Russia-Ukraine War: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को पश्चिमी देशों को एक गंभीर चेतावनी दी, जिसके बाद वैश्विक स्तर पर हड़कंप मच गया। यूक्रेन में बढ़ते हमलों को लेकर बोलते हुए, पुतिन ने स्पष्ट किया कि यदि रूस पर पारंपरिक मिसाइलों से हमला किया गया, तो वह परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है। पुतिन के इस बयान ने वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य को एक नए सिरे से विचार करने को मजबूर कर दिया है, खासकर तब जब उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी परमाणु शक्ति की मदद से किए गए हमले को संयुक्त हमला माना जाएगा।
परमाणु नीति में बदलाव
पुतिन का यह ऐलान रूस की परमाणु नीति में महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। यूक्रेन को अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा दी जा रही खतरनाक पश्चिमी मिसाइलों के संदर्भ में पुतिन ने यह चेतावनी दी है। उन्होंने सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान अधिकारियों को बताया कि तेजी से बदलते वैश्विक हालात और रूस के लिए बढ़ते खतरे को देखते हुए यह कदम उठाना आवश्यक हो गया है।
कब करेगा रूस परमाणु हमला?
रूस के राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि यदि यूक्रेन को अमेरिका और नाटो देशों द्वारा दिए गए विनाशकारी हथियारों का उपयोग किया गया, तो रूस इसका गंभीर जवाब देगा। पुतिन ने उल्लेख किया कि अगर उनके ऊपर घातक मिसाइलों, ड्रोन और विमानों से हमले किए जाते हैं, तो वे इसे संयुक्त हमला मानेंगे और परमाणु बमों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस चेतावनी में यह भी शामिल है कि रूस के निशाने पर केवल यूक्रेन नहीं, बल्कि उसे मदद देने वाले पश्चिमी देश भी होंगे।
क्यूबा मिसाइल संकट की याद
यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण रूस और पश्चिम के बीच तनाव की स्थिति लगातार बढ़ती जा रही है। यह स्थिति 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट की याद दिलाती है, जब अमेरिका और सोवियत संघ के बीच परमाणु संघर्ष की संभावना बहुत अधिक थी। वर्तमान हालात भी उस समय की तरह ही गंभीर नजर आ रहे हैं, जब दोनों महाशक्तियों के बीच एक गलतफहमी या गलती वैश्विक स्तर पर विनाशकारी परिणाम ला सकती है।
वैश्विक प्रतिक्रिया
पुतिन की इस चेतावनी के बाद विभिन्न देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह तनाव इसी तरह बढ़ता रहा, तो विश्व को एक नई युद्ध की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि पश्चिमी देशों को पुतिन की चेतावनी को गंभीरता से लेना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की अनचाही स्थिति से बचा जा सके।
निष्कर्ष
पुतिन का बयान केवल एक चेतावनी नहीं, बल्कि यह एक गंभीर संकेत है कि रूस अपनी सुरक्षा को लेकर कितनी संवेदनशीलता रखता है। अगर यह स्थिति नियंत्रण से बाहर निकलती है, तो इसके परिणाम केवल रूस और यूक्रेन के लिए ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लिए विनाशकारी हो सकते हैं। ऐसे में वैश्विक समुदाय को चाहिए कि वह इस संकट का समाधान ढूंढने के लिए सक्रियता से कदम उठाए, ताकि एक नया क्यूबा मिसाइल संकट उत्पन्न न हो।