India-Russia Relation: रूस और भारत की दोस्ती ऐतिहासिक रूप से गहरी रही है। दोनों देशों के बीच दशकों से मजबूत राजनयिक, आर्थिक और सामरिक संबंध रहे हैं। हाल के वर्षों में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की घनिष्ठ मित्रता ने इस संबंध को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
मोदी-पुतिन की जुगलबंदी
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच व्यक्तिगत मित्रता और आपसी समझ का प्रभाव दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में स्पष्ट रूप से झलकता है। ये दोनों नेता नियमित रूप से बातचीत करते हैं और हर दो महीने में कम से कम एक बार टेलीफोन पर चर्चा होती है। इससे स्पष्ट होता है कि भारत और रूस के बीच संवाद और सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है।
पुतिन का भारत दौरा
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने हाल ही में पुष्टि की कि राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए भारत की यात्रा करेंगे। हालांकि, इस दौरे की तिथियों की घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन इसकी तैयारियां जोरों पर हैं। यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी
भारत और रूस के बीच संबंध केवल औपचारिक राजनयिक स्तर तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह एक ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ के रूप में विकसित हो रहे हैं। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री मोदी ने रूस का दौरा किया था, जो उनके द्वारा पांच वर्षों में किया गया पहला दौरा था। इस यात्रा के दौरान उन्होंने पुतिन को भारत आने का आमंत्रण दिया था, जिसे अब पुतिन ने स्वीकार कर लिया है।
नया बहुपक्षीय संगठन
रूस, भारत, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों के साथ मिलकर एक नया अंतरराष्ट्रीय संगठन बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। इस संगठन का उद्देश्य वैश्विक मंच पर शक्ति संतुलन स्थापित करना और पश्चिमी देशों के वर्चस्व को चुनौती देना है।
भविष्य की संभावनाएं
भारत और रूस के संबंध न केवल द्विपक्षीय व्यापार और रक्षा सहयोग तक सीमित हैं, बल्कि ऊर्जा, अंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भी लगातार विस्तार कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच पारस्परिक सहयोग से वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में भी बड़ा प्रभाव पड़ेगा।