Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी प्रदेश इकाई में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए सत शर्मा को जम्मू-कश्मीर बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। वहीं, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र रैना को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया है।
चुनावी परिदृश्य
बीजेपी ने सत शर्मा को 9 सितंबर 2024 को जम्मू और कश्मीर का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था, चुनावी माहौल में। हालांकि, इस बार पार्टी ने शर्मा को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया। पिछले विधानसभा चुनाव में, जो 2014 में हुआ था, शर्मा ने जम्मू वेस्ट सीट से जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार बीजेपी ने इस सीट पर अरविंद गुप्ता को टिकट दिया, जिन्होंने कांग्रेस के मनमोहन सिंह को 22,127 वोटों से हराया। गुप्ता को 41,963 वोट मिले, जबकि मनमोहन सिंह को 19,836 वोट प्राप्त हुए।
सत शर्मा: नया प्रदेश अध्यक्ष
सत शर्मा को दूसरी बार जम्मू-कश्मीर बीजेपी की कमान सौंपी गई है। उन्होंने पहले 2014 से 2018 तक इस पद का कार्यभार संभाला था, जब उनके नेतृत्व में पार्टी ने विधानसभा में 25 सीटें जीती थीं। शर्मा पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और उनका जन्म जम्मू के डोगरा ब्राह्मण परिवार में हुआ। उन्होंने जम्मू विश्वविद्यालय के जीजीएम साइंस कॉलेज से बीएससी की डिग्री प्राप्त की और 1986 में भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान के फेलो बने।
सत शर्मा ने बीजेपी-पीडीपी सरकार में मंत्री पद भी संभाला, जिसमें वह 40 दिनों तक हाउसिंग और डेवलपमेंट विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे। उनकी नई नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि पार्टी आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीतियों में बदलाव कर रही है।
क्या हार की सजा है रविंद्र रैना को?
रविन्द्र रैना, जिन्होंने चुनाव के दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नेतृत्व किया, उन्हें खुद अपनी सीट पर हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने 7,819 वोटों से हार का सामना किया। चुनाव परिणामों के बाद, यह चर्चा थी कि उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी। रविवार को नए अध्यक्ष की घोषणा के साथ ही इस संभावना को और बल मिला है।
चुनाव परिणाम और नेशनल कॉन्फ्रेंस की वापसी
जम्मू-कश्मीर में इस बार 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन ने शानदार जीत हासिल की। उमर अब्दुल्ला प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने हैं, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42 सीटें मिलीं और कांग्रेस को केवल 6 सीटें हासिल हुईं। बीजेपी ने 2014 की तुलना में इस बार अधिक सीटें जीतीं, कुल 29 सीटों पर जीत दर्ज की।
निष्कर्ष
जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य में ये बदलाव न केवल बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि राज्य की राजनीति को भी प्रभावित करेंगे। सत शर्मा के नए नेतृत्व में, पार्टी आगामी चुनावों के लिए नई रणनीतियाँ और दृष्टिकोण अपनाने की योजना बना रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी इस नए नेतृत्व के साथ किस प्रकार अपने कार्यों और चुनावी संभावनाओं को प्रभावित करती है।