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Sakshi Malik News:साक्षी मलिक ने कहा- राजनीति का मुझे लालच नहीं, विनेश के कांग्रेस ज्वाइन करने पर कही ये बात

Sakshi Malik News: ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक का बयान सामने आया है। उन्होंने विनेश, राजनीति और बृज भूषण को लेकर बयान दिया और कहा कि उन्हें राजनीति का

Sakshi Malik News: ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने हाल ही में पहलवान विनेश फोगाट के कांग्रेस में शामिल होने के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। साक्षी ने स्पष्ट किया कि बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी है और मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। उन्होंने यह भी कहा, "मेरा स्टैंड अब भी वही है। मुझे किसी चीज का कोई लालच नहीं है। कांग्रेस में शामिल होना विनेश का निजी फैसला है।"

बीजेपी नेताओं के विरोध प्रदर्शन की इजाजत

साक्षी ने बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाया कि उन्होंने ही विरोध प्रदर्शन की इजाजत दी थी। उन्होंने कहा, "हमारे पास सबूत भी है, तो इसमें झूठ कहां है? यह कहना गलत है कि विरोध इसलिए शुरू किया गया क्योंकि वे कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे।" उन्होंने यह भी बताया कि वह रेलवे और खेल के क्षेत्र में काम कर रही हैं और उन्हें किसी भी पद का कोई लालच नहीं है।

किताब ‘विटनेस’ में खुलासे

साक्षी मलिक ने हाल ही में अपनी किताब ‘विटनेस’ में अपने करियर के संघर्षों और पहलवानों के आंदोलन के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। किताब में उन्होंने आरोप लगाया है कि बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट के करीबी लोगों ने उनके मन में लालच भरना शुरू किया था। इससे उनके विरोध प्रदर्शन में दरार आने लगी थी।

बजरंग पूनिया और विनेश का जवाब

साक्षी के इस बयान के बाद, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने भी प्रतिक्रिया दी है। साक्षी ने बताया कि पिछले साल विनेश और बजरंग के एशियाई खेलों के ट्रायल्स से छूट लेने के फैसले ने बृज भूषण के खिलाफ उनके विरोध प्रदर्शन की छवि को प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि इससे यह अभियान स्वार्थी दिखाई देने लगा, जिससे समर्थकों में असमंजस पैदा हुआ। हालांकि, साक्षी ने उन लोगों के नाम का खुलासा नहीं किया जिन्होंने बजरंग और विनेश को प्रभावित किया।

निष्कर्ष

साक्षी मलिक का यह बयान न केवल उनके संघर्ष को दर्शाता है, बल्कि भारतीय कुश्ती में हो रहे राजनीतिक बदलावों की भी झलक देता है। उनका स्पष्ट दृष्टिकोण और बृज भूषण के खिलाफ चल रही लड़ाई इस बात का संकेत है कि वे अपने अधिकारों के लिए निरंतर संघर्षरत हैं। इस बीच, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का हालिया निर्णय और उनकी प्रतिक्रिया इस मुद्दे को और अधिक जटिल बनाते हैं। भारतीय कुश्ती का भविष्य अब राजनीति और व्यक्तिगत फैसलों के बीच एक नाजुक संतुलन पर टिका हुआ है।

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