयार नहीं है. कांग्रेस का सीटिंग सांसद है, जिसके चलते इनकार कर दिया है जबकि आम आदमी पार्टी इस सीट से अपना उम्मीदवार उतार चुकी है. पंजाब की तरह चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ सकते हैं?
टीएमसी के साथ कांग्रेस की बनेगी बात
टीएमसपी प्रमुख ममता बनर्जी के साथ सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस ने फिर से बातचीत का सिलसिला शुरू किया है. पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटें हैं, जिस पर सहमति बनाने की कोशिश हो रही है. टीएमसी और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग का 36-6 का फॉर्मूला निकल सकता है. सूत्रों की माने तो ममता बनर्जी पांच सीटें कांग्रेस को देने के लिए तैयार है. बहरामपुर, मालदा की दो सीटें, रायगंज और दार्जिलिंग सीट देने का ऑफर दिया है. वहीं, कांग्रेस ने टीएमसी से मुर्शिदाबाद, जंगीपुर और पुरुलिया सीट की मांग की है. इसमें ये यदि टीएमसी पुरुलिया सीट दे देती है तो छह सीटों पर मामला डन हो सकता है.
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने बंगाल के नेताओं से पूछा था कि ममता बनर्जी के साथ गठबंधन में सम्माजनक सीटें कितनी होनी चाहिए, इस पर नेताओं ने 6 से 9 के बीच आंकड़ा बताया था. ममता बनर्जी इनमें से 5 पर तैयार हो गई हैं, छठवीं पर बातचीत अंतिम दौर में चल रही है. टीएमसी पश्चिम बंगाल में सीट कांग्रेस को देने के बदले में उससे असम और मेघालय में अपने लिए सीट चाहती है. कांग्रेस मेघालय में एक और एक सीट असम में देने के लिए तैयार है. त्रिपुरा की दो सीटों को लेकर अभी सहमति नहीं बनी.
महाराष्ट्र में भी इंडिया गठबंधन का प्लान तैयार
वामपंथी दलों के साथ टीएमसी के छत्तीस के आंकड़े हैं, लेकिन कांग्रेस के साथ बेहतर तालमेल दिख रहा है. लेफ्ट भी कई राज्यों में चुनाव लड़ना चाहता है, जिसमें तेलंगाना से लेकर बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में सीट मांग सकती है. केरल में कांग्रेस और लेफ्ट आमने-सामने चुनाव लड़ेंगे. इस तरह बंगाल में लेफ्ट अलग चुनावी मैदान में उतरेगा, लेकिन बाकी तमिलनाडु, झारखंड और बिहार में इंडिया गठबंधन के तहत चुनावी मैदान में उतरेगी. बिहार में आरजेडी, लेफ्ट और कांग्रेस एक साथ है तो झारखंड में भी यही तस्वीर है.
महाराष्ट्र में कांग्रेस ने शरद पवार की एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का प्लान बनाया है और तीनों दलों के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला लगभग तय हो चुका है. राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस और उद्धव ठाकर की शिवसेना बराबर सीटों पर चुनाव लड़ सकती है तो शरद पवार की पार्टी को कम सीटें मिलेंगी. महाराष्ट्र के साथ-साथ दमन द्वीप की सीट भी शिवसेना चाहती है, जिस पर कांग्रेस अपनी सहमति दे सकती है. इसी तरह एनसीपी की डिमांड लक्ष्यद्वीप सीट की है, जहां से कांग्रेस चुनावी मैदान में उतरने का प्लान बनाया है.